नई दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने भारत शीतलक कार्ययोजना (ICAP) जारी की. ये उत्सर्जन घटाने के क्रम में शीतलक की मांग घटाने सहित शीतलक और इससे संबंधित क्षेत्रों की तरफ एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करेगा.
ICAP का उद्देश्य 2037-38 तक सभी सेक्टरों में शीतलक मांग को 20-25 प्रतिशत तक कम करना और प्रशीतक की मांग को 25-30 प्रतिशत तक कम करना है.
ICAP का उद्देश्य 2022-23 तक इससे संबंधित क्षेत्रों के तकनीशियनों के प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र देने के अलावा 2037-38 तक शीतलक ऊर्जा जरूरतों में 25-40 प्रतिशत तक की कमी लाना भी है.
शुक्रवार को हर्षवर्धन ने पत्रकारों से कहा, 'जिस कार्य योजना को आज हमने जारी किया है, ऐसा संभव है कि किसी भी देश ने यह नहीं किया है. हमने सभी हितधारकों के साथ काम किया और वैश्विक अनुभवों के आधार पर चीजों को शामिल किया.'
उन्होंने कहा, 'हम इसका नतीजा देख सकते हैं. उद्योग की सोच बदल गई है. नए एयर कंडीशनर, रेफ्रीजरेटर नए सोच और तरकीबों के साथ बन रहे हैं.'
उन्होंने विश्व ओजोन दिवस के दौरान पिछले वर्ष सितंबर में ICAP का मसौदा जारी किया था.