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अब्दुल्ला, उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे : राजनाथ - उमर अब्दुल्ला

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही नहीं पैदा होता है. साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के नजरबंद किए गए नेताओं- फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की जल्द रिहाई की वह प्रार्थना करेंगे. जानें क्या कुछ कहा राजनाथ सिंह ने..

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राजनाथ सिंह
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Published : Feb 23, 2020, 5:38 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 7:44 AM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा का जिक्र करते हुए कहा है कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता. साथ ही उन्होंने कहा कि फारूक, उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए वह प्रार्थना करेंगे. साथ ही वह प्रार्थना करेंगे कि जब ये नेता बाहर आएं तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें.

रक्षा मंत्री ने शनिवार को आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में इस धारणा को खारिज किया कि मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. उन्होंने मेरठ और मंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, 'मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है. वह हमारे जिगर का टुकड़ा है.'

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने और उनमें आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है.

रक्षा मंत्री ने कहा, ''कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं. लेकिन भाजपा किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा दिया है.''

उन्होंने कहा, 'जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता. हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते.'

सांप्रदायिक राजनीति के लिए निहित स्वार्थ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा, 'कुछ ताकतें हैं, जो केवल वोट बैंक के बारे में ही सोचती हैं.'

उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति के लिए ऐसे नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, 'राजनीति महज वोटों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण करने के लिए करनी चाहिए.'

रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां तक कि जो हिन्दुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे भी पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते, क्योंकि हिन्दुत्व का मतलब ही 'वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है)' है.

राजनाथ ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंदी से जल्द रिहा होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वह कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने में योगदान देंगे.

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया. इसी समय से एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला व उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से महबूबा मुफ्ती सहित दर्जनों राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया था.

हालांकि इसके बाद से अधिकतर राजनेताओं को रिहा किया जा चुका है, लेकिन तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक दर्जन राजनेताओं को अब भी नजरबंद रखा गया है.

ये भी पढ़ें-पाकिस्तान का नारा लगाने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा, 'कश्मीर शांतिपूर्ण रहा है. स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है. सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. सरकार ने किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया है.'

सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हितों में कुछ कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए.'

सिंह ने कहा कि फारूक, उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि जब वे बाहर आएं तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें.'

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विचारधारा का जिक्र करते हुए कहा है कि मुसलमान जिगर का टुकड़ा है और सांप्रदायिक राजनीति का सवाल ही पैदा नहीं होता. साथ ही उन्होंने कहा कि फारूक, उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए वह प्रार्थना करेंगे. साथ ही वह प्रार्थना करेंगे कि जब ये नेता बाहर आएं तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें.

रक्षा मंत्री ने शनिवार को आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में इस धारणा को खारिज किया कि मोदी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है. उन्होंने मेरठ और मंगलुरु में अपनी दो मेगा रैलियों का जिक्र करते हुए कहा, 'मैंने पहले भी अपनी मेरठ और मंगलुरु की रैलियों में कहा है कि मुसलमान भारत का नागरिक और हमारा भाई है. वह हमारे जिगर का टुकड़ा है.'

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में सरकार ने शुरुआत से ही मुस्लिम नागरिकों के अंदर डर हटाने और उनमें आत्मविश्वास भरने की कोशिश की है.

रक्षा मंत्री ने कहा, ''कुछ ताकतें हैं, जो उन्हें गुमराह कर रही हैं. लेकिन भाजपा किसी भी स्थिति में भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं जा सकती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरुआत से ही 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा दिया है.''

उन्होंने कहा, 'जाति, धर्म और रंग के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं उठता. हम इसके बारे में सोच भी नहीं सकते.'

सांप्रदायिक राजनीति के लिए निहित स्वार्थ को जिम्मेदार ठहराते हुए सिंह ने कहा, 'कुछ ताकतें हैं, जो केवल वोट बैंक के बारे में ही सोचती हैं.'

उन्होंने सांप्रदायिक राजनीति के लिए ऐसे नेताओं को चेतावनी देते हुए कहा, 'राजनीति महज वोटों के लिए नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण करने के लिए करनी चाहिए.'

रक्षा मंत्री ने कहा कि यहां तक कि जो हिन्दुत्व की विचारधारा में विश्वास करते हैं, वे भी पहचान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकते, क्योंकि हिन्दुत्व का मतलब ही 'वसुधैव कुटुंबकम (दुनिया एक परिवार है)' है.

राजनाथ ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के नजरबंदी से जल्द रिहा होने की प्रार्थना कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वह कश्मीर में हालात को सामान्य बनाने में योगदान देंगे.

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा पिछले वर्ष पांच अगस्त को जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था, जिसके बाद राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया. इसी समय से एहतियात के तौर पर जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों- नेशनल कॉन्फ्रेंस से फारूक अब्दुल्ला व उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से महबूबा मुफ्ती सहित दर्जनों राजनेताओं को नजरबंद कर दिया गया था.

हालांकि इसके बाद से अधिकतर राजनेताओं को रिहा किया जा चुका है, लेकिन तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों और एक दर्जन राजनेताओं को अब भी नजरबंद रखा गया है.

ये भी पढ़ें-पाकिस्तान का नारा लगाने वालों को हम छोड़ेंगे नहीं : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा, 'कश्मीर शांतिपूर्ण रहा है. स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है. सुधार के साथ-साथ इन फैसलों (नजरबंदी से राजनेताओं की रिहाई) को भी अंतिम रूप दिया जाएगा. सरकार ने किसी को भी प्रताड़ित नहीं किया है.'

सरकार के फैसले का बचाव करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि कश्मीर के हितों में कुछ कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हर किसी को इसका स्वागत करना चाहिए.'

सिंह ने कहा कि फारूक, उमर व मुफ्ती की जल्द रिहाई के लिए प्रार्थना करेंगे. उन्होंने कहा, 'मैं यह भी प्रार्थना करता हूं कि जब वे बाहर आएं तो कश्मीर की स्थिति को सुधारने में अपना योगदान दें.'

(आईएएनएस)

Last Updated : Mar 2, 2020, 7:44 AM IST
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