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घर में मृत मिले आईएएस विजय शंकर, आईएमए पोंजी घोटाले में था नाम

कर्नाटक में आईएएस अधिकारी बी एम विजय शंकर अपने आवास पर मृत पाए गए हैं. विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है. जानें क्या है पूरा मामला...

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घर में मृत मिले आईएएस विजय शंकर, आईएमए पोंजी घोटाले में था नाम
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Published : Jun 24, 2020, 9:54 AM IST

बेंगलुरु (कर्नाटक) : आईएएस अधिकारी बी एम विजय शंकर मंगलवार रात बेंगलुरु में अपने आवास पर मृत मिले हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई चार हजार करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी.

पुलिस के अनुसार, बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त शंकर यहां जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं, उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, 'यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं.'

विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसने शंकर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद भाजपा सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया.

सीबीआई के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि हाल ही में एजेंसी ने इस मामले में शंकर और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी.

पढ़ें - कर्नाटक : सिद्धारमैया बोले- सभी अस्पतालों में मुफ्त हो कोरोना का इलाज

सीबीआई ने इस मामले में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी. जानकारी के लिए बता दें, मोहम्मद मंसूर खान ने 2013 में बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम शुरू की थी. यह मामला उसी से जुड़ा है.

बेंगलुरु (कर्नाटक) : आईएएस अधिकारी बी एम विजय शंकर मंगलवार रात बेंगलुरु में अपने आवास पर मृत मिले हैं. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी. सीबीआई चार हजार करोड़ रुपये के आईएमए पोंजी घोटाले में शंकर के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहती थी.

पुलिस के अनुसार, बेंगलुरु शहरी जिले के पूर्व उपायुक्त शंकर यहां जयानगर में अपने आवास पर मृत मिले हैं, उन्होंने विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा, 'यह सच है कि वह अपने घर पर मृत मिले हैं.'

विजय शंकर पर आईएमए पोंजी घोटाले पर पर्दा डालने के लिए कथित रूप से रिश्वत लेने का आरोप है.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी नीत गठबंधन सरकार ने 2019 में एक विशेष जांच दल का गठन किया था, जिसने शंकर को गिरफ्तार किया था. इसके बाद भाजपा सरकार ने इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया.

सीबीआई के सूत्रों ने मीडिया को बताया कि हाल ही में एजेंसी ने इस मामले में शंकर और दो अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए राज्य सरकार से अनुमति मांगी थी.

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सीबीआई ने इस मामले में दो वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए भी राज्य सरकार से इजाजत मांगी थी. जानकारी के लिए बता दें, मोहम्मद मंसूर खान ने 2013 में बड़ी रकम वापस करने का वादा कर पोंजी स्कीम शुरू की थी. यह मामला उसी से जुड़ा है.

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