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बिहार : हाजीपुर डीएम ने कहा- अधजली लाश कोविड-19 के मरीज की नहीं - अधजली लाश को कौवे और कुत्ते

बिहार के हाजीपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें एक अधजली लाश को कौवे और कुत्ते नोंच-नोंच कर खा रहे थे. कहा जा रहा था कि वह एक कोरोना संक्रमित की लाश थी. बाद में हाजीपुर डीएम ने कहा कि अधजली लाश कोविड-19 के मरीज की नहीं थी. उन्होंने इसे फेक न्यूज करार दिया. पढ़ें विस्तार से...

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Published : May 23, 2020, 2:21 PM IST

Updated : May 23, 2020, 4:14 PM IST

पटना : बिहार के हाजीपुर का एक वीडियो सोशल मीडया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में कौवे और आवारा कुत्ते एक लाश को नोंच रहे हैं. वीडियो की खबर स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा भी प्रसारित की गई और कहा गया कि यह लाश 35 वर्षीय व्यक्ति की है, जोकि पृथक-वास केंद्र में मृत पाया गया था.

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के वैशाली जिला प्रशासन ने उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कौवों और आवारा कुत्तों द्वारा नोंची जा रही एक अधजली लाश को कोविड-19 के मरीज का शव बताया गया है.

मामले पर जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कहा कि ये भ्रामक और शरारती दावे हैं.

सिंह ने एक प्रेसवार्ता में कहा, 'अधजली लाश पक्के तौर पर कोविड-19 के मरीज की नहीं है. यद्यपि हम लाश की शिनाख्त करने में समर्थ नहीं हैं. अफवाहों के बाद अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था और अधजली लाश का अंतिम संस्कार किया गया.

गौरतलब है कि दिल्ली से लौटने के बाद व्यक्ति को अंबेडकर हॉस्टल के पृथक-वास केंद्र में रखा गया था, जहां उसका शव छत से लटकता पाया गया था.

पढ़ें-गया: क्वारंटीन अवधि पूरा करने के बाद घर लौटे मजदूर की जांच रिपोर्ट आयी पॉजिटिव

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कोनहारा घाट के निवासियों ने आरोप लगाया कि बुधवार रात को व्यक्ति का अंतिम संस्कार बेहद लापरवाही से किया गया क्योंकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को संक्रमण का डर था.

हालांकि, जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने ही वायरस संक्रमण के खतरे डर से अंतिम संस्कार के समय विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के समय तक परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि जाहिर है संक्रमण के डर से कोई नहीं आया और अधिकारियों ने ही इसका ध्यान रखा कि अंतिम संस्कार सही से किया जाए.

पटना : बिहार के हाजीपुर का एक वीडियो सोशल मीडया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में कौवे और आवारा कुत्ते एक लाश को नोंच रहे हैं. वीडियो की खबर स्थानीय समाचार चैनलों द्वारा भी प्रसारित की गई और कहा गया कि यह लाश 35 वर्षीय व्यक्ति की है, जोकि पृथक-वास केंद्र में मृत पाया गया था.

इस वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार के वैशाली जिला प्रशासन ने उन खबरों को खारिज किया, जिनमें कौवों और आवारा कुत्तों द्वारा नोंची जा रही एक अधजली लाश को कोविड-19 के मरीज का शव बताया गया है.

मामले पर जिलाधिकारी उदिता सिंह ने कहा कि ये भ्रामक और शरारती दावे हैं.

सिंह ने एक प्रेसवार्ता में कहा, 'अधजली लाश पक्के तौर पर कोविड-19 के मरीज की नहीं है. यद्यपि हम लाश की शिनाख्त करने में समर्थ नहीं हैं. अफवाहों के बाद अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था और अधजली लाश का अंतिम संस्कार किया गया.

गौरतलब है कि दिल्ली से लौटने के बाद व्यक्ति को अंबेडकर हॉस्टल के पृथक-वास केंद्र में रखा गया था, जहां उसका शव छत से लटकता पाया गया था.

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स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कोनहारा घाट के निवासियों ने आरोप लगाया कि बुधवार रात को व्यक्ति का अंतिम संस्कार बेहद लापरवाही से किया गया क्योंकि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को संक्रमण का डर था.

हालांकि, जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों ने ही वायरस संक्रमण के खतरे डर से अंतिम संस्कार के समय विरोध किया था.

उन्होंने कहा कि शव के अंतिम संस्कार के समय तक परिवार का कोई भी व्यक्ति नहीं पहुंचा. उन्होंने कहा कि जाहिर है संक्रमण के डर से कोई नहीं आया और अधिकारियों ने ही इसका ध्यान रखा कि अंतिम संस्कार सही से किया जाए.

Last Updated : May 23, 2020, 4:14 PM IST
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