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सीएए पर हसीना की टिप्पणी उनके घरेलू क्षेत्रों को लक्षित करती है : पूर्व राजनयिक

बांग्लादेश के पीएम शेख हसीना ने नागरिकता कानून को अनावश्यक करार दिया है. उनकी इस टिप्पणी पर पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने कहा कि बांग्लादेशी पीएम का यह बयान उनके घरेलू क्षेत्रों को लक्षित करता है.

ईटीवी भारत से बात करते अनिल त्रिगुणायत
ईटीवी भारत से बात करते अनिल त्रिगुणायत
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Published : Jan 20, 2020, 8:14 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:42 PM IST

नई दिल्ली : दिसंबर 2019 में भारतीय संसद से नागरिकता कानून के पारित होने के बाद से भारत-बांग्लादेश रिश्ते में कुछ नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले हैं. रविवार को गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान पहली बार बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनावश्यक बताया.

शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि एनआरसी बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से कहा कि शेख हसीना का यह बयान उनके घरेलू क्षेत्रों को लक्षित करता है.

ईटीवी भारत से बात करते अनिल त्रिगुणायत.

इस सवाल पर कि क्या नए कानून पर भारत-बांग्लादेश के बिगड़ते संबंध बीजिंग के लिए एक अवसर के रूप में सामने आएंगे, त्रिगुणायत ने कहा, 'हमारे पड़ोसी इतने वर्षों में अधिक स्मार्ट हो गए हैं.'

उन्होंने कहा कि चीन ने उनके देश में निवेश करने में काफी रूचि दिखाई है. साथ ही वह अपने अंडे भारतीय टोकरी में भी रखना चाहते हैं, ताकि हमारी क्षमता और द्विपक्षीय सहायता से लाभ उठा सकें.

पूर्व राजनयिक ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सभी नीतियां भारत केंद्रित हैं, उन्होंने दावा किया कि कूटनीति न तो काली होती है और न ही सफेद होती है. उन्होंने दावा किया कि भारत मजबूत और भरोसेमंद संबंध बनाने के लिए पड़ोस में बहुत पैसा खर्च कर रहा है.

पढ़ें- ब्रू रियांग शरणार्थी समझौता, समस्या का स्थायी समाधान : स्वराज कौशल

बता दें कि नागरिकता कानून पास होने के बाद, बांग्लादेश ने भारत के साथ कई उच्चस्तरीय बैठकें रद कर दीं, जिसमें उसके विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन की यात्रा भी शामिल थी.

इतना ही नहीं, बांग्लादेश प्रशासन ने विदेश राज्य मंत्री शाहरार आलम की भारत यात्रा भी रद कर दी. हालांकि बंग्लादेश ने तब दावा किया था कि आलम की यात्रा इस लिए रद कर दी गई कि उन्हें पीएम शेख हसीना के साथ यूएई जाना था.

नई दिल्ली : दिसंबर 2019 में भारतीय संसद से नागरिकता कानून के पारित होने के बाद से भारत-बांग्लादेश रिश्ते में कुछ नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिले हैं. रविवार को गल्फ न्यूज को दिए इंटरव्यू के दौरान पहली बार बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनावश्यक बताया.

शेख हसीना ने यह भी दावा किया कि पीएम मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि एनआरसी बांग्लादेश को प्रभावित नहीं करेगा.

पूर्व राजदूत अनिल त्रिगुणायत ने ईटीवी भारत से कहा कि शेख हसीना का यह बयान उनके घरेलू क्षेत्रों को लक्षित करता है.

ईटीवी भारत से बात करते अनिल त्रिगुणायत.

इस सवाल पर कि क्या नए कानून पर भारत-बांग्लादेश के बिगड़ते संबंध बीजिंग के लिए एक अवसर के रूप में सामने आएंगे, त्रिगुणायत ने कहा, 'हमारे पड़ोसी इतने वर्षों में अधिक स्मार्ट हो गए हैं.'

उन्होंने कहा कि चीन ने उनके देश में निवेश करने में काफी रूचि दिखाई है. साथ ही वह अपने अंडे भारतीय टोकरी में भी रखना चाहते हैं, ताकि हमारी क्षमता और द्विपक्षीय सहायता से लाभ उठा सकें.

पूर्व राजनयिक ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सभी नीतियां भारत केंद्रित हैं, उन्होंने दावा किया कि कूटनीति न तो काली होती है और न ही सफेद होती है. उन्होंने दावा किया कि भारत मजबूत और भरोसेमंद संबंध बनाने के लिए पड़ोस में बहुत पैसा खर्च कर रहा है.

पढ़ें- ब्रू रियांग शरणार्थी समझौता, समस्या का स्थायी समाधान : स्वराज कौशल

बता दें कि नागरिकता कानून पास होने के बाद, बांग्लादेश ने भारत के साथ कई उच्चस्तरीय बैठकें रद कर दीं, जिसमें उसके विदेश मंत्री अब्दुल मोमेन की यात्रा भी शामिल थी.

इतना ही नहीं, बांग्लादेश प्रशासन ने विदेश राज्य मंत्री शाहरार आलम की भारत यात्रा भी रद कर दी. हालांकि बंग्लादेश ने तब दावा किया था कि आलम की यात्रा इस लिए रद कर दी गई कि उन्हें पीएम शेख हसीना के साथ यूएई जाना था.

Intro:New Delhi: Since the passage of India's new Citizenship law from both houses of parliament in December 2019, New Delhi-Dhaka relationship has witnessed some dramatic developments. On Sunday, for the first time Bangladesh PM Sheikh Hasina during her interview to Gulf News called it unnecessary.


Body:Responding to ETV Bharat's query on Bangladesh PM's remark, former ambassador Anil Trigunayat who had served in Dhaka for three years (1986-89) during his initial days in the foreign service said that Sheikh Hasina's statement is essentially targeting her domestic constituency.

On the question whether India-Bangladesh soaring relationship over the new law will turn out to be an opportunity for Beijing, Anil Trigunayat claimed, "our neighbours have grown smarter over the years. Frankly, they have seen Chinese interest in investing in their country. At the same time they want to keep their eggs in the Indian basket as well. Benefit from our capacity and bilateral assistance."

Former diplomat also stressed that India has been blessed with difficult neighbours. Referring to Pakistan whose entire policies are India centric, he claimed that diplomacy is neither black or white, it is grey. India has been pumping a lot money in the neighbourhood in lieu to create stronger and trusted relationship.


Conclusion:Post enactment of the Citizenship law, Bangladesh cancelled several high-level meetings to India that included the visits of its Foreign Minister Abdul Memon and Home Minister Asaduzzaman.

Not only this, Bangladesh administration also cancelled India visit of its State Minister for Foreign Shahriar Alam. Dhaka claimed that Alam's visit was cancelled as he had to accompany PM Hasina to UAE.

During her interview to the Gulf News, she also claimed that PM Modi had also assured her during her India visit in October last year that NRC won't affect Bangladesh.
Last Updated : Feb 17, 2020, 6:42 PM IST
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