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कोरोना टीके का दूसरा ड्राई रन कमियों को दूर करने के लिए किया गया : आईएमए - दूसरा ड्राई रन

कोविड -19 टीकाकरण के दूसरे ड्राई रन यानी पूर्वाभ्यास पर सीनियर हेल्थ एक्सपर्ट और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने ईटीवी भारत से बातचीत की. जानिए क्या कहा.

Dr Jayesh M Lele
डॉ. जयेश लेले
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Published : Jan 8, 2021, 9:59 PM IST

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने कोविड -19 टीकाकरण के दूसरे ड्राई रन को लेकर कहा कि ये जरूरी था. पिछले ड्राई रन के दौरान सामने आई कमियों को दूर करने के लिए ऐसा किया गया. 2 जनवरी को भारत में पहला राष्ट्रव्यापी ड्राई रन हुआ था.

डॉ. लेले ने कहा कि आज के ड्राई रन के दौरान वैक्सीन के परिवहन की कमियों को सुलझा लिया गया है. इससे हमें यह समझने में भी मदद मिली है कि वे कौन से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहां हमें सुधार की जरूरत है. कोविन (co-vin) एप को लेकर कहा कि इसको अभी प्रयोग में नहीं लाया गया है. ये अभी शुरुआती अध्धयन के चरण में है.

आईएमए के महासचिव से बातचीत

टीकाकरण को लेकर कि सरकार ने पहले स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण की बात की है और टीकों की उपलब्धता पर कहा कि हमारे पार दो तरह के टीके उपलब्ध हैं. उसी समय पर रूस से भी टीका आने की तैयारी है. फाइजर के आने की तैयारी है. उस समय जो वैक्सीन अतिरिक्त आती है, अगर बाहर से आती है और महंगी है तो भारतीय टीके पर निर्भर करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारा जो लक्ष्य है हर्ड इम्यूनिटी बढ़ाने का उसके लिए हमें सरकार के साथ होना चाहिए. सबसे पहले डॉक्टरों को टीका दिया जाना चाहिए. उसके बाद पैरामेडिकल स्टाफ, उसके बाद जो साठ साल से ऊपर हैं, जिन्हें डायबिटीज है या अन्य गंभीर बीमारी है, उन्हें टीका देना चाहिए.

पढ़ें- कोरोना टीके का दूसरा ड्राई रन देशभर में पूरा, स्वास्थ्य मंत्री बोले- लोगों तक जल्द पहुंचेगी वैक्सीन

हर्ड इम्युनिटी पर कहा यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि किसमें ये आ गई है. कई जगहों पर ये ज्यादा देखने को मिल रही है. इसे क्षेत्रवार नहीं बताया जा सकता.

नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश लेले ने कोविड -19 टीकाकरण के दूसरे ड्राई रन को लेकर कहा कि ये जरूरी था. पिछले ड्राई रन के दौरान सामने आई कमियों को दूर करने के लिए ऐसा किया गया. 2 जनवरी को भारत में पहला राष्ट्रव्यापी ड्राई रन हुआ था.

डॉ. लेले ने कहा कि आज के ड्राई रन के दौरान वैक्सीन के परिवहन की कमियों को सुलझा लिया गया है. इससे हमें यह समझने में भी मदद मिली है कि वे कौन से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जहां हमें सुधार की जरूरत है. कोविन (co-vin) एप को लेकर कहा कि इसको अभी प्रयोग में नहीं लाया गया है. ये अभी शुरुआती अध्धयन के चरण में है.

आईएमए के महासचिव से बातचीत

टीकाकरण को लेकर कि सरकार ने पहले स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण की बात की है और टीकों की उपलब्धता पर कहा कि हमारे पार दो तरह के टीके उपलब्ध हैं. उसी समय पर रूस से भी टीका आने की तैयारी है. फाइजर के आने की तैयारी है. उस समय जो वैक्सीन अतिरिक्त आती है, अगर बाहर से आती है और महंगी है तो भारतीय टीके पर निर्भर करेंगे.

उन्होंने कहा कि हमारा जो लक्ष्य है हर्ड इम्यूनिटी बढ़ाने का उसके लिए हमें सरकार के साथ होना चाहिए. सबसे पहले डॉक्टरों को टीका दिया जाना चाहिए. उसके बाद पैरामेडिकल स्टाफ, उसके बाद जो साठ साल से ऊपर हैं, जिन्हें डायबिटीज है या अन्य गंभीर बीमारी है, उन्हें टीका देना चाहिए.

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हर्ड इम्युनिटी पर कहा यह पूरी तरह से नहीं कहा जा सकता कि किसमें ये आ गई है. कई जगहों पर ये ज्यादा देखने को मिल रही है. इसे क्षेत्रवार नहीं बताया जा सकता.

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