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डॉक्टर की सलाह- जानें लॉकडाउन के दौरान कैसे रहें तनावमुक्त

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया गया है. ऐसे में लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं. लिहाजा हर समय घर में रहने से कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तनाव का शिकार हो सकता है. इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

डॉ मनस्वी
डॉ मनस्वी
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Published : Apr 3, 2020, 2:12 PM IST

जयपुर : दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. भारत में इसके बचाव के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है. कोरोना वायरस का एकमात्र उपाय है भीड़ से दूर रहना और अपनी सुरक्षा स्वयं करना. इस वजह से लोग अब घरों में रहने को मजबूर हैं. इस दौरान कुछ लोग तनावग्रस्त भी हो सकते हैं. इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं...जानें डॉक्टर की सलाह...

घर में रहने से कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करता है या यूं कहें की मानसिक तनाव में भी आ जाता है. इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने डॉक्टर मनस्वी से बात की. उन्होंने तनावमुक्त होने के लिए कुछ जानकारियां दीं.

डॉ मनस्वी से जानें कैसे रहें तनावमुक्त

कोरोना वायरस से संबंधित भविष्य के प्रति अनिश्चितता और सही या गलत खबरें सामाजिक दूरियां, अलगाव की स्थिति, लोगों में डर, पैनिक और तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर हमें स्वयं और लोगों को स्वस्थ रहने का संकल्प तो करना ही है. साथ ही अपनी मानसिक शांति का ध्यान रखना भी आवश्यक है.

जयपुर के डॉक्टर मनस्वी ने इस संबंध में बताया कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. लोगों से मिलना बात करना सामाजिक समारोह में जाना उसे मानसिक खुशी प्रदान करता है. ऐसे में आज के दौर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखना और अलगाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं नौकरी छूटने, आय में कमी व्यापार में घाटे, घरेलू तनाव, अनिश्चितता की स्थिति आदि में लोगों में निराशा, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, उलझन और चिंता जैसे विकार जन्म लेते हैं. इससे लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं.

पढ़ें : पांच अप्रैल को दीप जलाकर कोरोना के अंधकार को चुनौती देना है : पीएम मोदी

ऐसे बचा जा सकता है तनाव और अवसाद से

  • कोरोना से उपजी स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी रखें, परंतु यदि यह आपको बार-बार तनाव देता है. खबरें सुनकर आप में घबराहट के लक्षण दिखाई देते हैं. तो थोड़ी देर बाद टीवी बंद करें और छोटा सा ब्रेक लें.
  • सूर्य की किरणें हमें नई ऊर्जा देती हैं. अतः सुबह की पहली चाय धूप में लें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा कम हो और आपके अंदर स्फूर्ति और उमंग का संचार हो.
  • ध्यान व योग आपके मन को शांत करता है एवं घबराहट से उत्पन्न लक्षण जैसे सांस तेज चलना तेज धड़कन का होना पसीना आदि को भी कम करता है.
  • परिवार के साथ समय बिताने का यह अच्छा अवसर है. साथ ही कैरम, लूडो जैसे खेल या बच्चों के साथ गाना गाकर या डांस कर तनाव को कम कर सकते हैं.
  • संगीत हमारे मन को आनंदित करता है. अतः घर में अच्छे मनपसंद गाने चलाएं एवं गुनगुनाते हुए तनाव मुक्त रहें.
  • स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ भोजन पूर्ण नींद एवं व्यायाम हमारे शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और तनाव को भी कम करता है.
  • फोन का प्रयोग संतुलित रूप में करें. बेहतर है आप सपरिवार टीवी पर कोई मूवी या कार्यक्रम को देखें.
  • प्रियजनों एवं मित्रगणों को फोन कर हालचाल पूछें, उन्हें भी मानसिक संबल प्रदान करें एवं बात करके स्वयं भी खुश एवं तनावमुक्त रहें.

