नई दिल्ली: सूफी गायक के रूप में पहचान रखने वाले हंसराज हंस इस बार बीजेपी की टिकट पर निर्वाचित हुए हैं. वे पहली बार चुन कर लोकसभा पहुंचे हैं. उन्हें साल 2008 में पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया था.
बीजेपी ने हंसराज हंस को उत्तर पश्चिमी दिल्ली संसदीय सीट से टिकट दिया था. उन्होंने इस सीट पर 848663 वोट हासिल किए. ये कुल मतदान का 60 फीसदी से ज्यादा है.
देखें हंसराज ने कौन सी कविता पढ़ी
जिंदगी दी है तो जीने का हुनर भी देना,
पांव बख्शे हैं तो तौफीक-ए-सफर भी देना।
गुफ्तगू तूने सिखाई है कि मैं गूंगा था,
अब मैं बोलूंगा तो बातों में असर देना।।
मेरे उलझे हुए ख्वाबों को तराजू दे दे,
मेरे भगवन मुझे जज्बात पर काबू दे दे।
मैं समंदर भी किसी गैर के हाथों से न लूं,
एक कतरा भी समंदर है, अगर गर तू दे दे।।
साल 2018 में भारत सरकार ने उन्हें नेशनल कमीशन फॉर सफाई कर्मचारी (NCSK) का उपाध्यक्ष भी नियुक्त किया था. ये पद समाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत आता है.
गौरतलब है कि हंसराज इससे पहले भी कई मौकों पर अपनी प्रतिभा दिखाते रहे हैं. वे विदेशों में आपदा राहत कार्य के लिए फंड जुटाने के कार्यक्रम को लेकर भी सुर्खियों में रहे हैं. नेता-सांसद होने के अलावा एक कलाकार के तौर वे काफी प्रख्यात रहे हैं. साल 1983 से शुरू हुए संगीत करियर में हंसराज हंस ने अब तक हजारों गानों में काम किया है.
हंसराज इससे पहले साल 2009 में शिरोमणी अकाली दल की टिकट पर जालंधर संसदीय सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार मोहिंदर सिंह कापी से हार का सामना करना पड़ा था.