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कोरोना के खिलाफ जंग में 'पीपीई' किट सबसे बड़ा हथियार, जानिए कैसे होता है इस्तेमाल.. - पीपीई किट जरूरी

कोरोना वायरस से बचाव को लेकर मास्क, हैंड सेनेटाइजर और पीपीई किट की मांग बढ़ गई है. मास्क और सेनेटाइजर का इस्तेमाल तो आम लोग भी कर रहे हैं लेकिन पीपीई किट खास है. पीपीई किट किसके लिए उपयोगी है और इसे कैसे इस्तेमाल करना है, यह जानने के लिए आगे पढ़ें.

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कोरोना के खिलाफ जंग में 'पीपीई' किट सबसे बड़ा हथियार
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Published : Apr 10, 2020, 2:19 PM IST

Updated : Apr 10, 2020, 3:37 PM IST

रांची : वैश्विक महामारी बन कर उभरे कोरोना वायरस से लोग काफी डरे सहमे हुए हैं. इसकी रोकथाम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार कईं कदम उठा रही हैं. झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज मिलने के बाद अस्पतालों को इस महामारी से निबटने के लिए तैयार किया गया है. इसके लिए डॉक्टरों को पीपीई किट दिए जा रहे हैं. पीपीई किट है क्या और ये इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने चाईबासा सदर अस्पताल की सिविल सर्जन मंजू दुबे से बात की.

डॉक्टर मंजू दुबे ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई किट का इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल वायरस के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी करते हैं. आमतौर पर किसी पीपीई किट में कैप, मास्क, शू-कवर, हैंड गल्व्स, आई ग्लास और गाउन का एक सेट होता है.

देखें, ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

किनके लिए पीपीई किट जरूरी
सिविल सर्जन डॉक्टर मंजू दुबे के अनुसार आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज के पास जाने से पहले इसे पहनना अनिवार्य है. अस्पताल के कर्मचारी, जो कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज को खाना देने, वार्ड की सफाई करने, सैंपल लेने या उनका इलाज करने वाले डॉक्टर हैं, वह इस किट का उपयोग करते हैं.

पढ़ें : वेंटीलेटर, सर्जिकल मास्क, पीपीई, कोविड- 19 परीक्षण किट पर सीमा शुल्क, स्वास्थ्य उपकर से छूट

कैसे इस्तेमाल करें पीपीई किट
सबसे पहले शू-कवर पहना जाता है. इसके बाद गाउन को आगे से पहनकर उसकी स्ट्रिप को बांध दिया जाता है. फिर सिर के ऊपर कैप पहनकर चेहर पर मास्क लगाते हैं. आंखों को कवर करने के लिए ग्लास लगाया जाता है और आखिर में अपने दोनों हाथों को गल्व्स से कवर कर लेते हैं. इस तरह शरीर के हर अंग को ढक लेने के बाद वायरस से संपर्क नहीं हो पाता और संक्रमित मरीज से कोई खतरा नहीं रहता.

एक किट का इस्तेमाल कितनी बार
एक पीपीई किट केवल एक ही बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसके बाद पीपीई किट को नष्ट कर देना होता है. इसके दोबारा उपयोग से जो संक्रमित मरीज नहीं है, उन्हें भी संक्रमण फैल सकता है. पीपीई किट का उपयोग करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को उतार कर बंद डिब्बे में नष्ट करने के लिए रख देते हैं. इसे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत नष्ट कर दिया जाता है.

कितने सुरक्षित हैं मास्क
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए बाजारों में N-95 मास्क की मांग काफी बढ़ गई है. हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार आम लोगों के लिए ट्रिपल लेयर मास्क भी इफेक्टिव हैं. N-95 मास्क उन लोगों के लिए उपयोगी हैं, जो गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के पास जाते हैं.

रांची : वैश्विक महामारी बन कर उभरे कोरोना वायरस से लोग काफी डरे सहमे हुए हैं. इसकी रोकथाम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार कईं कदम उठा रही हैं. झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज मिलने के बाद अस्पतालों को इस महामारी से निबटने के लिए तैयार किया गया है. इसके लिए डॉक्टरों को पीपीई किट दिए जा रहे हैं. पीपीई किट है क्या और ये इतना महत्वपूर्ण क्यों हैं, यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने चाईबासा सदर अस्पताल की सिविल सर्जन मंजू दुबे से बात की.

डॉक्टर मंजू दुबे ने बताया कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट यानी पीपीई किट का इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल वायरस के संक्रमण से बचने के लिए डॉक्टर, नर्स और अन्य कर्मचारी करते हैं. आमतौर पर किसी पीपीई किट में कैप, मास्क, शू-कवर, हैंड गल्व्स, आई ग्लास और गाउन का एक सेट होता है.

देखें, ईटीवी भारत की रिपोर्ट...

किनके लिए पीपीई किट जरूरी
सिविल सर्जन डॉक्टर मंजू दुबे के अनुसार आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीज के पास जाने से पहले इसे पहनना अनिवार्य है. अस्पताल के कर्मचारी, जो कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज को खाना देने, वार्ड की सफाई करने, सैंपल लेने या उनका इलाज करने वाले डॉक्टर हैं, वह इस किट का उपयोग करते हैं.

पढ़ें : वेंटीलेटर, सर्जिकल मास्क, पीपीई, कोविड- 19 परीक्षण किट पर सीमा शुल्क, स्वास्थ्य उपकर से छूट

कैसे इस्तेमाल करें पीपीई किट
सबसे पहले शू-कवर पहना जाता है. इसके बाद गाउन को आगे से पहनकर उसकी स्ट्रिप को बांध दिया जाता है. फिर सिर के ऊपर कैप पहनकर चेहर पर मास्क लगाते हैं. आंखों को कवर करने के लिए ग्लास लगाया जाता है और आखिर में अपने दोनों हाथों को गल्व्स से कवर कर लेते हैं. इस तरह शरीर के हर अंग को ढक लेने के बाद वायरस से संपर्क नहीं हो पाता और संक्रमित मरीज से कोई खतरा नहीं रहता.

एक किट का इस्तेमाल कितनी बार
एक पीपीई किट केवल एक ही बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसके बाद पीपीई किट को नष्ट कर देना होता है. इसके दोबारा उपयोग से जो संक्रमित मरीज नहीं है, उन्हें भी संक्रमण फैल सकता है. पीपीई किट का उपयोग करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी इस्तेमाल किए गए पीपीई किट को उतार कर बंद डिब्बे में नष्ट करने के लिए रख देते हैं. इसे बायो मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत नष्ट कर दिया जाता है.

कितने सुरक्षित हैं मास्क
कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए बाजारों में N-95 मास्क की मांग काफी बढ़ गई है. हालांकि, डॉक्टरों के अनुसार आम लोगों के लिए ट्रिपल लेयर मास्क भी इफेक्टिव हैं. N-95 मास्क उन लोगों के लिए उपयोगी हैं, जो गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के पास जाते हैं.

Last Updated : Apr 10, 2020, 3:37 PM IST
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