ETV Bharat / bharat

वर्ष की दूसरी छमाही में भी आएगी कामकाजी घंटों में गिरावट : आईएलओ

author img

By

Published : Jul 2, 2020, 4:48 AM IST

अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने श्रमिकों को लेकर चेतावनी जारी की है कि दुनियाभर में कोरोना महामारी की वजह से पहली छमाही में काम के घंटों में गिरावट आई है. इसके साथ ही महामारी की वजह से दूसरी छमाही में गिरावट दर्ज की जाएगी. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर पड़ेगा.

ilo warns job hours
प्रतीकात्मक तस्वीर

जेनेवा : दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी से वर्ष 2020 की पहली छमाही कार्य घंटों की संख्या में बेहद खराब रही. दूसरी छमाही की बात करे तो इसमें भी महामारी के पहले जैसी काम के घंटों की वसूली होना मुश्किल है. इस स्थिति और बड़े पैमाने पर लोगों के रोजगार की कमी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने चेतावनी दी है.

मॉनिटर के अनुसार कोरोना और काम की दुनिया के पांचवें संस्करण में, 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान वैश्विक कामकाजी घंटों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 400 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के नुकसान के बराबर थी (आधारित) एक 48-घंटे काम सप्ताह).

यह पिछले मॉनिटर के अनुमान (27 मई को जारी), में 10.7 प्रतिशत की गिरावट (305 मिलियन नौकरियों) के साथ तेज वृद्धि है.

नए आंकड़े पिछले हफ्तों में कई क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हैं, खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में. क्षेत्रीय रूप से दूसरी तिमाही के लिए समय का नुकसान हो रहा है. अमेरिका (18.3 प्रतिशत), यूरोप और मध्य एशिया (13.9 प्रतिशत), एशिया और प्रशांत (13.5 प्रतिशत), अरब देशों (13.2 प्रतिशत), और अफ्रीका (12.1 प्रतिशत). दुनिया के अधिकांश कामगार (93 प्रतिशत) कुछ कार्यस्थल बंद करने वाले देशों में ही रहना चाहते हैं, जिनमें अमेरिका सबसे बड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं.

2020 की द्वितीय छमाही

नया मॉनिटर 2020 की दूसरी छमाही में वसूली के लिए तीन परिदृश्य प्रस्तुत करता है. आधारभूत, निराशावादी आशावादी. यह इस बात पर जोर देता है कि दीर्घकालिक परिणाम महामारी और सरकारी नीति विकल्पों के भविष्य के प्रक्षेपवक्र पर निर्भर करेगा.

पढ़ें : भारत में प्रोग्रामिंग, डाटा साइंस में दुनिया का पहला ऑनलाइन डिग्री कोर्स शुरू

आधारभूत मॉडल जो मौजूदा पूर्वानुमानों, कार्यस्थल प्रतिबंधों को उठाने और खपत और निवेश में कमी के साथ आर्थिक गतिविधियों में बदलावा मानता है - 2019 की चौथे तिमाही की तुलना में 4.9 प्रतिशत (140 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के बराबर) काम करने के घंटों में कमी का अनुमान है.

यह निराशावादी परिदृश्य एक दूसरी महामारी की लहर और प्रतिबंधों की वापसी मानता है जो काफी धीमी गति से वसूली करेगा. परिणामस्वारूप 11.9 प्रतिशत (340 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों) के काम के घंटे में गिरावट होगी.

आशावादी परिदृश्य मानता है कि श्रमिकों की गतिविधियां शीघ्र शुरू होती हैं तो मांग और रोजगार सृजन में काफी वृद्धि होगी. इस मांग के साथ काम के घंटे का वैश्विक नुकसान 1.2 प्रतिशत (34 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों) तक गिर जाएगा.

जेनेवा : दुनियाभर में फैली कोरोना महामारी से वर्ष 2020 की पहली छमाही कार्य घंटों की संख्या में बेहद खराब रही. दूसरी छमाही की बात करे तो इसमें भी महामारी के पहले जैसी काम के घंटों की वसूली होना मुश्किल है. इस स्थिति और बड़े पैमाने पर लोगों के रोजगार की कमी को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने चेतावनी दी है.

मॉनिटर के अनुसार कोरोना और काम की दुनिया के पांचवें संस्करण में, 2020 की दूसरी तिमाही के दौरान वैश्विक कामकाजी घंटों में 14 प्रतिशत की गिरावट आई, जो 400 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के नुकसान के बराबर थी (आधारित) एक 48-घंटे काम सप्ताह).

यह पिछले मॉनिटर के अनुमान (27 मई को जारी), में 10.7 प्रतिशत की गिरावट (305 मिलियन नौकरियों) के साथ तेज वृद्धि है.

नए आंकड़े पिछले हफ्तों में कई क्षेत्रों में बिगड़ती स्थिति को दर्शाते हैं, खासकर विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में. क्षेत्रीय रूप से दूसरी तिमाही के लिए समय का नुकसान हो रहा है. अमेरिका (18.3 प्रतिशत), यूरोप और मध्य एशिया (13.9 प्रतिशत), एशिया और प्रशांत (13.5 प्रतिशत), अरब देशों (13.2 प्रतिशत), और अफ्रीका (12.1 प्रतिशत). दुनिया के अधिकांश कामगार (93 प्रतिशत) कुछ कार्यस्थल बंद करने वाले देशों में ही रहना चाहते हैं, जिनमें अमेरिका सबसे बड़े प्रतिबंधों का सामना कर रहे हैं.

2020 की द्वितीय छमाही

नया मॉनिटर 2020 की दूसरी छमाही में वसूली के लिए तीन परिदृश्य प्रस्तुत करता है. आधारभूत, निराशावादी आशावादी. यह इस बात पर जोर देता है कि दीर्घकालिक परिणाम महामारी और सरकारी नीति विकल्पों के भविष्य के प्रक्षेपवक्र पर निर्भर करेगा.

पढ़ें : भारत में प्रोग्रामिंग, डाटा साइंस में दुनिया का पहला ऑनलाइन डिग्री कोर्स शुरू

आधारभूत मॉडल जो मौजूदा पूर्वानुमानों, कार्यस्थल प्रतिबंधों को उठाने और खपत और निवेश में कमी के साथ आर्थिक गतिविधियों में बदलावा मानता है - 2019 की चौथे तिमाही की तुलना में 4.9 प्रतिशत (140 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों के बराबर) काम करने के घंटों में कमी का अनुमान है.

यह निराशावादी परिदृश्य एक दूसरी महामारी की लहर और प्रतिबंधों की वापसी मानता है जो काफी धीमी गति से वसूली करेगा. परिणामस्वारूप 11.9 प्रतिशत (340 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों) के काम के घंटे में गिरावट होगी.

आशावादी परिदृश्य मानता है कि श्रमिकों की गतिविधियां शीघ्र शुरू होती हैं तो मांग और रोजगार सृजन में काफी वृद्धि होगी. इस मांग के साथ काम के घंटे का वैश्विक नुकसान 1.2 प्रतिशत (34 मिलियन पूर्णकालिक नौकरियों) तक गिर जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.