नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने पत्र लिखकर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एंंटीजन जांच बढ़ाने के लिए कहा है. इसके साथ ही राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जांच के सभी आंकड़ों को आईसीएमआर के पोर्टल पर अपलोड करने के लिए निर्देश दिया है. बता दें कि एंटीजन जांच एक प्रकार का कोरोना टेस्ट है. इस जांच में रिपोर्ट कम समय में आ जाती है और एंटीजन में पॉजटिव आने पर कोरोना संक्रमित माना जाता है. इसमें स्वाब(लार) का जांच किया जाता है.
आईसीएमआर ने अधिकारियों को उन सभी सरकारी और निजी अस्पतालओं की पहचान और अनुमोदन करने के लिए कहा है, जो एंटीजन आधारित जांच के माध्यम से कोरोना का इलाज करेंगे.
राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे गए एक पत्र में आईसीएमआर निदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा कि राज्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एंटीजन जांच केंद्र उचित रूप से आरटी-पीसीआर सुविधा से जुड़े हों, जहां बिना लक्षण वाले रोगियों की जांच की जा सके.
डॉ भार्गव ने पत्र में लिखा कि जांच को सुविधाजनक बनाने के लिए आईसीएमआर ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रत्येक जिले के लिए पांच सामान्य लॉगिन क्रेडेंशियल तैयार किए हैं. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एक नोडल अधिकारी के रूप में नामित कर सकते हैं, जो आईसीएमआर टीम से संपर्क करके लॉगिन क्रेडेंशियल प्राप्त कर सकता है.
पढ़ें : कोरोना : ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे, आंखों पर पड़ रहा खराब असर
डॉ. भार्गव ने कहा कि एंटीजन टेस्ट को बताने के लिए संलग्न एल्गोरिदम का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें सभी पॉजटिव को संक्रमित के रूप में चिन्हित किया जा सकता है और रोगसूचक निगेटिव को आरटी-पीसीआर के अधीन किया जाना चाहिए.
डॉ भार्गव ने कहा, 'हम परीक्षण की क्षमता बढ़ाने अधिक से अधिक लोगों की जांच करने के लिए एंटीजन टेस्ट कर रहे हैं, जो कोरोना वायरस के त्वरित निदान के लिए एक आशाजनक उपकरण है.'
कोरोना संक्रमितों का त्वरित पता लगाने के लिए अस्पतालों में एंटीजन परीक्षणों की सलाह दी गई है.
भार्गव ने सुझाव दिया कि सभी सरकारी अस्पतालों, प्रयोगशालाओं के साथ-साथ निजी राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड अस्पताल (एनएबीएच) और राष्ट्रीय परीक्षण और अंशशोधन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड अस्पताल भी एंटीजन परीक्षण शुरू कर सकते हैं.