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नहीं होता लॉकडाउन तो 15 अप्रैल तक होते देश में आठ लाख संक्रमित : स्वास्थ्य मंत्रालय

देश में कोरोना वायरस के 7447 मामलों की पुष्टि हुई है और 642 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. वहीं इस वायरस अब तक 239 लोगों की मौत हो गई है. पढ़ें पूरी खबर...

स्वास्थ्य मंत्रालय
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Published : Apr 11, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Apr 11, 2020, 7:36 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन और कंटेनमेंट जैसे एतहतियाती कदम नहीं उठाए होते तो अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल केस 8.2 लाख पहुंच गए होते. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि एक लाख से अधिक आइसोलेशन बिस्तरों और 11,500 आईसीयू बिस्तरों के साथ देशभर में कुल 586 अस्पतालों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए विशेष हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित किया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण वाले क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठा रखे हैं.

वहीं, एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आईसीएमआर द्वारा आर्डर किए गए पांच लाख एंटी बॉडी टेस्टिंग किट अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना वायरस के 1035 नए मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है. इस तरह, देशभर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 7,447 पहुंच गई और अब तक 239 मौत दर्ज की गई है.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव.

अग्रवाल ने कहा, 'कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए 586 विशेष अस्पतालों को राज्य और केंद्र स्तर पर शुरू किया गया है. देशभर में एक लाख आइसोलेशन बेड और 11,500 गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) बिस्तर कारोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए रखे गए हैं. इस आंकड़े में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.'

उन्होंने कहा, 'हमने मामलों की वृद्धि दर का विश्लेषण किया है. हमने पाया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया और 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया. सांख्यिकी विश्लेषण के मुताबिक लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण वाले इलाकों को सील किए जाने जैसे अन्य उपायों के अभाव में मामलों में 15 अप्रैल तक 41 प्रतिशत की वृद्धि होती और संक्रमण के मामले 8.2 लाख पहुंच जाते.'

उन्होंने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी, लॉकडाउन और इलाकों को सील करने जैसी अन्य कोशिशें कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए जरूरी हैं.

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार की प्रतिक्रिया समय पूर्व, सक्रिय और पूरी तरह से तैयार रहने वाली रही है तथा हमने अपने क्रमिक रुख से उत्पन्न हो रही स्थिति के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया की. आयुष मंत्रालय ने श्वसन से जुड़े स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दिशानिर्देश तैयार किए हैं. जिलों को इसे जिला स्तर पर आकस्मिक योजना में शामिल करने को कहा गया है.'

अग्रवाल ने यह भी कहा कि देश में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है. इस दवा को कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए एक जरूरी औषधि बताया है.

आईसीएमआर के अधिकारी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये अब तक 1.7 लाख नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 16,564 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई.

मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा में प्रधानमंत्री ने दिए लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि आज गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा प्रदान करें.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन और कंटेनमेंट जैसे एतहतियाती कदम नहीं उठाए होते तो अब तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल केस 8.2 लाख पहुंच गए होते. स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि एक लाख से अधिक आइसोलेशन बिस्तरों और 11,500 आईसीयू बिस्तरों के साथ देशभर में कुल 586 अस्पतालों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए विशेष हॉस्पिटल के रूप में चिह्नित किया गया है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण वाले क्षेत्र (हॉटस्पॉट) की पहचान के लिए पहले से ही एहतियाती कदम उठा रखे हैं.

वहीं, एक प्रश्न के उत्तर में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'आईसीएमआर द्वारा आर्डर किए गए पांच लाख एंटी बॉडी टेस्टिंग किट अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं.'

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना वायरस के 1035 नए मामले सामने आए हैं और 40 लोगों की मौत हुई है. इस तरह, देशभर में संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़ कर 7,447 पहुंच गई और अब तक 239 मौत दर्ज की गई है.

जानकारी देते स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव.

अग्रवाल ने कहा, 'कोरोना वायरस मरीजों के इलाज के लिए 586 विशेष अस्पतालों को राज्य और केंद्र स्तर पर शुरू किया गया है. देशभर में एक लाख आइसोलेशन बेड और 11,500 गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) बिस्तर कारोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए रखे गए हैं. इस आंकड़े में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है.'

उन्होंने कहा, 'हमने मामलों की वृद्धि दर का विश्लेषण किया है. हमने पाया कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया और 25 मार्च से लॉकडाउन लागू किया गया. सांख्यिकी विश्लेषण के मुताबिक लॉकडाउन और कोरोना वायरस संक्रमण वाले इलाकों को सील किए जाने जैसे अन्य उपायों के अभाव में मामलों में 15 अप्रैल तक 41 प्रतिशत की वृद्धि होती और संक्रमण के मामले 8.2 लाख पहुंच जाते.'

उन्होंने कहा कि सामाजिक मेलजोल से दूरी, लॉकडाउन और इलाकों को सील करने जैसी अन्य कोशिशें कोरोना वायरस महामारी से निबटने के लिए जरूरी हैं.

उन्होंने कहा, 'भारत सरकार की प्रतिक्रिया समय पूर्व, सक्रिय और पूरी तरह से तैयार रहने वाली रही है तथा हमने अपने क्रमिक रुख से उत्पन्न हो रही स्थिति के अनुरूप अपनी प्रतिक्रिया की. आयुष मंत्रालय ने श्वसन से जुड़े स्वास्थ्य और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर दिशानिर्देश तैयार किए हैं. जिलों को इसे जिला स्तर पर आकस्मिक योजना में शामिल करने को कहा गया है.'

अग्रवाल ने यह भी कहा कि देश में मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कोई कमी नहीं है. इस दवा को कई विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए एक जरूरी औषधि बताया है.

आईसीएमआर के अधिकारी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिये अब तक 1.7 लाख नमूनों की जांच की गई है, जिनमें से 16,564 नमूनों की शुक्रवार को जांच की गई.

मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा में प्रधानमंत्री ने दिए लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि आज गृह मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा प्रदान करें.

Last Updated : Apr 11, 2020, 7:36 PM IST
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