ETV Bharat / bharat

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप 'हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन' के लिए क्यों हैं परेशान - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर भारत ने हाल ही में प्रतिबंध लगाया है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक ड्रग के स्टॉक को जारी नहीं करता है, तो अमेरिका 'जवाबी कार्रवाई' कर सकता है. आइए समझते हैं कि इस ड्रग को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ है...

etv bharat
ड्रग
author img

By

Published : Apr 8, 2020, 8:34 AM IST

Updated : Apr 28, 2020, 8:13 PM IST

हैदराबाद : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक ड्रग के स्टॉक को जारी नहीं करता है, तो अमेरिका 'जवाबी कार्रवाई' कर सकता है.

आइए समझते हैं कि इस ड्रग को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ है?

दरअसल हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर भारत ने हाल ही में प्रतिबंध लगाया है. बता दें भारत इस ड्रग का विश्वभर में सबसे बड़ा निर्यातक और उत्पादक है.

हालांकि निर्यात के प्रतिबंध लगने के अगले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की.

ज्ञात हो कि दोनों नेताओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध है और ट्रंप हाल ही में भारत के सफल दौरे से लौटे थे.

  • हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन क्या है?

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा क्लोरोक्विन से बहुत मिलती-जुलती है, जो सबसे पुरानी और सबसे प्रसिद्ध मलेरिया रोधी दवाओं में से एक है. यह दवा रूमेटीयड गठिया और ल्यूपस जैसे ऑटो-इम्यून रोगों का भी इलाज कर सकती है. इस दवा ने पिछले कुछ दशकों में संभावित एंटीवायरल के रूप में ध्यान आकर्षित किया है.

  • ट्रंप क्यों परेशान

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ड्रग की मंजूरी दी है.

ट्रंप ने कहा था कि इसे 'अनुकंपा उपयोगकर्ता' के लिए प्रस्तावित किया है. इसका अर्थ है कि डॉक्टर यह दवाई तब दे सकता है, जब उसे मरीज का जीवन खतरे में दिखे. डॉक्टर इन परिस्थितियों में क्लोरोक्विन को निर्धारित करने में सक्षम हैं, क्योंकि यह एक पंजीकृत दवा है.

भारत पर निर्भरता

भारत इस दवा को दुनियाभर में सबसे बड़ा उत्पादक में से एक है, जिससे अन्य देशों को भी आपूर्ति करने की क्षमता है. भारत निश्चित रूप से वैश्विक और स्थानीय दोनों बाजारों को पूरा करने की क्षमता रखता है. बेशक घरेलू हित पहले आता है और दूसरे आपूर्ति की भी हमारे पास क्षमता है.

क्या यह काम करता है?

कई वायरोलॉजिस्ट और संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन पर एकदम निर्भरता जल्दी है. हालांकि क्लोरोक्विन प्रयोगशाला अध्ययनों से सिद्ध होता है कि कोरोना वायरस को यह अवरुद्ध करता है. डॉक्टरों ने कहा कि यह मदद करने के इसके कुछ महत्वपूर्ण सबूत हैं, लेकिन इसका कोई पूर्ण मेडिकल ​​परीक्षण नहीं हुआ है. इस कारण यह दवा वास्तविक रोगियों में कैसे व्यवहार करती है पता नहीं चला है. हालांकि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन में अभी प्रयोग चल रहा है.

हमें बताता है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन अगर बिल्कुल भी काम करता है, तो संभवतः मामूली प्रभाव दिखाएगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि फिलहाल नीति यह है कि दवा का उपयोग सभी को नहीं करना है. आगे डॉक्टरों और प्रयोगशाला की पुष्टि के बाद स्पष्ट किया जाएगा.

भारत आंशिक रूप से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन पर से प्रतिबंध हटाएगा

भारत सरकार मानवीय आधार पर मौजूदा प्रतिबंध के आदेश हटाने की तुरंत मंजूरी देगी. केंद्र सरकार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामोल के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा.

