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क्या बगदादी की मौत के बाद खत्म हो जाएगा आईएस का आतंक ?

अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक खुशखबरी की घोषणा की. संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार द्वारा किए गए कायला मुलर ऑपरेशन में, इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया था.

क्या बगदादी की मौत के बाद खत्म हो जाएगा
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Published : Nov 1, 2019, 12:49 PM IST

दिवाली का पर्व पर, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक खुशखबरी की घोषणा की. संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार द्वारा किए गए कायला मुलर ऑपरेशन में, इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया था. इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस), जो अपनी सीमाओं का विस्तार करने और कई राष्ट्रों के विलय के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ स्थापित हुआ था, ने 2014 में इसका नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट (आईएस) कर दिया गया.

अमेरिकी सरकार ने बगदादी के सिर पर 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की थी. हालाँकि रूस ने घोषणा की कि रक्का, सीरिया पर उसके हमले के दौरान हो सकता है बगदादी मारा गया था. ट्रम्प को उसके दावों पर विश्वास नहीं किया. आईएस की दीवारों को ढहाने के लिए अमरीका ने कुर्दों की मदद ली. बगदादी, जो रूस, इराक और तुर्की के हवाई क्षेत्र का उपयोग करके सीरिया के इदलिब में छिपा हुआ था, उसपर 8 अमेरिकी हेलीकॉप्टरों द्वारा हमला किया गया.. वह एकल द्वार की सुरंग में भाग गया और खुद अपनी जान ले ली. ट्रम्प, जिन्होंने पूरे ऑपरेशन को देखने का दावा किया, ने बगदादी के डीएनए टेस्ट के 15 मिनट के भीतर उसे मृत घोषित कर दिया. यह सब दर्शाता है कि चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे अमरीकी राष्ट्रपति अपनी छवि सुधारने का भरसक प्रयत्न कर रहें हैं. मगर अब ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बगदादी को मार गिराने से सारे आतंकवादी संगठन निष्क्रिय हो जायेंगे?

9/11 के बाद जॉर्ज बुश के पहले बड़े भाषण में, उन्होंने अमरिकियों से इस त्रासदी को कार्रवाई के लिए एक आह्वान के रूप में देखने का आग्रह किया और कहा कि “यह देश शांत है लेकिन गुस्सा दिलाने पर भड़क उठता है. यह उस तरह से खत्म होगा, और उस पल में, जिसे हम चुनेंगे.” आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध अफगानिस्तान में तालिबान और उसके समर्थक अल-कायदा को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था. अमेरिका द्वारा तालिबान को नष्ट करने के बाद पाकिस्तान अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के बचाव में आया. 2011 में, ओबामा सरकार ने गर्व से उनके सफल सैन्य अभियान के बाद लादेन की मौत की घोषणा की. यद्यपि ट्रम्प की ये घोषणा कि बगदादी को मारना लादेन की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, आलोचना का कारण बनी. यह निर्विवाद है कि आईएस द्वारा प्रेरित आतंक ने सभी देशों में सिहरन पैदा कर दी थी.

आईएस ने चीन, भारत, फिलिस्तीन, सोमालिया, मिस्र, इराक, ईरान, फिलीपींस, मोरक्को जैसे देशों को जिहाद का आह्वान करते हुए कहा कि उनके अधिकारों से समझौता किया जा रहा है. आईएसआईएस के नेता के रूप में बगदादी का विकास और उसके द्वारा आजमाए गए क्रूर, अमानवीय तरीके अद्वितीय हैं. ये धारणा कि बगदादी की मौत के बाद आईएस खत्म हो जायेगा गलत है. लोकतंत्र को नष्ट करने के बगदादी के आह्वान ने कई आतंकवादी संगठनों को जन्म दिया है. आईएस ने 5 साल पहले गुजरात और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की योजना बनाई थी. अल-कायदा, जो अलग-थलग नहीं रहना चाहता था, ने म्यांमार, बांग्लादेश, असम और कश्मीर के क्षेत्रों को जीतने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की, जो इस बात का प्रमाण है कि लादेन की मौत ने संगठन का पूरी तरह से सफाया नहीं किया.

हालांकि, अमरीका ने बगदादी द्वारा निर्मित इस्लामिक खिलाफ़त को गर्व से समाप्त करने की घोषणा की, लेकिन ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुआ रक्तपात आईएस की करनी साबित हुई. बगदादी ने अपने हिंसक तरीकों और खोरासन प्रांत को हासिल करने के अपने सपने से युवाओं को आकर्षित किया. उसकी हत्या से ट्रम्प को फायदा हो सकता है, जो अपनी राजनीतिक पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के लिए इसका कोई महत्व नहीं है. अमरीका के होमलैंड सिक्यूरिटी के अध्यक्ष ने खुद कहा कि अमरिकी तरीके आतंकवाद को नियंत्रित करने में पूर्णतः विफल रहे हैं. ट्रम्प कायला मुलर ऑपरेशन के बारे में अपने ही तूती बजा सकते हैं, लेकिन लगातार बढ़ता आतंकवाद वास्तविकता को कभी भी छिपा नहीं सकता है.

