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केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने की 'ईट राइट इंडिया मिशन' की शुरुआत

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियां तो मानों आज के समय में आम सी हो गई हैं. इन्ही जैसी बीमारियों के निवारण और इनके प्रचार को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने 'ईट राइट इंडिया मिशन' शुरू किया है. जिसे लेकर WHO का बयान सामने आया है. पढ़ें पूरी खबर...

डॉ हर्षवर्धन ने की ईट राइट मिशन की शुरुआत
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Published : Sep 5, 2019, 11:17 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 2:30 PM IST

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज ईट राइट इंडिया मिशन की शुरुआत की. गैर संचारी रोगों जैसे कि मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोग जैसी समस्याओं के बढ़ते बोझ के निवारण और प्रचार पर जोर देते हुए इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की गई.

इस संबंध में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि आज का यह मिशन सबके स्वास्थ्य से संबंधित मिशन है.

डॉ हर्षवर्धन ने की ईट राइट मिशन को लेकर डॉ हर्षवर्धन ने की बातचीत

1.7 निरीक्षक हुए ट्रेन
मिशन को लागू करने के लिए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 1.7 लाख फूड सेफ्टी सुपरवाइजर को ट्रेन किया गया है. उन्होंने कहा कि ये सुपरवाइजर दिशानिर्देशों को लागू करने के अलावा व्यापक अभियान भी करेंगे.

सामाजिक गति दी जा रही
बता दें कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के द्वारा ईट राइट इंडिया आंदोलन को सामाजिक और व्यवहारिक गति दी जा रही है और यह गति देने के लिए एक जरूरी निवारक स्वास्थ्य देखभाल को उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

जन आंदोलन के स्तर तक बढ़ाने के लिए चल रही जमीनी कार्यवाही
इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान ईट राइट इंडिया आंदोलन को जन आंदोलन के स्तर तक बढ़ाने की जमीनी कार्रवाई चल रही है.

पढे़ंः भिवानी: फिट इंडिया मूवमेंट कार्यक्रम को लेकर लोगों में दिखा उत्साह

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि FSSAI ने तीन प्रमुख मुख्य बिंदुओं ईट सेफ, ईट हेल्दी और ईट सस्टेनेब्ली के तहत मजबूत उपाय किए हैं.

गौरतलब है कि 2022 तक ट्रांस-फैट मुक्त भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी तेलों, वसा और खाद्य उत्पाद में ट्रांस-वसा को दो प्रतिशत से कम करने के नियम लागू किए गए हैं. WHO (विश्व स्वास्थ्य मिशन) के द्वारा अखिल भारतीय स्वास्थ्य मिशन का स्वागत किया गया है.

WHO ने ईट राइट इंडिया आंदोलन को सराहते हुए कहा कि ईट राइट इंडिया आंदोलन उसके बेहद करीब है, जो WHO संदेश देना चाहता है. उन्होंने यह भी कहा कि अब यह FSSAI के अंतर्गत है. अगर भारत भर के होटल और रेस्तरां स्वच्छता मानकों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ FSSAI द्वारा कठोर कार्रवाही की जाती है.

इस संबंध में FSSAI की चेयरपर्सन रीता तेवतिया (Rita Teaotia) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और बताया कि हम अपने काम में उद्योगों को भागीदार मानते हैं. हमने होटल और रेस्तरां के लिए थर्ड पार्टी हाइजीन रेटिंग सिस्टम लाने के लिए पहले ही पहल कर दी थी.

रीता तेवतिया ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत, देखें वीडियो...

उन्होंने आगे कहा कि एक चेकलिस्ट सिस्टम है जो हर साल मान्य होती है. फिलहाल स्वच्छता की रेटिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, लेकिन हम भविष्य में इसे जरूरी बनाने के बारे में सोचेंगे.

