नई दिल्ली : शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बिल को लेकर कहा है कि हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई व पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए.
शाह ने इस बिल पर चर्चा के दौरान कहा कि भारत में उन सभी हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई व पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए, जिनके साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव हुआ है. उन्होंने कहा कि इसके लिए नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) की आवश्यकता है.
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NRC में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो यह कहता है कि NRC के तहत किसी अन्य धर्म को नहीं लिया जाएगा. भारत के सभी नागरिक, चाहे वे किसी भी धर्म के हों, NRC सूची में शामिल होंगे. NRC नागरिकता संशोधन विधेयक से अलग है.
इससे पहले शाह ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदी स्थिति को लेकर कहा कि घाटी में हालात सामान्य हैं और वहां सभी उर्दू / अंग्रेजी समाचार पत्र और टीवी चैनल काम कर रहे हैं, बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह से कार्यात्मक हैं. सभी सरकारी कार्यालय और न्यायालय खुले हैं.