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एचएएल बना रहा तेजस, रुद्र और ध्रुव हेलीकॉप्टर के निर्यात की योजना

रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और श्रीलंका में लॉजिस्टिक्स आधार तैयार करने पर विचार कर रहा है. एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने बताया कि एचएएल ने रक्षा निर्यात के लिए दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका की पहचान की है. इससे रक्षा निर्यात के क्षेत्र में भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 9, 2020, 8:05 AM IST

tejas and other combat helicopters
डिजाइन फोटो

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस और सैन्य हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए दूसरे देशों को लुभाने के तहत मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और श्रीलंका में लॉजिस्टिक्स आधार तैयार करने की संभावनाएं तलाश रही है. एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा कि एचएएल चार देशों में लॉजिस्टिक्स बेस बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि यह देश रूसी मूल के कई सैन्य विमानों और हेलिकॉप्टरों का उपयोग करते हैं, जिनकी सेवा क्षमता 'बहुत खराब' है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप एचएएल अब गंभीरता से निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और तेजस, रुद्र हेलीकॉप्टर और उन्नत हेलीकॉप्टर ध्रुव जैसे प्रमुख प्लेटफार्मों को बेचने के लिए दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका की पहचान की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रक्षा निर्यात के लिए अगले पांच वर्षों में पांच अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था और सभी सैन्य विनिर्माताओं से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा था.

पढ़ें-Defence Expo: स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान सेकेंडों में दुश्मनों के फाइटर प्लेन को कर देता है तबाह

उन्होंने कहा, 'हम मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, श्रीलंका में रखरखाव सुविधाओं की स्थापना कर रहे हैं. हम उनकी बहुत अधिक मदद कर सकते हैं, क्योंकि यह देश कई ऐसे प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं, जो भारत की तरह ही हैं, और जिनकी सेवा क्षमता बहुत खराब है.उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में भी कई देश भी एचएएल के प्रमुख उत्पादों की संभावित खरीद के लिए उसके संपर्क में हैं.

नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भारत में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस और सैन्य हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए दूसरे देशों को लुभाने के तहत मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया और श्रीलंका में लॉजिस्टिक्स आधार तैयार करने की संभावनाएं तलाश रही है. एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा कि एचएएल चार देशों में लॉजिस्टिक्स बेस बनाने पर विचार कर रही है, क्योंकि यह देश रूसी मूल के कई सैन्य विमानों और हेलिकॉप्टरों का उपयोग करते हैं, जिनकी सेवा क्षमता 'बहुत खराब' है.

उन्होंने कहा कि भारत सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप एचएएल अब गंभीरता से निर्यात को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और तेजस, रुद्र हेलीकॉप्टर और उन्नत हेलीकॉप्टर ध्रुव जैसे प्रमुख प्लेटफार्मों को बेचने के लिए दक्षिण पूर्वी एशिया, पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका की पहचान की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने रक्षा निर्यात के लिए अगले पांच वर्षों में पांच अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया था और सभी सैन्य विनिर्माताओं से इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा था.

पढ़ें-Defence Expo: स्वदेशी तेजस लड़ाकू विमान सेकेंडों में दुश्मनों के फाइटर प्लेन को कर देता है तबाह

उन्होंने कहा, 'हम मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, श्रीलंका में रखरखाव सुविधाओं की स्थापना कर रहे हैं. हम उनकी बहुत अधिक मदद कर सकते हैं, क्योंकि यह देश कई ऐसे प्लेटफार्म का उपयोग करते हैं, जो भारत की तरह ही हैं, और जिनकी सेवा क्षमता बहुत खराब है.उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया में भी कई देश भी एचएएल के प्रमुख उत्पादों की संभावित खरीद के लिए उसके संपर्क में हैं.

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