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उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में नहीं है 3,350 टन स्वर्ण भंडार, जीएसआई ने दावे को गलत बताया - जीएसआई का सोनभद्र में सोने भंडार पर दावा

भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने सोनभद्र में सोने की भंडार का आस लगाए सरकार और जनता को तगड़ा झटका दिया है. दरअसल जीएसआई ने एक प्रेस रिलीज करके पूर्ववर्ती दावों को गलत करार दिया है, जिसमें तीन हजार टन से अधिक सोने की जानकारी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में होने की दी गई थी. जानें विस्तार से...

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प्रतीकात्मक चित्र
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Published : Feb 23, 2020, 7:38 AM IST

Updated : Mar 2, 2020, 6:27 AM IST

सोनभद्र : भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,350 टन सोने के भंडार की कोई खोज नहीं की गई है. जीएसआई ने सोनभद्र जिले के खनन अधिकारी का दावा भी खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने 3,350 टन सोने का खदान होने की जानकारी दी गई थी.

जीएसआई के महानिदेशक (डीजी) एम श्रीधर ने शनिवार को कोलकाता में मीडिया से बताया कि इस तरह के आंकड़े जीएसआई के किसी भी व्यक्ति ने नहीं दिए थे. सोनभद्र जिले में सोने के भंडार के इस तरह के विशाल संसाधन का अनुमान नहीं लगाया गया है.

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

इसके साथ उन्होंने कहा कि हम राज्य इकाई के साथ सर्वेक्षण करने के बाद अयस्क के किसी भी संसाधन के बारे में अपने निष्कर्षों को साझा करते हैं. हमने (जीएसआई, उत्तरी क्षेत्र) 1998-99 और 1999-2000 में उस क्षेत्र में काम किया था. सूचना और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को यूपी डीजीएम के साथ साझा किया गया है.

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

जीएसआई डीजी ने कहा, 'सोनभद्र जिले में सोने के लिए जीएसआई के खोज कार्य परिणाम संतोषजनक नहीं थे और सोने के लिए प्रमुख संसाधनों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित करने वाला नहीं था.'

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

गौरतलब है कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में दो स्थानों पर करीब 3,350 टन सोना मिलने की बात कही थी. इसके साथ में पोटाश, आयरन और इनो साइड का भी पता चलने की जानकारी दी थी.

इन दावों को खारिज करते हुए, श्रीधर ने कहा कि जिले में खोज के बाद अपनी रिपोर्ट में जीएसआई ने 52,806.25 टन अयस्क की संभावित श्रेणी संसाधन का अनुमान लगाया है, जो 3.03 ग्राम प्रति टन सोने (औसत ग्रेड) के साथ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के सोन पहाड़ी उप-ब्लॉक में 170 मीटर की स्ट्राईक लंबाई में पाया जाता है.

कुल सोना 52,806.25 टन अयस्क से खनिज क्षेत्र में औसतन 3.03 ग्राम प्रति टन सोने का ग्रेड संचारित होता है, जिससे लगभग अधिकतम 160 किलोग्राम सोना निकाला जा सकता है. 3350 टन सोना नहीं, जोकि मीडिया में उल्लेखित किया जा रहा है, 'डीजी ने स्पष्ट किया.

बता दें कि इन धातुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत काफी ज्यादा है. खनिज डायरेक्टर डॉ. रोशन जैकब नीलामी से पहले चिन्हित खनिज स्थलों की जियो टैगिंग के लिए सात सदस्य टीम गठित की थी.

इसे भी पढे़ं- उत्तर प्रदेश में मिली 3500 मीट्रिक टन सोने की खदान, जल्द होगी नीलामी

निविदा जारी करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी

वहीं सोनभद्र के खनिज अधिकारी केके राय कहा था कि पनारी रिवेन्यू विलेज के पास सोन पहाड़ी पर करीब 3,350 मीट्रिक टन सोने की खोज की गई है. हल्दी के पड़रक्ष गांव के पास करीब 650 मिलियन टन सोने का भंडार पाया गया है. इसके अलावा एक जगह पोटाश का काफी भंडार मिला है. आयरन का भी काफी भंडार मिला है. दुद्धी तहसील में महुली के पास एनोसाइट का भी पता चला है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक होगी.

इसके पहले यह भी जानकारी मिली थी कि राज्य को जिम्मेदारी सौंपते हुए केन्द्र सरकार निविदा जारी करने का निर्देश देगी. निविदा को हरी झंडी मिलने के बाद ही खनन की अनुमति मिलेगी. जीएसआई के मुताबिक सोनभद्र की पहाड़ी पर 2943.26 टन और हल्दी में 646.15 कुंटल सोने का भंडार है. जीएसआई की टीम ने 2005 से 2012 तक लगातार इस दिशा में काम किया था. सोने के भंडार की पुष्टी 2012 में हुई थी, लेकिन इस दिशा में काम अब जाकर शुरू हो पाया है.

