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अहमदाबाद की यह कंपनी होगी सेंट्रल विस्टा नवीनीकरण परियोजना की परामर्शदाता

संसद भवन और केंद्रीय विस्टा परियोजना के पुर्ननिर्माण और नवीनीकरण के लिए एचसीपी आर्किटेक्चरल फर्म से 230 करोड़ रुपए में बात तय हुई है. यह फर्म पहले भी साबरमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी है.

शहरी विकास मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस
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Published : Oct 25, 2019, 6:40 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 10:22 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के रायसीना हिल्स के आसपास के सरकारी भवनों और संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) के नवीनीकरण की परियोजना के परामर्शदाता के तौर पर अहमदाबाद की 'एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग ऐंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ को चुना गया है. इसके लिए बोलियां लगाई गयी थी, जिसमें एचसीपी की बोली सबसे ज्यादा रही.

इसके लिए एचसीपी को 230 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है.

एचसीपी एक अर्किटेक्चरल फर्म है. इससे पहले एचसीपी ने गुजरात के साबरमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट पर काम किया था. शहरी विकास मंत्रालय, ने कहा कि एचसीपी प्राइवेट लिमिटेड उन पांच अन्य सलाहकारों में है जिसकी बोली विजयी रही.

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने एचसीपी को दी गई समय सीमा में काम पूरा करने के लिए सम्मानित किया है.

केंद्रीय विस्टा परियोजना (राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक) को पूरा करने की समयसीमा नवंबर 2021 है. वहीं संसद भवन के पुनर्निमाण को मार्च 2022 तक और आम केंद्रीय सचिवालय में मार्च 2024 तक यह काम पूरा होना है.

सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य रायसीना हिल्स पर पुरानी इमारतों की मरम्मत करना है.

प्रभाकर सिंह से बातचीत

वहीं इस परियोजना के अलावा आम सचिवालय भवनों को बेहतर बनाना, पुराने संसद भवन का नवीनीकरण करना, सांसदों की आवश्यकता के लिए नई जगह बनाना और संपूर्ण मास्टर प्लान को संशोधित करके पूरे केंद्रीय विस्टा क्षेत्र को बेहतर करना है.

पढ़ें- 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' में किसी भी पेड़ को नहीं काटा जाएगा' : हरदीप सिंह पुरी

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों का मानना ​​है कि रायसीना हिल्स और राजपथ से सटे संसद भवन की 100 वर्षों से अधिक पुरानी इमारतों के, पुर्ननिर्माण की आवश्यकता अब कई गुना बढ़ गई है.

पहले बनाई गई इन इमारतों में पर्याप्त स्थान, सुविधाएं और आराम और बहुत सी सुख सुविधाओं की कमी है.

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ' वर्तमान संसद भवन में जगह की कमी है. वहीं भारत और विदेश से आगंतुक केंद्रीय विस्टा आते रहते हैं और इसकी सुंदरता को सुधारने के लिए इसे विश्व स्तरीय पर्यटक आकर्षण बिंदु बनाने की तत्काल आवश्यकता है.'

नई दिल्ली : दिल्ली के रायसीना हिल्स के आसपास के सरकारी भवनों और संसद भवन (सेंट्रल विस्टा) के नवीनीकरण की परियोजना के परामर्शदाता के तौर पर अहमदाबाद की 'एचसीपी डिजाइन, प्लानिंग ऐंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड’ को चुना गया है. इसके लिए बोलियां लगाई गयी थी, जिसमें एचसीपी की बोली सबसे ज्यादा रही.

इसके लिए एचसीपी को 230 करोड़ रुपये का ठेका दिया गया है.

एचसीपी एक अर्किटेक्चरल फर्म है. इससे पहले एचसीपी ने गुजरात के साबरमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट पर काम किया था. शहरी विकास मंत्रालय, ने कहा कि एचसीपी प्राइवेट लिमिटेड उन पांच अन्य सलाहकारों में है जिसकी बोली विजयी रही.

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने एचसीपी को दी गई समय सीमा में काम पूरा करने के लिए सम्मानित किया है.

केंद्रीय विस्टा परियोजना (राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक) को पूरा करने की समयसीमा नवंबर 2021 है. वहीं संसद भवन के पुनर्निमाण को मार्च 2022 तक और आम केंद्रीय सचिवालय में मार्च 2024 तक यह काम पूरा होना है.

सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक प्रभाकर सिंह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य रायसीना हिल्स पर पुरानी इमारतों की मरम्मत करना है.

प्रभाकर सिंह से बातचीत

वहीं इस परियोजना के अलावा आम सचिवालय भवनों को बेहतर बनाना, पुराने संसद भवन का नवीनीकरण करना, सांसदों की आवश्यकता के लिए नई जगह बनाना और संपूर्ण मास्टर प्लान को संशोधित करके पूरे केंद्रीय विस्टा क्षेत्र को बेहतर करना है.

पढ़ें- 'सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट' में किसी भी पेड़ को नहीं काटा जाएगा' : हरदीप सिंह पुरी

आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों का मानना ​​है कि रायसीना हिल्स और राजपथ से सटे संसद भवन की 100 वर्षों से अधिक पुरानी इमारतों के, पुर्ननिर्माण की आवश्यकता अब कई गुना बढ़ गई है.

पहले बनाई गई इन इमारतों में पर्याप्त स्थान, सुविधाएं और आराम और बहुत सी सुख सुविधाओं की कमी है.

मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, ' वर्तमान संसद भवन में जगह की कमी है. वहीं भारत और विदेश से आगंतुक केंद्रीय विस्टा आते रहते हैं और इसकी सुंदरता को सुधारने के लिए इसे विश्व स्तरीय पर्यटक आकर्षण बिंदु बनाने की तत्काल आवश्यकता है.'

Intro:New Delhi: Gujarat based HCP design, planning and project private limited has bagged the consultancy work worth Rs 230 crore for development of the master plan of Parliament building and central vista in the national capital.


Body:The HCP architectural firm had earlier worked for Gujarat's Sabarmati Riverfront Project which had raised a major controversy over the cleaning of the river.

The Ministry of Housing and Urban Affairs said that HCP Pvt. Ltd. have emerged the highest across among five other consultants who had also participated in the technical bids.

Central Public Works Department (CPWD) has awarded the consultancy work with specific timeline to compmete the work.

The timeline for completing the central vista project (from Rastrapati Bhawan to India Gate) is November 2021 and work on Parliament building is to be completed by March 2022 and the common central secretariat by March 2024.

"The aim is to improving the old buildings on Raisina Hills, make improved common secretariat buildings, refurbish old Parliament building, make new space for new requirement of MPs and upgrade the entire central vista area by revisiting entire master plan," said CPWD director general Prabhakar Singh to ETV Bharat.


Conclusion:Officials in the Ministry of Housing and Urban Affairs believe that over a period of above 100 years after the conceptualization of building on Raisina Hills and adjoining to Rajpath, the requirement has now increased manifold.

These buildings designed earlier ate not able to provide enough space, amenities and comfort requirements.

"There is scarcity of space in the present Parliament building. Visitors keep coming to central vista from India and abroad and there is an urgent need to improve the beauty of central vista to make it a world class tourist attractions point," officials in the Ministry of Housing and Urban Affairs said.

end.
Last Updated : Oct 26, 2019, 10:22 AM IST
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