आपको बता दें FSSAI भारत का सबसे बेहतरीन खाद्य सुरक्षा नियमक है. वर्तमान समय में FSSAI फूड आउटलेट्स को स्वच्छता रेटिंग देता है. ऑर्गनाइजेशन ने रेस्तरां में हाईजीन रेटिंग को लेकर पहल की है, जिससे कि उपभोक्ताओं को स्वच्छता के सही मानकों के बारे में पता लग सके.

इस बीच FSSAI ने डेयरी दिग्गज अमूल को अपनी दूध शोधन प्रक्रिया का ब्योरा देने को कहा है क्योंकि कथित तौर पर FSSAI के फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम में भाग लेने से इंकार कर दिया था. अमूल ने कथित तौर पर FSSAI की फोर्टिफिकेशन योजना से इनकार कर दिया है, जिसने खाद्य सुरक्षा नियामक को नाराज कर दिया है.

आपको बता दें फोर्टिफिकेशन दूध की शुद्धता का पता लगाने की एक प्रक्रिया है. तेवतिया (Teaotia) ने कहा कि हमने अमूल को एक जांच भेजी है, जिसमें उनसे कहा है कि वे अपने फोर्टिफिकेशन का विवरण भेजें.

तेवतिया ने कहा कि 70 प्रतिशत भारतीय माइक्रो न्यूट्रिएंट्स डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. हमें माइक्रो न्यूट्रिएंट्स फोर्टीफिकेशन के स्टैंडर्ड को नोटिफाई करना होगा.

नई दिल्लीः केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने आज ईट राइट इंडिया मिशन की शुरुआत की. गैर संचारी रोगों जैसे कि मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर और ह्रदय रोग जैसी समस्याओं के बढ़ते बोझ के निवारण और प्रचार पर जोर देते हुए इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत की गई.

इस संबंध में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि आज का यह मिशन सबके स्वास्थ्य से संबंधित मिशन है.

डॉ हर्षवर्धन ने की ईट राइट मिशन को लेकर डॉ हर्षवर्धन ने की बातचीत

1.7 निरीक्षक हुए ट्रेन
मिशन को लागू करने के लिए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि 1.7 लाख फूड सेफ्टी सुपरवाइजर को ट्रेन किया गया है. उन्होंने कहा कि ये सुपरवाइजर दिशानिर्देशों को लागू करने के अलावा व्यापक अभियान भी करेंगे.

सामाजिक गति दी जा रही
बता दें कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) के द्वारा ईट राइट इंडिया आंदोलन को सामाजिक और व्यवहारिक गति दी जा रही है और यह गति देने के लिए एक जरूरी निवारक स्वास्थ्य देखभाल को उपाय के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.

जन आंदोलन के स्तर तक बढ़ाने के लिए चल रही जमीनी कार्यवाही
इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान ईट राइट इंडिया आंदोलन को जन आंदोलन के स्तर तक बढ़ाने की जमीनी कार्रवाई चल रही है.

पढे़ंः भिवानी: फिट इंडिया मूवमेंट कार्यक्रम को लेकर लोगों में दिखा उत्साह

अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि FSSAI ने तीन प्रमुख मुख्य बिंदुओं ईट सेफ, ईट हेल्दी और ईट सस्टेनेब्ली के तहत मजबूत उपाय किए हैं.

गौरतलब है कि 2022 तक ट्रांस-फैट मुक्त भारत के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सभी तेलों, वसा और खाद्य उत्पाद में ट्रांस-वसा को दो प्रतिशत से कम करने के नियम लागू किए गए हैं. WHO (विश्व स्वास्थ्य मिशन) के द्वारा अखिल भारतीय स्वास्थ्य मिशन का स्वागत किया गया है.

WHO ने ईट राइट इंडिया आंदोलन को सराहते हुए कहा कि ईट राइट इंडिया आंदोलन उसके बेहद करीब है, जो WHO संदेश देना चाहता है. उन्होंने यह भी कहा कि अब यह FSSAI के अंतर्गत है. अगर भारत भर के होटल और रेस्तरां स्वच्छता मानकों का पालन नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ FSSAI द्वारा कठोर कार्रवाही की जाती है.

