पंचकूला : एजेएल प्लॉट आवंटन और मानेसर लैंड डील मामले की बुधवार को हरियाणा के पंचकूला स्थित प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान आरोपीद्वय पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोती लाल वोरा कोर्ट में पेश हुए. दोनों ही मामलों में आरोपियों पर लगाये गये चार्ज पर वकीलों में बहस हुई. मंगलवार को पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में एजेएल प्लॉट आवंटन मामले की सुनवाई हुई थी. अगली सुनवाई अब 6 नवम्बर को होगी.
हुड्डा और वोरा को अंतरिम जमानत
पंचकूला कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुड्डा और वोरा की रेगुलर बेल को लेकर एक याचिका दाखिल की गयी. बेल याचिका पर दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हुई. जिसके बाद ईडी कोर्ट ने दोनों को अंतरिम जमानत दे दी.
अब छह नवम्बर को प्रस्तावित अगली सुनवाई में ईडी की ओर से रेगुलर बेल को लेकर रिप्लाई फाइल की जाएगी. बेल के लिए हुड्डा और वोरा को 5-5 लाख रुपये के बांड भरने होंगे.
क्या है एजेएल प्लॉट आवंटन मामला
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे. वहीं मोती लाल वोहरा एजेएल के चेयरमैन थे. हुड्डा और और मोती लाल वोहरा के खिलाफ पिछले वर्ष एक दिसम्बर को चार्जशीट दाखिल की गयी थी. बता दें कि इस मामले में हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कम्पनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट आवंटित कराया था.
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क्या है मानेसर लैंड डील मामला
हरियाणा सरकार की ओर से 27 अगस्त 2004 और 25 अगस्त 2005 में लैंड एक्वीजिशन के तहत मानेसर के नौरंगपुर और लखनौला गांव में 912 एकड़ जमीन एक्वायर की गयी थी. हुड्डा की अगुआई वाली तत्कालीन हरियाणा सरकार पर मानेसर में इन दो गांवों की जमीन एक्वायर करने के नाम पर प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
मानेसर लैंड स्कैम मामले में 15 सितम्बर 2015 को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद जांच में हुड्डा और पूर्व आईएएस अधिकारी तायल समेत 34 लोगों के नाम सामने आए थे. मामले में आरोपी बनाये गये लोगों में कई अधिकारी और बिल्डर भी शामिल हैं. जमीन घोटाला मामले में पूर्व हुड्डा सहित 34 लोगों के खिलाफ फरवरी 2019 में चार्जशीट दाखिल की गयी थी.