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भारत-चीन सीमा पर भारी बर्फबारी में फंसे 30 जवान व 11 पोर्टर

उत्तराखंड के मुनस्यारी में भारी बर्फबारी के बाद चीन सीमा से लगी आईटीबीपी की दो चौकियों में कुल 30 जवान फंस गए हैं. चौकियों को खाली कराने के लिए भेजे गए 11 पोर्टर भी बर्फबारी की वजह से फंस गए है. जानें विस्तार..

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Published : Dec 18, 2019, 6:26 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 8:47 PM IST

पिथौरागढ़ : उत्तराखंड मुनस्यारी में भारी बर्फबारी के बाद चीन सीमा से लगी आईटीबीपी की बुगडियार और रेलकोट चौकी में 30 जवान फंस गए. इसमें रेलकोट में 18 व बुगडियार में 12 जवान शामिल हैं. लगातार हिमस्खलन के कारण मार्ग बंद होने की वजह से जवान चौकियां खाली नहीं कर पा रहे हैं. चौकियों को खाली कराने भेजे गए 11 पोर्टर भी समय पूर्व बर्फबारी में फंस गए. हालांकि, अभी आईटीबीपी के अधिकारी इस मामले में जानकारी देने से बच रहे हैं.

बता दें कि चीन सीमा पर उच्च हिमालयी क्षेत्र बुगडियार और रेलकोट में आईटीबीपी की चौकियां हैं. हर वर्ष बर्फबारी से पहले हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए इन चौकियों को 15 दिसंबर तक खाली कर जवानों की तैनाती मिलम और लीलम चौकियों पर की जाती है . मगर इस बार समय से पहले भारी बर्फबारी से जवानों की परेशानी बढ़ गई है. 12 दिसंबर को इन क्षेत्रों में 6 फीट से अधिक बर्फ गिरी, जिस कारण 30 जवानों के साथ ही चौकियों को खाली कराने गए 11 पोर्टर भी फंस गए है.

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भारत-चीन सीमा पर भारी बर्फबारी

यह भी पढ़ें- निर्भया मामले पर कांग्रेस की मांग - तत्काल लागू हो मौत की सजा

हिमस्खलन की आशंका को देखते हुए जवान चौकियों में ही रुके हुए हैं. मौसम साफ होने के बाद ही जवान मिलम और लीलम चौकी की ओर रवाना होंगे. बता दें कि वर्ष 1990 में हिमस्खलन की वजह से बुगडियार चौकी में तैनात 5 जवान जिंदा दफन हो गए थे. वर्ष 1976 में इन दोनों चौकियों में तैनात जवानों को सामान आपूर्ति करने के लिए जा रहे पोर्टर और घोड़े 4 माह तक मिलम में ही फंसे रहे.

पिथौरागढ़ : उत्तराखंड मुनस्यारी में भारी बर्फबारी के बाद चीन सीमा से लगी आईटीबीपी की बुगडियार और रेलकोट चौकी में 30 जवान फंस गए. इसमें रेलकोट में 18 व बुगडियार में 12 जवान शामिल हैं. लगातार हिमस्खलन के कारण मार्ग बंद होने की वजह से जवान चौकियां खाली नहीं कर पा रहे हैं. चौकियों को खाली कराने भेजे गए 11 पोर्टर भी समय पूर्व बर्फबारी में फंस गए. हालांकि, अभी आईटीबीपी के अधिकारी इस मामले में जानकारी देने से बच रहे हैं.

बता दें कि चीन सीमा पर उच्च हिमालयी क्षेत्र बुगडियार और रेलकोट में आईटीबीपी की चौकियां हैं. हर वर्ष बर्फबारी से पहले हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए इन चौकियों को 15 दिसंबर तक खाली कर जवानों की तैनाती मिलम और लीलम चौकियों पर की जाती है . मगर इस बार समय से पहले भारी बर्फबारी से जवानों की परेशानी बढ़ गई है. 12 दिसंबर को इन क्षेत्रों में 6 फीट से अधिक बर्फ गिरी, जिस कारण 30 जवानों के साथ ही चौकियों को खाली कराने गए 11 पोर्टर भी फंस गए है.

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भारत-चीन सीमा पर भारी बर्फबारी

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हिमस्खलन की आशंका को देखते हुए जवान चौकियों में ही रुके हुए हैं. मौसम साफ होने के बाद ही जवान मिलम और लीलम चौकी की ओर रवाना होंगे. बता दें कि वर्ष 1990 में हिमस्खलन की वजह से बुगडियार चौकी में तैनात 5 जवान जिंदा दफन हो गए थे. वर्ष 1976 में इन दोनों चौकियों में तैनात जवानों को सामान आपूर्ति करने के लिए जा रहे पोर्टर और घोड़े 4 माह तक मिलम में ही फंसे रहे.

Intro:सांकेतिक फोटो संलग्न

पिथौरागढ़: मुनस्यारी में भारी बर्फबारी के बाद चीन सीमा से लगी आईटीबीपी की दो चौकियों में कुल 30 जवान फंस गए है। मिली सूचना के अनुसार रेलकोट चौकी में 18 जबकि बुगडियार चौकी में 12 जवान फंसे हुए है। लगातार हिमस्खलन के कारण मार्ग बंद होने की वजह से जवान चौकियां खाली नहीं कर पा रहे हैं। चौकियों को खाली कराने के लिए भेजे गए 11 पोर्टर भी बर्फबारी की वजह से फंस गए है। वहीं आईटीबीपी के अधिकारी इस मामले में कोई भी जानकारी देने से बच रहे हैं।

Body:चीन सीमा पर उच्च हिमालयी क्षेत्र बुगडियार और रेलकोट में आईटीबीपी की चौकियां हैं। हर वर्ष बर्फबारी से पहले हिमस्खलन के खतरे को देखते हुए इन चौकियों को 15 दिसंबर तक खाली कर जवानों की तैनाती मिलम और लीलम चौकियों पर की जाती है। मगर इस बार समय से पहले भारी बर्फबारी से जवानों की परेशानी बढ़ गई है। 12 दिसंबर को इन क्षेत्रों में 6 फीट से अधिक बर्फ गिरी। जिस कारण 30 जवानों के साथ ही चौकियों को खाली कराने गए 11 पोर्टर भी फंस गए है। हिमस्खलन की आशंका को देखते हुए जवान चौकियों में ही रुके हुए है। मौसम साफ होने के बाद ही जवान मिलम और लीलम चौकी की ओर रवाना होंगे। Conclusion:आपको बता दें कि वर्ष 1990 में हिमस्खलन की वजह से बुगडियार चौकी में तैनात 5 जवान जिंदा दफन हो गए थे। वर्ष 1976 में इन दोनों चौकियों में तैनात जवानों को सामान आपूर्ति करने के लिए जा रहे पोर्टर और घोड़े 4 माह तक मिलम में ही फंसे रहे।
Last Updated : Dec 18, 2019, 8:47 PM IST
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