सोनभद्र : भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में लगभग 3,350 टन सोने के भंडार की कोई खोज नहीं की गई है. जीएसआई ने सोनभद्र जिले के खनन अधिकारी का दावा भी खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने 3,350 टन सोने का खदान होने की जानकारी दी गई थी.

जीएसआई के महानिदेशक (डीजी) एम श्रीधर ने शनिवार को कोलकाता में मीडिया से बताया कि इस तरह के आंकड़े जीएसआई के किसी भी व्यक्ति ने नहीं दिए थे. सोनभद्र जिले में सोने के भंडार के इस तरह के विशाल संसाधन का अनुमान नहीं लगाया गया है.

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

इसके साथ उन्होंने कहा कि हम राज्य इकाई के साथ सर्वेक्षण करने के बाद अयस्क के किसी भी संसाधन के बारे में अपने निष्कर्षों को साझा करते हैं. हमने (जीएसआई, उत्तरी क्षेत्र) 1998-99 और 1999-2000 में उस क्षेत्र में काम किया था. सूचना और आगे की आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट को यूपी डीजीएम के साथ साझा किया गया है.

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

जीएसआई डीजी ने कहा, 'सोनभद्र जिले में सोने के लिए जीएसआई के खोज कार्य परिणाम संतोषजनक नहीं थे और सोने के लिए प्रमुख संसाधनों के साथ आने के लिए प्रोत्साहित करने वाला नहीं था.'

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जीएसआई का प्रेस रिलीज

गौरतलब है कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में दो स्थानों पर करीब 3,350 टन सोना मिलने की बात कही थी. इसके साथ में पोटाश, आयरन और इनो साइड का भी पता चलने की जानकारी दी थी.

इन दावों को खारिज करते हुए, श्रीधर ने कहा कि जिले में खोज के बाद अपनी रिपोर्ट में जीएसआई ने 52,806.25 टन अयस्क की संभावित श्रेणी संसाधन का अनुमान लगाया है, जो 3.03 ग्राम प्रति टन सोने (औसत ग्रेड) के साथ उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के सोन पहाड़ी उप-ब्लॉक में 170 मीटर की स्ट्राईक लंबाई में पाया जाता है.

कुल सोना 52,806.25 टन अयस्क से खनिज क्षेत्र में औसतन 3.03 ग्राम प्रति टन सोने का ग्रेड संचारित होता है, जिससे लगभग अधिकतम 160 किलोग्राम सोना निकाला जा सकता है. 3350 टन सोना नहीं, जोकि मीडिया में उल्लेखित किया जा रहा है, 'डीजी ने स्पष्ट किया.

बता दें कि इन धातुओं की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत काफी ज्यादा है. खनिज डायरेक्टर डॉ. रोशन जैकब नीलामी से पहले चिन्हित खनिज स्थलों की जियो टैगिंग के लिए सात सदस्य टीम गठित की थी.

इसे भी पढे़ं- उत्तर प्रदेश में मिली 3500 मीट्रिक टन सोने की खदान, जल्द होगी नीलामी

निविदा जारी करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी

वहीं सोनभद्र के खनिज अधिकारी केके राय कहा था कि पनारी रिवेन्यू विलेज के पास सोन पहाड़ी पर करीब 3,350 मीट्रिक टन सोने की खोज की गई है. हल्दी के पड़रक्ष गांव के पास करीब 650 मिलियन टन सोने का भंडार पाया गया है. इसके अलावा एक जगह पोटाश का काफी भंडार मिला है. आयरन का भी काफी भंडार मिला है. दुद्धी तहसील में महुली के पास एनोसाइट का भी पता चला है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक होगी.

इसके पहले यह भी जानकारी मिली थी कि राज्य को जिम्मेदारी सौंपते हुए केन्द्र सरकार निविदा जारी करने का निर्देश देगी. निविदा को हरी झंडी मिलने के बाद ही खनन की अनुमति मिलेगी. जीएसआई के मुताबिक सोनभद्र की पहाड़ी पर 2943.26 टन और हल्दी में 646.15 कुंटल सोने का भंडार है. जीएसआई की टीम ने 2005 से 2012 तक लगातार इस दिशा में काम किया था. सोने के भंडार की पुष्टी 2012 में हुई थी, लेकिन इस दिशा में काम अब जाकर शुरू हो पाया है.

Last Updated : Mar 2, 2020, 6:27 AM IST
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