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जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों को उपलब्ध कराएंगे कोरोना वैक्सीन - कोरोना वायरस वैक्सीन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने साप्ताहिक वेबिनार संडे संवाद में कहा कि सरकार की योजना है कि 40 से 50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाए और उसका उपयोग किया जाए. हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20 से 25 करोड़ लोगों को कवर करना है. पढ़ें पूरी खबर..

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कोरोना वायरस वैक्सीन से जुड़े हर सवाल का जवाब आज मिलेगा
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Published : Oct 4, 2020, 9:44 AM IST

Updated : Oct 5, 2020, 6:32 AM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि केंद्र कोविड-19 वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराक की खरीद की योजना पर काम कर रहा है, जिसे जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया फॉलोवर्स के लिए साप्ताहिक वेबिनार संडे संवाद में कहा कि सरकार की योजना है कि 40 से 50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाए और उसका उपयोग किया जाए. हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20 से 25 करोड़ लोगों को कवर करना है. इसके लिए, हम बड़े पैमाने पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण इत्यादि में क्षमता निर्माण कर रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि नीति अयोग सदस्य, वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया पर काम कर रही है. वैक्सीन की खरीद केंद्रित रूप से की जा रही है और प्रत्येक खेप को वास्तविक समय तक ट्रैक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी आवश्यकता है.

हर्षवर्धन ने कहा कि यह समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय सीमा को समझने के लिए काम कर रही है. समिति निर्माताओं से भारत की इन्वेंट्री के लिए अधिक से अधिक संख्या में डोज उपलब्ध कराने, आपूर्ति प्रबंधन और उच्च-जोखिम वाले समूहों की प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि यह काम प्रगति पर है, जो टीकाकरण कार्यक्रम के तेजी से रोल-आउट सुनिश्चित करने के लिए टीके तैयार होने तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और उच्च जोखिम वाले लोग सरकार की प्राथमिकता सूची में ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्यों को वैक्सीन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करने को कहा गया है.

उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सेनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और कई अन्य व्यावसायिक श्रेणियां शामिल होंगी, जो मरीजों के इलाज, परीक्षण और उपचार में शामिल हैं.

मंत्री ने कहा कि वैक्सीन को पूर्व-निर्धारित प्राथमिकता और क्रमबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आने वाले महीनों में पूरी प्रक्रिया का विवरण साझा किया जाएगा.

हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि राज्यों को बारीकी से कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है जो कि टीका के ब्लॉक स्तर वितरण के लिए आवश्यक होंगे.

उन्होंने कहा कि इस अभ्यास को इस अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है.

पढ़ें : 2021 की शुरुआत में भारत को मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन : डॉ. हर्षवर्धन

स्पूतनिक 5 टीका
भारत में कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट की अगर बात की जाए, तो हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला ने रूसी कोविड-19 टीके स्पूतनिक फाइव के भारत में मानव शरीर पर तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) में आवेदन किया है.

भारत की दिग्गज फार्मा कंपनी ने टीके के क्लीनिकल परीक्षण और इसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ करार किया है.

कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद आरडीआईएफ डॉक्टर रेड्डीज को टीके की 10 करोड़ खुराक भेजेगा.

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को कहा कि केंद्र कोविड-19 वैक्सीन की 40-50 करोड़ खुराक की खरीद की योजना पर काम कर रहा है, जिसे जुलाई 2021 तक 25 करोड़ लोगों तक पहुंचाया जाएगा.

उन्होंने अपने सोशल मीडिया फॉलोवर्स के लिए साप्ताहिक वेबिनार संडे संवाद में कहा कि सरकार की योजना है कि 40 से 50 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन डोज प्राप्त की जाए और उसका उपयोग किया जाए. हमारा लक्ष्य जुलाई 2021 तक 20 से 25 करोड़ लोगों को कवर करना है. इसके लिए, हम बड़े पैमाने पर मानव संसाधन, प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण इत्यादि में क्षमता निर्माण कर रहे हैं.

मंत्री ने कहा कि नीति अयोग सदस्य, वी.के. पॉल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति पूरी प्रक्रिया पर काम कर रही है. वैक्सीन की खरीद केंद्रित रूप से की जा रही है और प्रत्येक खेप को वास्तविक समय तक ट्रैक किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह उन लोगों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी आवश्यकता है.

हर्षवर्धन ने कहा कि यह समिति देश में विभिन्न टीकों की उपलब्धता की समय सीमा को समझने के लिए काम कर रही है. समिति निर्माताओं से भारत की इन्वेंट्री के लिए अधिक से अधिक संख्या में डोज उपलब्ध कराने, आपूर्ति प्रबंधन और उच्च-जोखिम वाले समूहों की प्राथमिकता पर उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा कि यह काम प्रगति पर है, जो टीकाकरण कार्यक्रम के तेजी से रोल-आउट सुनिश्चित करने के लिए टीके तैयार होने तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और उच्च जोखिम वाले लोग सरकार की प्राथमिकता सूची में ऊपर हैं. उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान में एक प्रारूप तैयार कर रहा है, जिसमें राज्यों को वैक्सीन प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उच्च जोखिम वाले जनसंख्या समूहों की सूची प्रस्तुत करने को कहा गया है.

उन्होंने कहा कि फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सूची में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिक्स, सेनेटरी कर्मचारी, आशा कार्यकर्ता, निगरानी अधिकारी और कई अन्य व्यावसायिक श्रेणियां शामिल होंगी, जो मरीजों के इलाज, परीक्षण और उपचार में शामिल हैं.

मंत्री ने कहा कि वैक्सीन को पूर्व-निर्धारित प्राथमिकता और क्रमबद्ध तरीके से वितरित किया जाएगा. पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आने वाले महीनों में पूरी प्रक्रिया का विवरण साझा किया जाएगा.

हर्षवर्धन ने यह भी बताया कि राज्यों को बारीकी से कोल्ड चेन सुविधाओं और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे के बारे में विवरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया जा रहा है जो कि टीका के ब्लॉक स्तर वितरण के लिए आवश्यक होंगे.

उन्होंने कहा कि इस अभ्यास को इस अक्टूबर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है.

पढ़ें : 2021 की शुरुआत में भारत को मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन : डॉ. हर्षवर्धन

स्पूतनिक 5 टीका
भारत में कोरोना वैक्सीन के डेवलपमेंट की अगर बात की जाए, तो हैदराबाद स्थित डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला ने रूसी कोविड-19 टीके स्पूतनिक फाइव के भारत में मानव शरीर पर तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी प्राप्त करने के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) में आवेदन किया है.

भारत की दिग्गज फार्मा कंपनी ने टीके के क्लीनिकल परीक्षण और इसके वितरण के लिए रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ करार किया है.

कंपनी ने पिछले महीने कहा था कि डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद आरडीआईएफ डॉक्टर रेड्डीज को टीके की 10 करोड़ खुराक भेजेगा.

Last Updated : Oct 5, 2020, 6:32 AM IST
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