घरेलू अधिकारियों और मौजूदा आदेशों को पूरा करने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर मलेरिया दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.

हैदराबाद : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर भारत कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में आवश्यक ड्रग के स्टॉक को जारी नहीं करता है, तो अमेरिका 'जवाबी कार्रवाई' कर सकता है.

आइए समझते हैं कि इस ड्रग को लेकर इतना विवाद क्यों हुआ है?

दरअसल हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन के निर्यात पर भारत ने हाल ही में प्रतिबंध लगाया है. बता दें भारत इस ड्रग का विश्वभर में सबसे बड़ा निर्यातक और उत्पादक है.

हालांकि निर्यात के प्रतिबंध लगने के अगले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की.

ज्ञात हो कि दोनों नेताओं के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध है और ट्रंप हाल ही में भारत के सफल दौरे से लौटे थे.

  • हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन क्या है?

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा क्लोरोक्विन से बहुत मिलती-जुलती है, जो सबसे पुरानी और सबसे प्रसिद्ध मलेरिया रोधी दवाओं में से एक है. यह दवा रूमेटीयड गठिया और ल्यूपस जैसे ऑटो-इम्यून रोगों का भी इलाज कर सकती है. इस दवा ने पिछले कुछ दशकों में संभावित एंटीवायरल के रूप में ध्यान आकर्षित किया है.

  • ट्रंप क्यों परेशान

गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए इस हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन ड्रग की मंजूरी दी है.

ट्रंप ने कहा था कि इसे 'अनुकंपा उपयोगकर्ता' के लिए प्रस्तावित किया है. इसका अर्थ है कि डॉक्टर यह दवाई तब दे सकता है, जब उसे मरीज का जीवन खतरे में दिखे. डॉक्टर इन परिस्थितियों में क्लोरोक्विन को निर्धारित करने में सक्षम हैं, क्योंकि यह एक पंजीकृत दवा है.

भारत पर निर्भरता

भारत इस दवा को दुनियाभर में सबसे बड़ा उत्पादक में से एक है, जिससे अन्य देशों को भी आपूर्ति करने की क्षमता है. भारत निश्चित रूप से वैश्विक और स्थानीय दोनों बाजारों को पूरा करने की क्षमता रखता है. बेशक घरेलू हित पहले आता है और दूसरे आपूर्ति की भी हमारे पास क्षमता है.

क्या यह काम करता है?

कई वायरोलॉजिस्ट और संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन पर एकदम निर्भरता जल्दी है. हालांकि क्लोरोक्विन प्रयोगशाला अध्ययनों से सिद्ध होता है कि कोरोना वायरस को यह अवरुद्ध करता है. डॉक्टरों ने कहा कि यह मदद करने के इसके कुछ महत्वपूर्ण सबूत हैं, लेकिन इसका कोई पूर्ण मेडिकल ​​परीक्षण नहीं हुआ है. इस कारण यह दवा वास्तविक रोगियों में कैसे व्यवहार करती है पता नहीं चला है. हालांकि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और स्पेन में अभी प्रयोग चल रहा है.

हमें बताता है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन अगर बिल्कुल भी काम करता है, तो संभवतः मामूली प्रभाव दिखाएगा. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि फिलहाल नीति यह है कि दवा का उपयोग सभी को नहीं करना है. आगे डॉक्टरों और प्रयोगशाला की पुष्टि के बाद स्पष्ट किया जाएगा.

भारत आंशिक रूप से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन पर से प्रतिबंध हटाएगा

भारत सरकार मानवीय आधार पर मौजूदा प्रतिबंध के आदेश हटाने की तुरंत मंजूरी देगी. केंद्र सरकार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामोल के निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा.

घरेलू अधिकारियों और मौजूदा आदेशों को पूरा करने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर मलेरिया दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.

Last Updated : Apr 28, 2020, 8:13 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.