नई दिल्ली : हरियाणा में त्रिशंकु विधानसभा की तस्वीर आने के बाद भाजपा ने सरकार बनाने की कवायद शुरू कर दी है. वहीं कांग्रेस पूरी स्थिति नजर बनाए हुए है और फिलहाल अपने पत्ते नहीं खोलेगी.
सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक से दिल्ली पहुंच गए हैं और उनकी आज देर रात या शुक्रवार सुबह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल और गुलाम नबी आजाद से मुलाकात हो सकती है. हुड्डा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मुलाकात करेंगे.
हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान भाजपा से साथ कांटे टक्कर की स्थिति पैदा होने के बाद कांग्रेस राज्य में सरकार के गठन की कवायद में जुट गई थी, लेकिन बाद में उसकी एवं भाजपा की सीटों की संख्या में फासला बढ़ने के बाद वह फूंक-फूंककर कदम उठाने की रणनीति पर चल रही है.
सूत्रों के मुताबिक सोनिया ने बुधवार को दोपहर के समय हुड्डा से फोन पर भी बात की थी और उन्हें सरकार बनाने के लिए आगे बढ़ने को कहा था.
हुड्डा और उनके करीबी जननायक जनता पार्टी के साथ संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे. इसके साथ ही दोपहर से ही उन निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधा जा रहा था, जो जीतने की स्थिति में थे.
यह पूछे जाने पर क्या कांग्रेस ने हरियाणा में सरकार बनाने की उम्मीदें खो दी हैं तो हुड्डा के एक करीबी नेता ने कहा, 'सीटों की संख्या में अंतर आने के बाद सोच-समझकर कदम उठाया जा रहा है. हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन सरकार गठन की गुंजाइश पैदा हुई तो उससे पीछे नहीं हटा जाएगा.'
वहीं, दूसरी ओर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की.
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चुनाव नतीजे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी अगली सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत के आंकड़े से छह सीट पीछे रह गई.
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गौरतलब पांच निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने का फैसला लिया है, जिससे हरियाणा में भाजपा की सरकार आने की उम्मीद बढ़ गई है. हालांकि, इस बात की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. भाजपा का समर्थन करने वाले विधायकों में बलराज कुंडु, रणधीर गोलन, रणजीत सिंह, राकेश दौलताबाद और गोपाल कांडा शामिल हैं.
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राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा को 40 सीटें मिलती दिख रही हैं तो कांग्रेस के खाते में 31 सीटें गई हैं. कुछ महीने पहले गठित हुई जननायक जनता पार्टी को 10 सीटों पर जीत दर्ज की है. सात निर्दलीय विधायक जीते हैं. इंडियन नेशनल लोक दल और हरियणा लोकहित पार्टी को एक-एक सीट मिली हैं.