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टूजी केस: दिल्ली हाईकोर्ट में सीबीआई और ईडी की याचिका पर सुनवाई आज - टूजी स्पेक्ट्रम केस

टूजी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट आज सुनवाई करेगा.

High Court on 2G case
ए राजा समेत 19 आरोपी हैं शामिल
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Published : Nov 23, 2020, 10:01 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को टूजी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा. पहले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने तय प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही अपील दायर किया है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच सुनवाई करेगी.

प्रक्रियाओं का नहीं किया गया था पालन

पहले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की और से कहा गया था कि सीबीआई ने तय प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही अपील दायर की है. पिछले 22 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों की और से वकील विजय अग्रवाल ने 17 जनवरी 2018 को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के कम्युनिकेशन को निरस्त करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वह कम्युनिकेशन सीबीआई मैन्युअल और हाईकोर्ट के नियमों के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब उन्होंने सीबीआई की और से दिए गए दस्तावेजों पर गौर किया, तो पाया कि सीबीआई ने बिना प्रक्रियाओं का पालन किए ही अपील दायर की है.

डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग

पिछले 21 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपी करीम मोरानी की और से वकील सुधीर नंद्राजोग ने इस मामले के डिवीजन बेंच को रेफर करने की मांग की थी. सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले से जुड़ा कानूनी पहलू डिवीजन बेंच के पास लंबित है. ऐसे में इस मामले को डिवीजन बेंच को रेफर कर दिया जाए या डिवीजन बेंच के फैसले का इंतजार किया जाए, क्योंकि उस फैसले का बड़ा असर होगा. उन्होंने कहा था कि जज कामिनी की और से रेफर किए गए सवालों पर जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बेंच सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित

सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से आग्रह किया था कि इस मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में हुए चर्चाओं पर गौर करना चाहिए. दोनों सदनों में राजनेता हैं और बड़ी संख्या में वकील भी हैं. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि विधायिका की इच्छा धारा 13(1)(डी) को हटाने की थी. इस पहलू पर मनमोहन सिंह का केस अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने कहा था कि धाराओं को बदलने का मतलब प्रावधान को खत्म करना है.

पढ़ें: लव जिहाद पर हो रही गलत बयानबाजी, जानिए क्या है पूरा मामला

ए राजा समेत 19 आरोपी

इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.

2017 में बरी किया

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट सोमवार को टूजी स्पेक्ट्रम केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और दूसरे आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई और ईडी की याचिका पर सुनवाई करेगा. पहले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की ओर से कहा गया था कि सीबीआई ने तय प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही अपील दायर किया है. जस्टिस बृजेश सेठी की बेंच सुनवाई करेगी.

प्रक्रियाओं का नहीं किया गया था पालन

पहले की सुनवाई के दौरान आरोपियों की और से कहा गया था कि सीबीआई ने तय प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ही अपील दायर की है. पिछले 22 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपियों की और से वकील विजय अग्रवाल ने 17 जनवरी 2018 को केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के कम्युनिकेशन को निरस्त करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वह कम्युनिकेशन सीबीआई मैन्युअल और हाईकोर्ट के नियमों के खिलाफ है. साथ ही उन्होंने कहा था कि जब उन्होंने सीबीआई की और से दिए गए दस्तावेजों पर गौर किया, तो पाया कि सीबीआई ने बिना प्रक्रियाओं का पालन किए ही अपील दायर की है.

डिवीजन बेंच के पास रेफर करने की मांग

पिछले 21 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान आरोपी करीम मोरानी की और से वकील सुधीर नंद्राजोग ने इस मामले के डिवीजन बेंच को रेफर करने की मांग की थी. सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से कहा था कि इस मामले से जुड़ा कानूनी पहलू डिवीजन बेंच के पास लंबित है. ऐसे में इस मामले को डिवीजन बेंच को रेफर कर दिया जाए या डिवीजन बेंच के फैसले का इंतजार किया जाए, क्योंकि उस फैसले का बड़ा असर होगा. उन्होंने कहा था कि जज कामिनी की और से रेफर किए गए सवालों पर जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की बेंच सुनवाई कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित

सुधीर नंद्राजोग ने कोर्ट से आग्रह किया था कि इस मसले पर राज्यसभा और लोकसभा में हुए चर्चाओं पर गौर करना चाहिए. दोनों सदनों में राजनेता हैं और बड़ी संख्या में वकील भी हैं. उन्होंने कहा कि ये साफ है कि विधायिका की इच्छा धारा 13(1)(डी) को हटाने की थी. इस पहलू पर मनमोहन सिंह का केस अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. उन्होंने कहा था कि धाराओं को बदलने का मतलब प्रावधान को खत्म करना है.

पढ़ें: लव जिहाद पर हो रही गलत बयानबाजी, जानिए क्या है पूरा मामला

ए राजा समेत 19 आरोपी

इस मामले में सीबीआई और ईडी ने ए राजा और कनिमोझी समेत सभी 19 आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. 25 मई 2018 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री ए राजा और कनिमोझी समेत सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया था. हाईकोर्ट ने इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अपील पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया है.

2017 में बरी किया

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 21 दिसंबर 2017 को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया था. जज ओपी सैनी ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में नाकाम रहा है कि दो पक्षों के बीच पैसे का लेन देन हुआ है.

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