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बिकरू कांड : गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की अग्रिम जमानत मंजूर - ऋचा दुबे को एक मामले में अग्रिम जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को एक मामले में अग्रिम जमानत दे दी है. धोखाधड़ी के एक मामले में ऋचा दुबे ने अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी.

बिकरू कांड
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Published : Jan 29, 2021, 8:18 AM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरु कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. साथ ही उसे पुलिस रिपोर्ट पर अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने तक जमानत पर रहने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने ऋचा दुबे की अग्रिम जमानत याचिका पर अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र को सुनकर दिया है. ऋचा दुबे के खिलाफ कानपुर के चौबेपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है.

जमानत की शर्तों का करना होगा पालन
ऋचा दुबे के अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र का कहना था कि याची पर आरोप है कि उसने अपने मोबाइल में मऊ के निगोहा निवासी महेश का सिम कार्ड लगाकर इस्तेमाल किया. इसके अलावा अन्य कोई आरोप नहीं है. उसने इस फोन नंबर का उपयोग किसी अपराध में नहीं किया है. चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर ने याची के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया है. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.

पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, केंद्र को कहा- आपने आंखें क्यों मूंद रखी हैं

याची को 18 दिसंबर 2020 को अंतरिम अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा प्रदान की जा चुकी है. कोर्ट ने याची की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए उसे जमानत की शर्तों के पालन करने का निर्देश दिया.

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरु कांड के मुख्य आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की धोखाधड़ी के मामले में अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है. साथ ही उसे पुलिस रिपोर्ट पर अदालत द्वारा संज्ञान लिए जाने तक जमानत पर रहने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने ऋचा दुबे की अग्रिम जमानत याचिका पर अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र को सुनकर दिया है. ऋचा दुबे के खिलाफ कानपुर के चौबेपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है.

जमानत की शर्तों का करना होगा पालन
ऋचा दुबे के अधिवक्ता प्रभाशंकर मिश्र का कहना था कि याची पर आरोप है कि उसने अपने मोबाइल में मऊ के निगोहा निवासी महेश का सिम कार्ड लगाकर इस्तेमाल किया. इसके अलावा अन्य कोई आरोप नहीं है. उसने इस फोन नंबर का उपयोग किसी अपराध में नहीं किया है. चौबेपुर थाने के इंस्पेक्टर ने याची के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया है. उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.

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याची को 18 दिसंबर 2020 को अंतरिम अग्रिम जमानत न्यायालय द्वारा प्रदान की जा चुकी है. कोर्ट ने याची की अग्रिम जमानत मंजूर करते हुए उसे जमानत की शर्तों के पालन करने का निर्देश दिया.

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