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ओडिशा : आश्रयगृह में HIV संक्रमित लड़कियों के 'यौन शोषण' की जांच शुरू

ओडिशा में एचआईवी संक्रमित लड़कियों के साथ दुष्कर्म मामले की जांच की जा रही है. आश्रयगृह के अधीक्षक पर लड़कियों का यौन शोषण करने का आरोप है. पढ़ें क्या है पूरा मामला....

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Published : Jul 22, 2019, 9:39 AM IST

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भवानीपटना: ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक आश्रयगृह के अधीक्षक द्वारा एचआईवी संक्रमित नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण की खबरों की अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा आठ वर्षीय एचआईवी संक्रमित लड़की के कथित यौन शोषण की खबर दिये जाने के बाद कालाहांडी जिला प्रशासन, पुलिस, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और कालाहांडी की जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) ने जांच शुरू कर दी है. उक्त लड़की केंद्र में रहती थी.

बोलंगिर की रहने वाली लड़की की मां ने आरोप लगाया कि आश्रयगृह अधीक्षक सरोज दास द्वारा उनकी बेटी और अन्य लड़कियों का यौन शोषण किया गया. महिला ने आरोप लगाया कि उसके बाद उसे अपनी बेटी को घर वापस लाने के लिए मजबूर किया गया.

दास को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है. दास ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने भी इस मामले की गहन जांच की मांग की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के तहत, वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्रयगृह का औचक निरीक्षण किया और दस्तावेजों का सत्यापन किया और कर्मचारियों तथा लड़कियों से बातचीत की.

बोलंगिर की कथित पीड़िता अगस्त 2016 से सीडब्ल्यूसी और डीसीपीयू, बोलंगिर की सिफारिश पर आश्रयगृह में थी. हालांकि, 25 मार्च को उसकी मां यह कहते हुए उसे वापस ले गई कि वह अब अपनी बेटी की देखभाल करने में सक्षम है.

सीडब्ल्यूसी के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि उस समय सीडब्ल्यूसी के समक्ष उसकी ओर से कोई शिकायत नहीं की गई थी.

कालाहांडी के सीडब्ल्यूसी ने भी बोलंगिर में अपने समकक्ष से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया है.

भवानीपटना शहर पुलिस ने सरोज दास को पूछताछ के लिए थाने बुलाया.

भवानीपटना पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सत्य नंदा ने कहा कि जांच के तहत बोलंगिर से लड़की और उसकी मां को लाने के लिए एक पुलिस दल भी भेजा गया था.

नंदा ने कहा कि हालांकि लड़की और उसकी मां ने अभी तक औपचारिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी है, लेकिन पुलिस ने मीडिया की खबरों के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है.

भवानीपटना: ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक आश्रयगृह के अधीक्षक द्वारा एचआईवी संक्रमित नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण की खबरों की अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने यह जानकारी दी.

स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा आठ वर्षीय एचआईवी संक्रमित लड़की के कथित यौन शोषण की खबर दिये जाने के बाद कालाहांडी जिला प्रशासन, पुलिस, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) और कालाहांडी की जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) ने जांच शुरू कर दी है. उक्त लड़की केंद्र में रहती थी.

बोलंगिर की रहने वाली लड़की की मां ने आरोप लगाया कि आश्रयगृह अधीक्षक सरोज दास द्वारा उनकी बेटी और अन्य लड़कियों का यौन शोषण किया गया. महिला ने आरोप लगाया कि उसके बाद उसे अपनी बेटी को घर वापस लाने के लिए मजबूर किया गया.

दास को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है. दास ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है. उन्होंने भी इस मामले की गहन जांच की मांग की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के तहत, वरिष्ठ अधिकारियों ने आश्रयगृह का औचक निरीक्षण किया और दस्तावेजों का सत्यापन किया और कर्मचारियों तथा लड़कियों से बातचीत की.

बोलंगिर की कथित पीड़िता अगस्त 2016 से सीडब्ल्यूसी और डीसीपीयू, बोलंगिर की सिफारिश पर आश्रयगृह में थी. हालांकि, 25 मार्च को उसकी मां यह कहते हुए उसे वापस ले गई कि वह अब अपनी बेटी की देखभाल करने में सक्षम है.

सीडब्ल्यूसी के एक अधिकारी ने कहा कि हालांकि उस समय सीडब्ल्यूसी के समक्ष उसकी ओर से कोई शिकायत नहीं की गई थी.

कालाहांडी के सीडब्ल्यूसी ने भी बोलंगिर में अपने समकक्ष से इस मामले की जांच करने का अनुरोध किया है.

भवानीपटना शहर पुलिस ने सरोज दास को पूछताछ के लिए थाने बुलाया.

भवानीपटना पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक सत्य नंदा ने कहा कि जांच के तहत बोलंगिर से लड़की और उसकी मां को लाने के लिए एक पुलिस दल भी भेजा गया था.

नंदा ने कहा कि हालांकि लड़की और उसकी मां ने अभी तक औपचारिक रूप से पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करायी है, लेकिन पुलिस ने मीडिया की खबरों के आधार पर अपनी जांच शुरू कर दी है क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है.

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