दिवाली का पर्व पर, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक खुशखबरी की घोषणा की. संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार द्वारा किए गए कायला मुलर ऑपरेशन में, इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया था. इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस), जो अपनी सीमाओं का विस्तार करने और कई राष्ट्रों के विलय के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ स्थापित हुआ था, ने 2014 में इसका नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट (आईएस) कर दिया गया.

अमेरिकी सरकार ने बगदादी के सिर पर 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की थी. हालाँकि रूस ने घोषणा की कि रक्का, सीरिया पर उसके हमले के दौरान हो सकता है बगदादी मारा गया था. ट्रम्प को उसके दावों पर विश्वास नहीं किया. आईएस की दीवारों को ढहाने के लिए अमरीका ने कुर्दों की मदद ली. बगदादी, जो रूस, इराक और तुर्की के हवाई क्षेत्र का उपयोग करके सीरिया के इदलिब में छिपा हुआ था, उसपर 8 अमेरिकी हेलीकॉप्टरों द्वारा हमला किया गया.. वह एकल द्वार की सुरंग में भाग गया और खुद अपनी जान ले ली. ट्रम्प, जिन्होंने पूरे ऑपरेशन को देखने का दावा किया, ने बगदादी के डीएनए टेस्ट के 15 मिनट के भीतर उसे मृत घोषित कर दिया. यह सब दर्शाता है कि चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे अमरीकी राष्ट्रपति अपनी छवि सुधारने का भरसक प्रयत्न कर रहें हैं. मगर अब ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बगदादी को मार गिराने से सारे आतंकवादी संगठन निष्क्रिय हो जायेंगे?

9/11 के बाद जॉर्ज बुश के पहले बड़े भाषण में, उन्होंने अमरिकियों से इस त्रासदी को कार्रवाई के लिए एक आह्वान के रूप में देखने का आग्रह किया और कहा कि “यह देश शांत है लेकिन गुस्सा दिलाने पर भड़क उठता है. यह उस तरह से खत्म होगा, और उस पल में, जिसे हम चुनेंगे.” आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध अफगानिस्तान में तालिबान और उसके समर्थक अल-कायदा को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था. अमेरिका द्वारा तालिबान को नष्ट करने के बाद पाकिस्तान अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के बचाव में आया. 2011 में, ओबामा सरकार ने गर्व से उनके सफल सैन्य अभियान के बाद लादेन की मौत की घोषणा की. यद्यपि ट्रम्प की ये घोषणा कि बगदादी को मारना लादेन की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, आलोचना का कारण बनी. यह निर्विवाद है कि आईएस द्वारा प्रेरित आतंक ने सभी देशों में सिहरन पैदा कर दी थी.

आईएस ने चीन, भारत, फिलिस्तीन, सोमालिया, मिस्र, इराक, ईरान, फिलीपींस, मोरक्को जैसे देशों को जिहाद का आह्वान करते हुए कहा कि उनके अधिकारों से समझौता किया जा रहा है. आईएसआईएस के नेता के रूप में बगदादी का विकास और उसके द्वारा आजमाए गए क्रूर, अमानवीय तरीके अद्वितीय हैं. ये धारणा कि बगदादी की मौत के बाद आईएस खत्म हो जायेगा गलत है. लोकतंत्र को नष्ट करने के बगदादी के आह्वान ने कई आतंकवादी संगठनों को जन्म दिया है. आईएस ने 5 साल पहले गुजरात और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की योजना बनाई थी. अल-कायदा, जो अलग-थलग नहीं रहना चाहता था, ने म्यांमार, बांग्लादेश, असम और कश्मीर के क्षेत्रों को जीतने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की, जो इस बात का प्रमाण है कि लादेन की मौत ने संगठन का पूरी तरह से सफाया नहीं किया.

हालांकि, अमरीका ने बगदादी द्वारा निर्मित इस्लामिक खिलाफ़त को गर्व से समाप्त करने की घोषणा की, लेकिन ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुआ रक्तपात आईएस की करनी साबित हुई. बगदादी ने अपने हिंसक तरीकों और खोरासन प्रांत को हासिल करने के अपने सपने से युवाओं को आकर्षित किया. उसकी हत्या से ट्रम्प को फायदा हो सकता है, जो अपनी राजनीतिक पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के लिए इसका कोई महत्व नहीं है. अमरीका के होमलैंड सिक्यूरिटी के अध्यक्ष ने खुद कहा कि अमरिकी तरीके आतंकवाद को नियंत्रित करने में पूर्णतः विफल रहे हैं. ट्रम्प कायला मुलर ऑपरेशन के बारे में अपने ही तूती बजा सकते हैं, लेकिन लगातार बढ़ता आतंकवाद वास्तविकता को कभी भी छिपा नहीं सकता है.

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क्या बगदादी की मौत के बाद खत्म हो जाएगा आईएस का आतंक ?