इस संबंध में FSSAI की चेयरपर्सन रीता तेवतिया (Rita Teaotia) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और बताया कि हम अपने काम में उद्योगों को भागीदार मानते हैं. हमने होटल और रेस्तरां के लिए थर्ड पार्टी हाइजीन रेटिंग सिस्टम लाने के लिए पहले ही पहल कर दी थी.

रीता तेवतिया ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत, देखें वीडियो...

उन्होंने आगे कहा कि एक चेकलिस्ट सिस्टम है जो हर साल मान्य होती है. फिलहाल स्वच्छता की रेटिंग एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, लेकिन हम भविष्य में इसे जरूरी बनाने के बारे में सोचेंगे.

आपको बता दें FSSAI भारत का सबसे बेहतरीन खाद्य सुरक्षा नियमक है. वर्तमान समय में FSSAI फूड आउटलेट्स को स्वच्छता रेटिंग देता है. ऑर्गनाइजेशन ने रेस्तरां में हाईजीन रेटिंग को लेकर पहल की है, जिससे कि उपभोक्ताओं को स्वच्छता के सही मानकों के बारे में पता लग सके.

इस बीच FSSAI ने डेयरी दिग्गज अमूल को अपनी दूध शोधन प्रक्रिया का ब्योरा देने को कहा है क्योंकि कथित तौर पर FSSAI के फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम में भाग लेने से इंकार कर दिया था. अमूल ने कथित तौर पर FSSAI की फोर्टिफिकेशन योजना से इनकार कर दिया है, जिसने खाद्य सुरक्षा नियामक को नाराज कर दिया है.

आपको बता दें फोर्टिफिकेशन दूध की शुद्धता का पता लगाने की एक प्रक्रिया है. तेवतिया (Teaotia) ने कहा कि हमने अमूल को एक जांच भेजी है, जिसमें उनसे कहा है कि वे अपने फोर्टिफिकेशन का विवरण भेजें.

तेवतिया ने कहा कि 70 प्रतिशत भारतीय माइक्रो न्यूट्रिएंट्स डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. हमें माइक्रो न्यूट्रिएंट्स फोर्टीफिकेशन के स्टैंडर्ड को नोटिफाई करना होगा.

Intro:New Delhi: Union Health Minister Dr Harsh Vardhan on Thursday has launched Eat Right India campaign in New Delhi.


Body:The nation wide campaign was launched emphasising on preventive and promotive health for all in the backdrop of the increasing burden of non-communicable diseases such as diabetes, hypertension and heart disease, widespread deficiencies of vitamins and minerals and rampant for borne illness.

"Today's mission is also related to Prime Minister Narendra Modi's mission of health for all," said Dr Harsh Vardhan.

To implement the mission, Dr Harsh Vardhan said, 1.7 lakh food safety supervisors have been trained. "These supervisors will do extensive campaigning apart from implementing guidelines," said Dr Harsh Vardhan.

The Eat Right India movement is being helmed by Food Safety and Standard Autboeity of India (FSSAI) as a crucial preventive healthcare measure to trigger social and behavioural change.

Health Ministry officials said that the groundwork for escalating the Eat Right India movement to the level of a Jan Andolan has been underway during the past few months.

"FSSAI had put in place robust regulatory measures under three major pillars: Eat Safe, Eat Health and Eat Sustainably," the officials said.

Significantly, to reach the target of trans-fat free India by 2022, regulations to reduce trans-fats to less than 2 per cent in all oils, fats and food product have been put in place.


Conclusion:The pan-India health mission is also welcomed by World Health Organisation (WHO).

"The Eat Right India movement's message is close to the heart of what the WHO has been saying all along. Now, this has been put into action by FSSAI...," said WHO in a statement.

end.
Last Updated : Sep 29, 2019, 2:30 PM IST
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