जयपुर : दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. भारत में इसके बचाव के लिए 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है. कोरोना वायरस का एकमात्र उपाय है भीड़ से दूर रहना और अपनी सुरक्षा स्वयं करना. इस वजह से लोग अब घरों में रहने को मजबूर हैं. इस दौरान कुछ लोग तनावग्रस्त भी हो सकते हैं. इससे बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं...जानें डॉक्टर की सलाह...

घर में रहने से कोरोना से तो बचा जा सकता है, लेकिन व्यक्ति मानसिक तौर पर थका हुआ महसूस करता है या यूं कहें की मानसिक तनाव में भी आ जाता है. इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत ने डॉक्टर मनस्वी से बात की. उन्होंने तनावमुक्त होने के लिए कुछ जानकारियां दीं.

डॉ मनस्वी से जानें कैसे रहें तनावमुक्त

कोरोना वायरस से संबंधित भविष्य के प्रति अनिश्चितता और सही या गलत खबरें सामाजिक दूरियां, अलगाव की स्थिति, लोगों में डर, पैनिक और तनाव की स्थिति उत्पन्न कर रही हैं. डब्ल्यूएचओ की ओर से निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाकर हमें स्वयं और लोगों को स्वस्थ रहने का संकल्प तो करना ही है. साथ ही अपनी मानसिक शांति का ध्यान रखना भी आवश्यक है.

जयपुर के डॉक्टर मनस्वी ने इस संबंध में बताया कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है. लोगों से मिलना बात करना सामाजिक समारोह में जाना उसे मानसिक खुशी प्रदान करता है. ऐसे में आज के दौर में जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाकर रखना और अलगाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं नौकरी छूटने, आय में कमी व्यापार में घाटे, घरेलू तनाव, अनिश्चितता की स्थिति आदि में लोगों में निराशा, गुस्सा, चिड़चिड़ाहट, उलझन और चिंता जैसे विकार जन्म लेते हैं. इससे लोग तनावग्रस्त हो जाते हैं.

पढ़ें : पांच अप्रैल को दीप जलाकर कोरोना के अंधकार को चुनौती देना है : पीएम मोदी

ऐसे बचा जा सकता है तनाव और अवसाद से

  • कोरोना से उपजी स्थिति के बारे में संपूर्ण जानकारी रखें, परंतु यदि यह आपको बार-बार तनाव देता है. खबरें सुनकर आप में घबराहट के लक्षण दिखाई देते हैं. तो थोड़ी देर बाद टीवी बंद करें और छोटा सा ब्रेक लें.
  • सूर्य की किरणें हमें नई ऊर्जा देती हैं. अतः सुबह की पहली चाय धूप में लें, ताकि नकारात्मक ऊर्जा कम हो और आपके अंदर स्फूर्ति और उमंग का संचार हो.
  • ध्यान व योग आपके मन को शांत करता है एवं घबराहट से उत्पन्न लक्षण जैसे सांस तेज चलना तेज धड़कन का होना पसीना आदि को भी कम करता है.
  • परिवार के साथ समय बिताने का यह अच्छा अवसर है. साथ ही कैरम, लूडो जैसे खेल या बच्चों के साथ गाना गाकर या डांस कर तनाव को कम कर सकते हैं.
  • संगीत हमारे मन को आनंदित करता है. अतः घर में अच्छे मनपसंद गाने चलाएं एवं गुनगुनाते हुए तनाव मुक्त रहें.
  • स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ भोजन पूर्ण नींद एवं व्यायाम हमारे शरीर एवं मस्तिष्क को स्वस्थ रखता है और तनाव को भी कम करता है.
  • फोन का प्रयोग संतुलित रूप में करें. बेहतर है आप सपरिवार टीवी पर कोई मूवी या कार्यक्रम को देखें.
  • प्रियजनों एवं मित्रगणों को फोन कर हालचाल पूछें, उन्हें भी मानसिक संबल प्रदान करें एवं बात करके स्वयं भी खुश एवं तनावमुक्त रहें.
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