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कश्मीरी छात्रों को मदद, ऑफर देने वाले को धमकी मिलने का आरोप

केंद्र के कश्मीर पर फैसले के बाद जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र ने कश्मीरी छात्रों के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. इसपर कुछ लोगों ने छात्रों को फोन करके डराने धमकाने की कोशिश की. जानें पूरा मामला...

जाधवपुर विश्वविद्यालय
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Published : Aug 8, 2019, 5:29 PM IST

Updated : Aug 8, 2019, 9:52 PM IST

कोलकाताः बुधवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को डराने धमकाने का एक मामला सामने आया है. छात्र ने आरोप लगया कि एक फेसबुक पोस्ट को लेकर यह हो रहा है. पोस्ट पर छात्रों ने शहर में कश्मीरी छात्रों की मदद करने की बात लिखी थी.

विश्वविद्यालय के कला संकाय छात्र संघ ने फेसबुक पर मंगलवार सुबह 10 बजे एक ई-पोस्टर प्रकाशित किया. पोस्टर में कहा गया था, विश्वविद्यालय या उसके आस पास के संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों को कोई भी दिक्कत हो तो वह जादवपुर विश्वविद्यालय कला संकाय छात्र संघ के लोगों से मिल सकते हैं.

पोस्टर में लिखा था, 'वह खुशी से किसी भी तरह की मदद करेंगे.' आपको बता दे यह पोस्ट देश में हो रही राजनीतिक हलचल को लेकर किया गया था.

विश्वविद्यालय के चार छात्रों ने, जिनमें दो छात्राएं भी शामिल हैं, आरोप लगया है कि उनको फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद से फोन आ रहे हैं. छात्रों का नाम और नंबर भी पोस्टर में लिखा गया था.

उन्होंने आरोप लगाया कि फोन करने वाले अभद्र भाषा और गालियों का प्रयोग कर रहे थे. उनसे फेसबुक पोस्ट को हटाने को भी कहा गया.

छात्रों ने जादवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र भी सौंपा गया है जिसमें घटना का वर्णन किया गया है. उन्होंने मांग की कि फोन करने वालों की पहचान की जाए और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए.

पढ़ें-भारत का करारा जवाब, बौखलाया पाक- समझौता ट्रेन रद्द, भारतीय सिनेमा पर रोक

विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र की छात्रा उषाशी पाल ने बताया, 'हमें अजिबोगरीब नंबरों से फोन आए हैं जो सिर्फ तीन-चार अंकों के थे जैसे, +30140, +5044. फोन करने वालों ने अभद्रता की वहीं कुछ ने हमें उनसे शादी कर ने को भी कहा और अश्लील टिप्पणी भी की.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह स्पष्ट है कि वह हमें धमकाने और परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं. आम लोगों के पास तीन-चार अंकों का फोन नंबर नहीं होती है जिन्हें पहचाना नहीं जा सकता है. यह हमें परेशान करने के लिए एक सुनियोजित कदम लगता है क्योंकि हम कश्मीरियों की मदद करना चाहते हैं.'

देवराज देबनाथ, जिनका नाम और नंबर का भी पोस्टर में लिखा गया था, उन्होंने कहा, 'वह अश्लील टिप्पणी करके महिला छात्रों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने हमें गंभीर परिणामों की धमकी भी दी. यही नहीं उन्होंने हमें जय हिंदू राष्ट्र चिल्लाने के लिए भी कहा. हम जानते हैं कि इसके पीछे भाजपा के लोग हैं. वह हर जगह नफरत और सांप्रदायिकता फैला रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि धमकीयों के बावजूद वह परिसर में कश्मीरी छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने या मेस की सुविधाओं में मदद करने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने अरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही पुलिस से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है.

आपको बता दें कि केंद्र ने कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए राज्यों को परिपत्र जारी किया था.जिसके बाद जादवपुर विश्वविद्यालय ने छात्रावास की सुविधाओं में कश्मीरी छात्रों को वरीयता देने का फैसला किया है.इस विषय पर जादवपुर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहा मंजू बसु ने कहा, हर साल जम्मू-कश्मीर से कई छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं. ज्यादातर छात्र पीएम स्पेशल स्कॉलरशिप के तहत यहां आए हैं.

जादवपुर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहा मंजू बसु

इस वर्ष 10-12 छात्र हैं जिन्हें स्नातक में प्रवेश दिया गया है वहीं 3-4 छात्रों को सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश दिया गया है. हॉस्टलों में सीमित सीटें हैं, जिससे उनको बाहर रहना पड़ाता है. वह काफी समस्या सामना कर रहे हैं, फंड ट्रांसफर के संबंध में दिक्कत आ रही है.

इसलिए हमने उन्हें हॉस्टल सीट अलॉटमेंट के लिए वरीयता देने का फैसला किया है. छात्रावास में प्रत्येक छात्र के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की गई है.

कोलकाताः बुधवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों को डराने धमकाने का एक मामला सामने आया है. छात्र ने आरोप लगया कि एक फेसबुक पोस्ट को लेकर यह हो रहा है. पोस्ट पर छात्रों ने शहर में कश्मीरी छात्रों की मदद करने की बात लिखी थी.

