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हैदराबाद रेप-हत्याकांड : SIT ने शुरू की पुलिस एनकाउंटर की जांच - तेलंगाना उच्च न्यायालय

महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के एनकाउंटर करने की घटना की जांच के लिए तेलंगाना सरकार द्बारा बनाई गई SIT ने मुठभेड़ की जांच शुरू कर दी है. अदालत इस मामले में अगली सुनवाई 12 दिसंबर को करेगी.

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Published : Dec 10, 2019, 12:08 AM IST

हैदराबाद : हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने सोमवार को जांच शुरू कर दी.

इस बीच, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि SIT ने जांच शुरू कर दी है.

इस संबंध में रविवार को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था. जिसमें कहा गया है कि रचकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत के नेतृत्व वाले SIT दल को इस मामले और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य में दर्ज संबंधित अन्य मामलों की जांच अपने हाथों में ले लेनी चाहिए.

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महिला पशु चिकित्सक मामले में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें. मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस संबंध में निर्देश दिए.

अदालत ने कहा कि अगर महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में शवों को 13 दिसंबर तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था न हो, तो उन्हें हैदराबाद में सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है. ये शव फिलहाल छह दिसंबर को हुई कथित मुठभेड़ के बाद महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद से रखे हुए हैं.

वहीं, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि मुठभेड़ में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं.

अदालत की राय थी कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जरूरत होती है, जो मुठभेड़ में शामिल होते हैं.

महाधिवक्ता बी एस प्रसाद ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय में इसी मुद्दे पर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, और न्यायालय बुधवार को इन पर सुनवाई करेगा.

इसके मद्देनजर उन्होंने इस मामले की सुनवाई बुधवार बाद तक स्थगित करने का अनुरोध किया.

इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर तय की.

पढ़ें- जयाप्रदा ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर जताया रोष

अदालत ने छह दिसंबर को राज्य सरकार को इन शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था.

कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों पर 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का आरोप था. चारों आरोपियों को 29 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था.

इस बीच, इस कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम ने घटना में घायल हुए दो पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए.

हैदराबाद : हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) ने सोमवार को जांच शुरू कर दी.

इस बीच, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि SIT ने जांच शुरू कर दी है.

इस संबंध में रविवार को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था. जिसमें कहा गया है कि रचकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत के नेतृत्व वाले SIT दल को इस मामले और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य में दर्ज संबंधित अन्य मामलों की जांच अपने हाथों में ले लेनी चाहिए.

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महिला पशु चिकित्सक मामले में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें. मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस संबंध में निर्देश दिए.

अदालत ने कहा कि अगर महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में शवों को 13 दिसंबर तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था न हो, तो उन्हें हैदराबाद में सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है. ये शव फिलहाल छह दिसंबर को हुई कथित मुठभेड़ के बाद महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद से रखे हुए हैं.

वहीं, एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि मुठभेड़ में शामिल पुलिस वालों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं.

अदालत की राय थी कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जरूरत होती है, जो मुठभेड़ में शामिल होते हैं.

महाधिवक्ता बी एस प्रसाद ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय में इसी मुद्दे पर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं, और न्यायालय बुधवार को इन पर सुनवाई करेगा.

इसके मद्देनजर उन्होंने इस मामले की सुनवाई बुधवार बाद तक स्थगित करने का अनुरोध किया.

इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर तय की.

पढ़ें- जयाप्रदा ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर जताया रोष

अदालत ने छह दिसंबर को राज्य सरकार को इन शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था.

कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों पर 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का आरोप था. चारों आरोपियों को 29 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था.

इस बीच, इस कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की एक टीम ने घटना में घायल हुए दो पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किए.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 22:39 HRS IST




             
  • एसआईटी ने हैदराबाद मुठभेड़ की जांच शुरू की



हैदराबाद, नौ दिसम्बर (भाषा) हैदराबाद में एक महिला पशु चिकित्सक के बलात्कार और उसकी हत्या के चारों आरोपियों के कथित तौर पर पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की जांच के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने सोमवार को जांच शुरू कर दी।



इस बीच, तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें।



पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।’’



इस संबंध में रविवार को एक सरकारी आदेश जारी किया गया था। आदेश में कहा गया है कि रचाकोंडा पुलिस आयुक्त महेश एम भागवत के नेतृत्व वाले एसआईटी दल को इस मामले और उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार राज्य में दर्ज संबंधित अन्य मामलों की जांच अपने हाथों में ले लेनी चाहिए।



तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे महिला पशुचिकित्सक मामले में पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों के शवों को 13 दिसंबर तक संरक्षित रखें।



मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस संबंध में निर्देश दिये।



अदालत ने कहा कि अगर महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में शवों को 13 दिसंबर तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था न हो तो उन्हें हैदराबाद में सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है।



ये शव फिलहाल छह दिसंबर को हुई कथित मुठभेड़ के बाद महबूबनगर के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद से रखे हुए हैं।



एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि मुठभेड़ में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज की गई है या नहीं।



अदालत की राय थी कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश के मुताबिक उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की जरूरत होती है जो मुठभेड़ में शामिल होते हैं।



महाधिवक्ता बी एस प्रसाद ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय में इसी मुद्दे पर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं और न्यायालय बुधवार को इन पर सुनवाई करेगा।



इसके मद्देनजर उन्होंने इस मामले की सुनवाई बुधवार बाद तक स्थगित करने का अनुरोध किया।



इस पर अदालत ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 12 दिसंबर तय की।



अदालत ने छह दिसंबर को राज्य सरकार को इन शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था।



कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे गए चारों आरोपियों पर 25 वर्षीय पशु चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का आरोप था।



चारों आरोपियों को 29 नवम्बर को गिरफ्तार किया गया था।



इस बीच, इस कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की एक टीम ने घटना में घायल हुए दो पुलिसकर्मियों के बयान दर्ज किये।


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