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जिस स्क्वाड्रन में शामिल थे बीएस धनोआ, उसे मिली राफेल की जवाबदेही

राफेल विमान भारतीय वायुसेना के 17 स्कवाड्रन में शामिल किया जाएगा. जानें क्या है वजह........

राफेल विमान (फाइल फोटो)
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Published : May 29, 2019, 2:23 PM IST

नई दिल्ली: पहला राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के 'गोल्डन एरो' 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. बता दें, साल 1999 में करगिल युद्ध के दौरान एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी.

सूत्रों की मानें तो राफेल विमान वायुसेना की जिस इकाई (17 स्क्वाड्रन) को मिलने जा रहा है वह वर्तमान में पंजाब के भटिंडा में स्थित है और आगे इसे हरियाणा के अंबाला में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

17 स्क्वाड्रन पहले मिग-21 का संचालन करता आ रहा है और यह नंबर-प्लेटेड है.

iaf rafale dhanoa squadron etvbharat
फोटो सौ. (एएनआई)

खबरों की मानें तो देश को पहला राफेल सितंबर 2019 में भारतीय वायुसेना को सौंपने की उम्मीद है.

iaf rafale dhanoa squadron etvbharat
भारतीय वायुसेना चीफ बीएस धनोआ (फाइल फोटो)

पढ़ें: गश्त कर रहे सैन्य अधिकारी के सीने में तेज दर्द के बाद मौत

लेकिन भारत के विशिष्ट संवर्द्धन को मान्य करने के लिए राफेल को 1,500 घंटे के गहन परीक्षण से गुजरना होगा. इसलिए, चार विमानों के पहले बैच के मई 2020 के आस-पास अंबाला पहुंचने की संभावना है.

नई दिल्ली: पहला राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के 'गोल्डन एरो' 17 स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा. बता दें, साल 1999 में करगिल युद्ध के दौरान एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने इस स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी.

सूत्रों की मानें तो राफेल विमान वायुसेना की जिस इकाई (17 स्क्वाड्रन) को मिलने जा रहा है वह वर्तमान में पंजाब के भटिंडा में स्थित है और आगे इसे हरियाणा के अंबाला में स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

17 स्क्वाड्रन पहले मिग-21 का संचालन करता आ रहा है और यह नंबर-प्लेटेड है.

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फोटो सौ. (एएनआई)

खबरों की मानें तो देश को पहला राफेल सितंबर 2019 में भारतीय वायुसेना को सौंपने की उम्मीद है.

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भारतीय वायुसेना चीफ बीएस धनोआ (फाइल फोटो)

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लेकिन भारत के विशिष्ट संवर्द्धन को मान्य करने के लिए राफेल को 1,500 घंटे के गहन परीक्षण से गुजरना होगा. इसलिए, चार विमानों के पहले बैच के मई 2020 के आस-पास अंबाला पहुंचने की संभावना है.

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