विश्वविद्यालय के कला संकाय छात्र संघ ने फेसबुक पर मंगलवार सुबह 10 बजे एक ई-पोस्टर प्रकाशित किया. पोस्टर में कहा गया था, विश्वविद्यालय या उसके आस पास के संस्थानों में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों को कोई भी दिक्कत हो तो वह जादवपुर विश्वविद्यालय कला संकाय छात्र संघ के लोगों से मिल सकते हैं.

पोस्टर में लिखा था, 'वह खुशी से किसी भी तरह की मदद करेंगे.' आपको बता दे यह पोस्ट देश में हो रही राजनीतिक हलचल को लेकर किया गया था.

विश्वविद्यालय के चार छात्रों ने, जिनमें दो छात्राएं भी शामिल हैं, आरोप लगया है कि उनको फेसबुक पर पोस्ट करने के बाद से फोन आ रहे हैं. छात्रों का नाम और नंबर भी पोस्टर में लिखा गया था.

उन्होंने आरोप लगाया कि फोन करने वाले अभद्र भाषा और गालियों का प्रयोग कर रहे थे. उनसे फेसबुक पोस्ट को हटाने को भी कहा गया.

छात्रों ने जादवपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र भी सौंपा गया है जिसमें घटना का वर्णन किया गया है. उन्होंने मांग की कि फोन करने वालों की पहचान की जाए और उन्हें सलाखों के पीछे डाला जाए.

पढ़ें-भारत का करारा जवाब, बौखलाया पाक- समझौता ट्रेन रद्द, भारतीय सिनेमा पर रोक

विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र की छात्रा उषाशी पाल ने बताया, 'हमें अजिबोगरीब नंबरों से फोन आए हैं जो सिर्फ तीन-चार अंकों के थे जैसे, +30140, +5044. फोन करने वालों ने अभद्रता की वहीं कुछ ने हमें उनसे शादी कर ने को भी कहा और अश्लील टिप्पणी भी की.'

उन्होंने आगे कहा, 'यह स्पष्ट है कि वह हमें धमकाने और परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं. आम लोगों के पास तीन-चार अंकों का फोन नंबर नहीं होती है जिन्हें पहचाना नहीं जा सकता है. यह हमें परेशान करने के लिए एक सुनियोजित कदम लगता है क्योंकि हम कश्मीरियों की मदद करना चाहते हैं.'

देवराज देबनाथ, जिनका नाम और नंबर का भी पोस्टर में लिखा गया था, उन्होंने कहा, 'वह अश्लील टिप्पणी करके महिला छात्रों को परेशान करने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने हमें गंभीर परिणामों की धमकी भी दी. यही नहीं उन्होंने हमें जय हिंदू राष्ट्र चिल्लाने के लिए भी कहा. हम जानते हैं कि इसके पीछे भाजपा के लोग हैं. वह हर जगह नफरत और सांप्रदायिकता फैला रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि धमकीयों के बावजूद वह परिसर में कश्मीरी छात्रों को विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहने या मेस की सुविधाओं में मदद करने के लिए तैयार हैं.

उन्होंने अरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. साथ ही पुलिस से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है.

आपको बता दें कि केंद्र ने कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए राज्यों को परिपत्र जारी किया था.जिसके बाद जादवपुर विश्वविद्यालय ने छात्रावास की सुविधाओं में कश्मीरी छात्रों को वरीयता देने का फैसला किया है.इस विषय पर जादवपुर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहा मंजू बसु ने कहा, हर साल जम्मू-कश्मीर से कई छात्र विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते हैं. ज्यादातर छात्र पीएम स्पेशल स्कॉलरशिप के तहत यहां आए हैं.

जादवपुर विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार स्नेहा मंजू बसु

इस वर्ष 10-12 छात्र हैं जिन्हें स्नातक में प्रवेश दिया गया है वहीं 3-4 छात्रों को सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश दिया गया है. हॉस्टलों में सीमित सीटें हैं, जिससे उनको बाहर रहना पड़ाता है. वह काफी समस्या सामना कर रहे हैं, फंड ट्रांसफर के संबंध में दिक्कत आ रही है.

इसलिए हमने उन्हें हॉस्टल सीट अलॉटमेंट के लिए वरीयता देने का फैसला किया है. छात्रावास में प्रत्येक छात्र के लिए पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की गई है.

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Kolkata : Right after abrogation of Article 370 from Jammu and Kashmir, centre issued circulars to the states to look after the welfare and security of the Kashmiris residing in respective states. Following that order Jadavpur University decided to give preference to Kashmiri students with regards with hostel facilities. 



In respect with this facilitation, Registrar of JU Mrs. Sneha Manju Basu said, "Every year there are many students from the jammu and Kashmir who takes admission in our University. Most of them are admitted here under PM Special Scolarship. This year there are about 10-12 students who were admitted in the undergraduation under this scolarship. There are 3 or 4 students who got admitted in the second year by lateral entry. As there are limited seats reserved under Hostel provisions, many of them had to stay outside. But as there is a problem that they are facing regarding fund transfer and so on, we have issued a notification ordering to give them the preference while it comes to hostel seat allotments." Along with this she also ensured security of the students stating that every hostel facilities of the university is ensured with sufficient internal security for each and every student. 


Conclusion:
Last Updated : Aug 8, 2019, 9:52 PM IST
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