नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं के मुद्दे पर भारत भर में चिकित्सा बिरादरी की चिंताओं का जिक्र किया.
डॉ. हर्षवर्धन ने भारत भर में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा हाल ही में किए गए आंदोलन और विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया. उन्होंने कहा, आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं की विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह से जांच की जाएगी.
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह कोई नई अवधारणा नहीं है. 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता एक अवधारणा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी परिभाषित किया गया है. यह विकसित देशों में प्रचलन में है. यह कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है साथ ही यह आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा है.
स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया बयान निश्चित रूप से चिकित्सा बिरादरी को राहत देगा. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक पर सरकार के फैसले के बाद देश भर के चिकित्सक भड़क गए थे. आपको बता दें, सरकार ने आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं' को लाइसेंस देने की घोषणा की थी.
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जानकारी के लिए बता दें, एनएमसी विधेयक की धारा 32 में लाखों सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं को लाइसेंस देने का प्रावधान है, जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करते हैं.
यहां तक कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी इस कदम का विरोध किया था. IMA ने कहा कि एनएमसी में विशेष खंड का मतलब है कि 'चिकित्सा पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने में सक्षम होंगे.'
जब से संसद में एनएमसी विधेयक पेश किया गया था, तब से विधेयक को लेकर विभिन्न वर्गों में बड़ी बहस छिड़ गई है.