नई दिल्ली : चीन से पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट प्राप्त करने के कुछ घंटों बाद, भारत के सर्वोच्च चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने गुरुवार शाम को इन किट के उपयोग के बारे में दिशानिर्देश जारी किए.
आईसीएमआर ने कहा कि यह परीक्षण किसी व्यक्ति के रक्त या सीरम या प्लाज्मा के नमूनों पर किया जा सकता है और परीक्षण का परिणाम 30 मिनट में सामने आएगा. संक्रमण के सात से आठ दिनों के बाद टेस्ट पॉजिटिव आता है और संक्रमण के बाद कई हफ्तों तक टेस्ट पॉजिटिव रहता है.
परिषद ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण के निदान के लिए इन परीक्षणों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
आईसीएमआर के अधिकारियों ने ईटीवी भारत को बताया कि अब तक पुणे में NIV के 23 एंटीबॉडी-आधारित रैपिड टेस्ट को मंजूरी दी गई है, जिसमें से 14 टेस्ट को संतोषजनक पाया गया है.
उन्होंने बताया कि इन परीक्षण किट में नौ भारत में निर्मित की गई हैं, जिनमें नई कोरोना वायरस IgG /Igm वॉक्सटर बायो लिमिटेड, मेकशयूर कोविड 19 रैपिड टेस्ट HLL लाइफकेयर लिमिटेड, शामिल हैं.
इसके अलावा भारत को गुरुवार को चीन की दो अलग-अलग कंपनियों से पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट मिलीं. इनका इस्तेमाल शुरुआती उपचार के लिए नहीं किया जाएगा. इन सभी किट को यूएस-एफडीए द्वारा भी मंजूरी दी गई है.
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स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने दावा किया कि यह परीक्षण किट निश्चित रूप से कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में भारत की मदद करेंगी.
बता दें कि अब तक आईसीएमआर और इसकी प्रयोगशालाओं में कुल तीन 3,02,956 नमूनों का परीक्षण किया गया है, जिनमें से 12 हजार से अधिक मामले कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.