हैदराबाद : हैदराबाद में 1998 में हुए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के मामले में षड्यंत्र रचने के आरोपी सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को यहां एक अदालत ने मंगलवार को बरी कर दिया. अभियोजन पक्ष द्वारा टुंडा के खिलाफ अदालत में पर्याप्त साक्ष्य पेश न कर पाने के कारण न्यायाधीश ने टुंडा को बरी किया है.
गौरतलब है कि मेट्रोपॉलिटिन सत्र अदालत के न्यायाधीश ने पहले इस मामले को मंगलवार तक के लिए टाल दिया था.
टुंडा के लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन का सदस्य और बम बनाने में माहिर होने का संदेह है. हैदराबाद में गणेश उत्सव के दौरान विस्फोट करने का षड्यंत्र रचने के आरोप में 1998 में टुंडा और अन्य के खिलाफ यहां मामला दर्ज किया गया था.
हैदराबाद पुलिस के अनुसार इस मामले में टुंडा सह षड्यंत्रकारी था और उसने कुछ अन्य आरोपियों को बम बनाने का प्रशिक्षण दिया था. टुंडा को लश्कर ए तय्यबा का कट्टर आतंकवादी माना जाता है.
टुंडा पर आपराधिक साजिश, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और विदेश अधिनियम सहित, आईआईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक टुंडा को 16 अगस्त, 2013 को भारत-नेपाल सीमा से सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया था. टुंडा को देशभर में हुए 40 से अधिक विस्फोटों का मास्टरमाइंड माना जाता है.
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टुंडा के देशभर हुए विस्फोटों के कुछ अन्य मामलों में शामिल होने का भी संदेह है, जो अभी भी चल रहे हैं. 77 वर्षीय टुंडा अभी गाजियाबाद की जेल में बंद है.
गौरतलब है कि मुंबई में 26/11 हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान से 20 आतंकियों को भारत को सौंपने की मांग की थी. उनमें टुंडा भी शामिल था.