ETV Bharat / bharat

हिमाचल में विकसित हो रही 'गौरी', 1970 में ऑस्ट्रेलिया से लाई गई थी खास नस्ल

सिरमौर जिला के पशु पालन विभाग ने हिमाचल में देशी नस्ल की गाय विकसित करने की कार्य योजना बनाई है. जल्द ही प्रदेश को विशुद्ध अपनी गाय मिल जाएगी, जिसका नाम है गौरी. जानें पूरा विवरण

गाय की नई नस्ल गौरी
author img

By

Published : Jun 30, 2019, 5:54 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पशु पालन विभाग ने सरकार के निर्देशों के अनुरूप एक नई गाय की नस्ल विकसित करने की कार्य योजना बनाई है. इसके तहत यहां पर कार्य चल रहा है. जल्द ही ये नस्ल विकसित होकर सामने आने वाली है.

गौ संवर्धन को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है. दरअसल, हिमाचल का बागथन इलाका दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, यहां पर पशु पालन विभाग का गौ संवर्धन केंद्र 1967 से कार्य कर रहा है. यहां पर ऑस्ट्रेलिया से खास विदेशी नस्ल की गाय लाई गई हैं.

हिमाचल में गाय की नई नस्ल

पशुपालन विभाग सिरमौर की उपनिदेशक डॉ. नीरू शबनम ने बताया कि इस दिशा में काफी कार्य हो चुका है. जल्द ही प्रदेश की अपनी गाय गौरी मिलने वाली है.

पढ़ें- शादी समारोह के खाने में गिरी छिपकली, 60 लोग बीमार

उन्होंने बताया कि वर्ष 1967 में स्थापित इस केंद्र में लोगों को दुग्ध उत्पादन के बारे में भी जानकारी दी जाती है. साथ ही अन्य जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं. अब यहां पर हिमाचल की अपनी गाय गौरी को लेकर कार्य योजना पर काम चल रहा है, जोकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित की जा रही है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के पशु पालन विभाग ने सरकार के निर्देशों के अनुरूप एक नई गाय की नस्ल विकसित करने की कार्य योजना बनाई है. इसके तहत यहां पर कार्य चल रहा है. जल्द ही ये नस्ल विकसित होकर सामने आने वाली है.

गौ संवर्धन को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत है. दरअसल, हिमाचल का बागथन इलाका दुग्ध उत्पादन क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, यहां पर पशु पालन विभाग का गौ संवर्धन केंद्र 1967 से कार्य कर रहा है. यहां पर ऑस्ट्रेलिया से खास विदेशी नस्ल की गाय लाई गई हैं.

हिमाचल में गाय की नई नस्ल

पशुपालन विभाग सिरमौर की उपनिदेशक डॉ. नीरू शबनम ने बताया कि इस दिशा में काफी कार्य हो चुका है. जल्द ही प्रदेश की अपनी गाय गौरी मिलने वाली है.

पढ़ें- शादी समारोह के खाने में गिरी छिपकली, 60 लोग बीमार

उन्होंने बताया कि वर्ष 1967 में स्थापित इस केंद्र में लोगों को दुग्ध उत्पादन के बारे में भी जानकारी दी जाती है. साथ ही अन्य जागरूकता शिविर भी लगाए जाते हैं. अब यहां पर हिमाचल की अपनी गाय गौरी को लेकर कार्य योजना पर काम चल रहा है, जोकि यहां की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित की जा रही है.

Intro:Body:

https://www.etvbharat.com/english/national/state/himachal-pradesh/states-own-cow-breed-developing-in-bagthan-cow-centre-1/na20190621232516216


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.