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आधुनिक दवाओं के उपयोग से पहले सामुदायिक स्वास्थ्य सेवकों की विशेषज्ञ जांच : डॉ. हर्षवर्धन

एनएमसी विधेयक पर सरकार के फैसले के बाद देश भर के चिकित्सकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बयान दिया है जिससे पूरी चिकित्सक बिरादरी राहत की सांस लेगी. पढ़ें पूरी खबर...

डॉ. हर्षवर्धन
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Published : Oct 4, 2019, 5:49 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 6:34 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं के मुद्दे पर भारत भर में चिकित्सा बिरादरी की चिंताओं का जिक्र किया.

डॉ. हर्षवर्धन ने भारत भर में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा हाल ही में किए गए आंदोलन और विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया. उन्होंने कहा, आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं की विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह से जांच की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन का बयान

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह कोई नई अवधारणा नहीं है. 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता एक अवधारणा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी परिभाषित किया गया है. यह विकसित देशों में प्रचलन में है. यह कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है साथ ही यह आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा है.

स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया बयान निश्चित रूप से चिकित्सा बिरादरी को राहत देगा. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक पर सरकार के फैसले के बाद देश भर के चिकित्सक भड़क गए थे. आपको बता दें, सरकार ने आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं' को लाइसेंस देने की घोषणा की थी.

पढ़ें-देश के 57.3 फीसदी डॉक्टर फर्जी, केंद्र ने स्वीकार की WHO की रिपोर्ट

जानकारी के लिए बता दें, एनएमसी विधेयक की धारा 32 में लाखों सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं को लाइसेंस देने का प्रावधान है, जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करते हैं.

यहां तक ​​कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी इस कदम का विरोध किया था. IMA ने कहा कि एनएमसी में विशेष खंड का मतलब है कि 'चिकित्सा पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने में सक्षम होंगे.'

जब से संसद में एनएमसी विधेयक पेश किया गया था, तब से विधेयक को लेकर विभिन्न वर्गों में बड़ी बहस छिड़ गई है.

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं के मुद्दे पर भारत भर में चिकित्सा बिरादरी की चिंताओं का जिक्र किया.

डॉ. हर्षवर्धन ने भारत भर में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा हाल ही में किए गए आंदोलन और विरोध प्रदर्शन का जिक्र किया. उन्होंने कहा, आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए लाइसेंस प्राप्त करने से पहले सभी सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं की विशेषज्ञों द्वारा पूरी तरह से जांच की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन का बयान

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि यह कोई नई अवधारणा नहीं है. 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाता एक अवधारणा है जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा भी परिभाषित किया गया है. यह विकसित देशों में प्रचलन में है. यह कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने में मदद करता है साथ ही यह आधुनिक चिकित्सा से जुड़ा है.

स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दिया गया बयान निश्चित रूप से चिकित्सा बिरादरी को राहत देगा. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक पर सरकार के फैसले के बाद देश भर के चिकित्सक भड़क गए थे. आपको बता दें, सरकार ने आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने के लिए 3.5 लाख 'सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं' को लाइसेंस देने की घोषणा की थी.

पढ़ें-देश के 57.3 फीसदी डॉक्टर फर्जी, केंद्र ने स्वीकार की WHO की रिपोर्ट

जानकारी के लिए बता दें, एनएमसी विधेयक की धारा 32 में लाखों सामुदायिक स्वास्थ्य प्रदाताओं को लाइसेंस देने का प्रावधान है, जो आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास करते हैं.

यहां तक ​​कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी इस कदम का विरोध किया था. IMA ने कहा कि एनएमसी में विशेष खंड का मतलब है कि 'चिकित्सा पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति आधुनिक दवाओं का अभ्यास करने में सक्षम होंगे.'

जब से संसद में एनएमसी विधेयक पेश किया गया था, तब से विधेयक को लेकर विभिन्न वर्गों में बड़ी बहस छिड़ गई है.

Intro:New Delhi: Union Minister for Health and Family Welfare Dr Harsh Vardhan on Friday allay concerns of the medical fraternity across India over community health providers issue.


Body:Referring to the recent agitation and protest spearheaded by resident doctors association across India, Dr Harsh Vardhan said that all the community health providers will be thoroughly examined by experts before they get the license for practicising modern medicines.

Dr Vardhan said that this is not a new concept. "Community health providers is a concept which is defined even by the World Health Organisation (WHO). It is in practice in developed countries...it helps the system and it is connected with the modern medicine," said Dr Harsh Vardhan.

The statement given by the health minister could definitely give relieve to the medical fraternity who were agitated after the government in the National Medical Commission (NMC) Bill has announced of giving licensing to 3.5 lakh "communury health providers" to practice modern medicines.


Conclusion:Section 32 of the NMC Bill provides for licensing to lakhs of Community Health Providers practice modern medicine.

Even the Indian Medical Association (IMA) was also opposed to the move. It said that the particular section in NMC "means that persons without medical background will be able to practice modern medicines."

Ever since the NMC Bill was introduced in the Parliament, a major debate has erupted over the different sections of the bill.

end.
Last Updated : Oct 4, 2019, 6:34 PM IST
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