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कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ इन बातों को जानना बेहद जरूरी

कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है. इस पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. भारत समेत पूरी दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन लगाया हुआ है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 5, 2020, 12:05 AM IST

हैदराबाद : कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है. इस पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. भारत समेत पूरी दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन लगाया हुआ है. तेजी से फैलती इस महामारी के बारे में आपको कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है.

बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के लोगों में कोराना संक्रमण पाए जाने के बाद भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ें हैं. भारत में कोरोना मरीजों की संख्या तीन हजार के पार चली गई है. अबतक के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं.

दुनियाभर में कोरोना मरीजों की संख्या हुई 10 लाख के पार
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के नए टैली के अनुसार, विश्व में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है. वहीं इस खतरनाक वायरस से अबतक कुल 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, दो लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं.

दुनिया में कोरोना के अबतक सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं. यहां 245,213 लोग इस वायरस से संक्रमित और 5,983 लोगों की मौत हो चुकी है. इटली में कुल 115,242 मामलों के साथ, यहां मौतों की संख्या 13,915 है. वहीं स्पेन 112,065 मरीजों के साथ तीसरे स्थान पर है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की बढ़ी चिंता
कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिंता भी बढ़ती जा रही है. डब्ल्यूएचओ ने एक नई मार्गदर्शिका बनाई है, जिसमें कहा गया है कि सभी देश अपनी जरूरत के अनुसार आवश्यक दवाओं की सूची बनाए और उसे विकसित कर लोगों तक पहुंचाए.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, साल 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए कम से कम दो अरब लोगों तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचानी होगी.

आज दुनियाभर में नई-नई दवाईयां तेजी से पेटेंट कराई जा रही हैं, जो केवल एकाधिकार मूल्य पर उपलब्ध हैं. इसके कारण यह दवाईयां व्यापक पहुंच से दूर होती हैं. फिलहाल इन आवश्यक उपचारों से जुड़ी बौद्धिक संपदा चुनौतियों को दूर करने के लिए एक सार्वजनिक नीति प्रतिक्रिया की काफी आवश्यकता है.

साउथ कोरिया में कोरोना का फैलाव
साउथ कोरिया में कोरोना के 30 मामले आने के बाद इस पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो गया. एक आभासी विश्व आर्थिक मंच पर कोविड-19 टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए, दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा ने कहा, 'जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती गई. इसके प्रसार को रोकना मुश्किल हो गया.'

साउथ कोरिया में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां हर नागरिक को कोविड-19 का टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया. यहां अब तक 350,000 से भी ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा चुका है.
यूएस, इटली और यूके जैसै देशों की तरह साउथ कोरिया में कोई लॉकडाउन नहीं किया गया. हालांकि, स्कूलों को इस दौरान बंद रखा गया था.

कोरोना वायरस और मौसमी फ्लू में अंतर
कोविड-19, कोल्ड और फ्लू श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं. हालांकि, कोविड-19 और फ्लू के कुछ समान लक्षण होते हैं. फ्लू के लक्षण तेजी से देखे जा सकते हैं और इसमें काफी भिन्नता भी हो सकती है. वहीं कोरोना वायरस इंसान को बीमार करने के साथ-साथ उसकी जान भी ले सकता है.

हैदराबाद : कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही है. इस पर लगाम लगाने के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. भारत समेत पूरी दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन लगाया हुआ है. तेजी से फैलती इस महामारी के बारे में आपको कुछ बातें जानना बेहद जरूरी है.

बड़ी संख्या में तबलीगी जमात के लोगों में कोराना संक्रमण पाए जाने के बाद भारत में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ें हैं. भारत में कोरोना मरीजों की संख्या तीन हजार के पार चली गई है. अबतक के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में हैं.

दुनियाभर में कोरोना मरीजों की संख्या हुई 10 लाख के पार
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के नए टैली के अनुसार, विश्व में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 10 लाख के पार पहुंच गई है. वहीं इस खतरनाक वायरस से अबतक कुल 50 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. हालांकि, दो लाख से ज्यादा लोग इस बीमारी से ठीक भी हुए हैं.

दुनिया में कोरोना के अबतक सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में हैं. यहां 245,213 लोग इस वायरस से संक्रमित और 5,983 लोगों की मौत हो चुकी है. इटली में कुल 115,242 मामलों के साथ, यहां मौतों की संख्या 13,915 है. वहीं स्पेन 112,065 मरीजों के साथ तीसरे स्थान पर है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन की बढ़ी चिंता
कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की चिंता भी बढ़ती जा रही है. डब्ल्यूएचओ ने एक नई मार्गदर्शिका बनाई है, जिसमें कहा गया है कि सभी देश अपनी जरूरत के अनुसार आवश्यक दवाओं की सूची बनाए और उसे विकसित कर लोगों तक पहुंचाए.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, साल 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए कम से कम दो अरब लोगों तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचानी होगी.

आज दुनियाभर में नई-नई दवाईयां तेजी से पेटेंट कराई जा रही हैं, जो केवल एकाधिकार मूल्य पर उपलब्ध हैं. इसके कारण यह दवाईयां व्यापक पहुंच से दूर होती हैं. फिलहाल इन आवश्यक उपचारों से जुड़ी बौद्धिक संपदा चुनौतियों को दूर करने के लिए एक सार्वजनिक नीति प्रतिक्रिया की काफी आवश्यकता है.

साउथ कोरिया में कोरोना का फैलाव
साउथ कोरिया में कोरोना के 30 मामले आने के बाद इस पर काबू पाना बेहद मुश्किल हो गया. एक आभासी विश्व आर्थिक मंच पर कोविड-19 टास्क फोर्स की बैठक को संबोधित करते हुए, दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री कांग क्यूंग-वा ने कहा, 'जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती गई. इसके प्रसार को रोकना मुश्किल हो गया.'

साउथ कोरिया में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए वहां हर नागरिक को कोविड-19 का टेस्ट कराना अनिवार्य कर दिया गया. यहां अब तक 350,000 से भी ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा चुका है.
यूएस, इटली और यूके जैसै देशों की तरह साउथ कोरिया में कोई लॉकडाउन नहीं किया गया. हालांकि, स्कूलों को इस दौरान बंद रखा गया था.

कोरोना वायरस और मौसमी फ्लू में अंतर
कोविड-19, कोल्ड और फ्लू श्वसन संबंधी बीमारियां हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती हैं. हालांकि, कोविड-19 और फ्लू के कुछ समान लक्षण होते हैं. फ्लू के लक्षण तेजी से देखे जा सकते हैं और इसमें काफी भिन्नता भी हो सकती है. वहीं कोरोना वायरस इंसान को बीमार करने के साथ-साथ उसकी जान भी ले सकता है.

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