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मॉब लिचिंग पर बोले हरीश रावत- देश में जंगलराज पैदा कर रही भीड़, PM लगाएं रोके

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Published : Jul 25, 2019, 8:03 AM IST

49 हस्तियों ने पीएम मोदी को खत लिखा है. वहीं कांग्रेस भी अब मॉल लिचिंग मामले में सरकार पर निशाना साधने में जुट गई है. जानें क्या है पूरा मामला..

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत

दिल्ली/देहरादून: देशभर में असहिष्णुता का माहौल और उस पर बुद्धिजीवियों की शिकायत का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है. देशभर के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि 'जय श्री राम' नारे का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके कारण देश में असहिष्णुता का माहौल बन रहा है. प्रधानमंत्री को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. कांग्रेस ने भी पीएम मोदी से बुद्धिजीवियों की इस बात को गंभीरता से लेने को कहा है.

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा की यह गंभीर मामला बनता जा रहा है. पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है. मॉब लिंचिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजा राम जो मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उनके नाम पर दंगाई नारा बनाकर लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन बन रहे हैं. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

कांग्रेस नेता हरीश रावत का बयान

पढ़ें- लोकसभा में गुरुवार को 'तीन तलाक बिल' पारित होने की संभावना

दरअसल, 49 शिक्षाविदों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मॉब लिंचिंग पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. इसमें इतिहासकार रोमिला थापर, बिपिन चंद्रा, नोम चोम्स्की, सुमित्र सेन, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, श्याम बेनेगल, शुभा मुद्गल समेत 49 लोग शामिल हैं.

प्रधानमंत्री को लिखे गए शिकायती पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि हमारा धर्मनिरपेक्ष संविधान है. जहां सभी धर्म के लोगों को साथ रहने की बात कही गई है. लेकिन पिछले जब से देश में मोदी सरकार आई है तब से मॉब लिंचिंग के मामले बढ़ गए हैं.

कांग्रेस का मानना है मॉब लिंचिंग करने वाले लोग मोदी के समर्थक हैं इसलिए कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि वे अपने समर्थकों से कहें कि वे मॉब लिंचिंग बंद करें और बुद्धिजीवियों की सलाह को गंभीरता से लें.

दिल्ली/देहरादून: देशभर में असहिष्णुता का माहौल और उस पर बुद्धिजीवियों की शिकायत का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता जा रहा है. देशभर के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि 'जय श्री राम' नारे का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसके कारण देश में असहिष्णुता का माहौल बन रहा है. प्रधानमंत्री को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. कांग्रेस ने भी पीएम मोदी से बुद्धिजीवियों की इस बात को गंभीरता से लेने को कहा है.

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा की यह गंभीर मामला बनता जा रहा है. पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है. मॉब लिंचिंग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजा राम जो मर्यादा पुरुषोत्तम थे, उनके नाम पर दंगाई नारा बनाकर लोग एक दूसरे की जान के दुश्मन बन रहे हैं. सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

कांग्रेस नेता हरीश रावत का बयान

पढ़ें- लोकसभा में गुरुवार को 'तीन तलाक बिल' पारित होने की संभावना

दरअसल, 49 शिक्षाविदों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मॉब लिंचिंग पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. इसमें इतिहासकार रोमिला थापर, बिपिन चंद्रा, नोम चोम्स्की, सुमित्र सेन, अपर्णा सेन, कोंकणा सेन शर्मा, श्याम बेनेगल, शुभा मुद्गल समेत 49 लोग शामिल हैं.

प्रधानमंत्री को लिखे गए शिकायती पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि हमारा धर्मनिरपेक्ष संविधान है. जहां सभी धर्म के लोगों को साथ रहने की बात कही गई है. लेकिन पिछले जब से देश में मोदी सरकार आई है तब से मॉब लिंचिंग के मामले बढ़ गए हैं.

कांग्रेस का मानना है मॉब लिंचिंग करने वाले लोग मोदी के समर्थक हैं इसलिए कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दी है कि वे अपने समर्थकों से कहें कि वे मॉब लिंचिंग बंद करें और बुद्धिजीवियों की सलाह को गंभीरता से लें.


देशभर में असहिष्णुता का माहौल और उस पर बुद्धिजीवियों की शिकायत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है .देशभर के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है कि जय श्री राम एक भड़काऊ नारा बन गया है जिसके कारण देश में और सहिष्णुता का माहौल बन रहा है.प्रधानमंत्री को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए कांग्रेस ने बुद्धिजीवियों की इस सलाह को गंभीरता से लेने की सलाह देश के प्रधानमंत्री को दी है .

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा जय गंभीर मसला बनता जा रहा है पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है मोब लिंचिंग का मामला लगातार बढ़ रहा है राजाराम जो मर्यादा पुरुषोत्तम है उनके नाम पर दंगाई नारा बना कर एक दूसरे के जान के दुश्मन बन रहे हैं .सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए.

दरअसल 49 शिक्षाविदों कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर मॉब लिंचिंग पर अपनी शिकायत जाहिर की है जिसमें इतिहासकार रोमिला थापर बिपिन चंद्रा नोम चोम्स्की सुमित्र सेन अपर्णा सेन कोंकणा सेन शर्मा श्याम बेनेगल शुभा मुद्गल समेत 49 लोग शामिल हैं. प्रधानमंत्री को लिखे गए शिकायत पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा है कि हमारा
धर्मनिरपेक्ष संविधान है जहां सभी धर्म के साथ रहने की बात कही गई है. लेकिन पिछले कुछ सालों से देश में मॉब लिंचिंग की मामले बढ़े हैं .
इसे गंभीरता से लेना चाहिए कांग्रेस का मानना है मॉब लिंचिंग करने वाले लोग मोदी के समर्थक है इसलिए कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने प्रधानमंत्री मोदी को सलाह दिया ही है की भी अपने समर्थकों से कहे कि वह मॉब लिंचिंग बंद करें बुद्धिजीवियों की सलाह को गंभीरता से लें.
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