जयपुर : राजस्थान सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की अधिगृहीत दवाओं को संबंधित फर्म को लौटाने और पर्ची पर मरीजों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं.
बता दें कि राज्य सरकार ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन-200, 300 और 500 मिलीग्राम की अधिगृहीत दवाओं को ही लौटाने और डॉक्टरी सलाह पर मरीजों को उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए हैं.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया. सिंह ने बताया कि लोकहित में विभाग द्वारा कोविड-19 के संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए राज्य के निजी क्षेत्र में उपलब्ध हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन-200, 300 और 500 मिलीग्राम की दवाएं सरकार द्वारा सभी सीएंडएफ, वितरक, स्टाकिस्ट, थोक और रिटेल विक्रेताओं से अधिगृहीत कर ली गई थीं.
उन्होंने बताया कि इस साल्ट की दवाओं के अधिग्रहण के बाद बाजार में इनकी उपलब्धता खत्म हो गई.
गौरतलब है कि गठिया के मरीज इन दवाओं का सेवन करते हैं. इसके चलते नियमित मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही थी.
उन्होंने बताया कि मरीजों की आवश्यकता को देखते हुए बाजार से अधिगृहीत की गई दवाओं में से 25 प्रतिशत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन-200 व 400 एमजी टेबलेट संबंधित फर्मों को लौटा दी गई हैं.
उन्होंने बताया कि चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर ये दवाएं मरीजों को उपलब्ध कराई जाएं और इनकी कालाबाजारी और मुनाफाखोरी न हो.
एक अन्य आदेश में सिंह ने राज्य के समस्त आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा अधिकारी और कंपाउडरों की सेवाएं अग्रिम आदेशों तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सौंपने के निर्देश दिए.
सिंह ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड-19 वायरस को महामारी घोषित करने के बाद उत्पन्न हुए हालात में यह निर्णय किया गया है. इन विभागों के कार्मिकों की सेवाएं चिकित्सा विभाग में लिए जाने से कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों में मदद मिलेगी.