दिवाली का पर्व पर, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक खुशखबरी की घोषणा की. संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार द्वारा किए गए कायला मुलर ऑपरेशन में, इस्लामिक स्टेट का सरगना अबू बक्र अल-बगदादी मारा गया था. इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस), जो अपनी सीमाओं का विस्तार करने और कई राष्ट्रों के विलय के दीर्घकालिक लक्ष्य के साथ स्थापित हुआ था, ने 2014 में इसका नाम बदलकर इस्लामिक स्टेट (आईएस) कर दिया गया.



अमेरिकी सरकार ने बगदादी के सिर पर 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा की थी. हालाँकि रूस ने घोषणा की कि रक्का, सीरिया पर उसके हमले के दौरान हो सकता है बगदादी मारा गया था. ट्रम्प को उसके दावों पर विश्वास नहीं किया. आईएस की दीवारों को ढहाने के लिए अमरीका ने कुर्दों की मदद ली. बगदादी, जो रूस, इराक और तुर्की के हवाई क्षेत्र का उपयोग करके सीरिया के इदलिब में छिपा हुआ था, उसपर 8 अमेरिकी हेलीकॉप्टरों द्वारा हमला किया गया.. वह एकल द्वार की सुरंग में भाग गया और खुद अपनी जान ले ली. ट्रम्प, जिन्होंने पूरे ऑपरेशन को देखने का दावा किया, ने बगदादी के डीएनए टेस्ट के 15 मिनट के भीतर उसे मृत घोषित कर दिया. यह सब दर्शाता है कि चारों तरफ से आलोचनाओं से घिरे अमरीकी राष्ट्रपति अपनी छवि सुधारने का भरसक प्रयत्न कर रहें हैं. मगर अब ये भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या एक बगदादी को मार गिराने से सारे आतंकवादी संगठन निष्क्रिय हो जायेंगे?



9/11 के बाद जॉर्ज बुश के पहले बड़े भाषण में, उन्होंने अमरिकियों से इस त्रासदी को कार्रवाई के लिए एक आह्वान के रूप में देखने का आग्रह किया और कहा कि “यह देश शांत है लेकिन गुस्सा दिलाने पर भड़क उठता है. यह उस तरह से खत्म होगा, और उस पल में, जिसे हम चुनेंगे.” आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध अफगानिस्तान में तालिबान और उसके समर्थक अल-कायदा को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था. अमेरिका द्वारा तालिबान को नष्ट करने के बाद पाकिस्तान अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन के बचाव में आया.  2011 में, ओबामा सरकार ने गर्व से उनके सफल सैन्य अभियान के बाद लादेन की मौत की घोषणा की. यद्यपि ट्रम्प की ये घोषणा कि बगदादी को मारना लादेन की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है, आलोचना का कारण बनी. यह निर्विवाद है कि आईएस द्वारा प्रेरित आतंक ने सभी देशों में सिहरन पैदा कर दी थी.



आईएस ने चीन, भारत, फिलिस्तीन, सोमालिया, मिस्र, इराक, ईरान, फिलीपींस, मोरक्को जैसे देशों को जिहाद का आह्वान करते हुए कहा कि उनके अधिकारों से समझौता किया जा रहा है. आईएसआईएस के नेता के रूप में बगदादी का विकास और उसके द्वारा आजमाए गए क्रूर, अमानवीय तरीके अद्वितीय हैं. ये धारणा कि बगदादी की मौत के बाद आईएस खत्म हो जायेगा गलत है. लोकतंत्र को नष्ट करने के बगदादी के आह्वान ने कई आतंकवादी संगठनों को जन्म दिया है. आईएस ने 5 साल पहले गुजरात और पश्चिमी भारत के कुछ हिस्सों पर कब्जा करने की योजना बनाई थी. अल-कायदा, जो अलग-थलग नहीं रहना चाहता था, ने म्यांमार, बांग्लादेश, असम और कश्मीर के क्षेत्रों को जीतने के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा की, जो इस बात का प्रमाण है कि लादेन की मौत ने संगठन का पूरी तरह से सफाया नहीं किया.



हालाँकि, अमरीका ने बगदादी द्वारा निर्मित इस्लामिक खिलाफ़त को गर्व से समाप्त करने की घोषणा की, लेकिन ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुआ रक्तपात आईएस की करनी साबित हुई. बगदादी ने अपने हिंसक तरीकों और खोरासन प्रांत को हासिल करने के अपने सपने से युवाओं को आकर्षित किया. उसकी हत्या से ट्रम्प को फायदा हो सकता है, जो अपनी राजनीतिक पहचान बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन दुनिया के लिए इसका कोई महत्व नहीं है. अमरीका के होमलैंड सिक्यूरिटी के अध्यक्ष ने खुद कहा कि अमरिकी तरीके आतंकवाद को नियंत्रित करने में पूर्णतः विफल रहे हैं. ट्रम्प कायला मुलर ऑपरेशन के बारे में अपने ही तूती बजा सकते हैं, लेकिन लगातार बढ़ता आतंकवाद वास्तविकता को कभी भी छिपा नहीं सकता है.


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