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पंजाब में सिर्फ नाम का है 'इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मोहाली', विदेशों के लिये केवल दो उड़ानें

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट नाम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर रह गया है. ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अभी तक इस एयरपोर्ट से मात्र दो इंटरनेशनल फ्लाइट के अलावा कोई भी फ्लाइट शुरु नहीं हो पाई है. यात्रियों की संख्या में भी साल दर साल इजाफा हो रहा है बावजूद इसके एयरलाइन कंपनी इंटरनेशनल फ्लाइट चलाने में कोई रूचि नहीं दिखा रही है.

चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट (फाइल फोटो)
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Published : Jul 21, 2019, 5:53 PM IST

चंडीगढ़: करीब चार साल पहले बना ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट, देश के उन एयरपोर्टस में से है, जिन पर तेजी से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हर साल इस एयरपोर्ट पर डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके बावजूद अभी तक इस एयरपोर्ट से सिर्फ शारजाह और दुबई के लिए केवल दो ही फ्लाइट चल पा रही हैं.

देखें वीडियो.

रनवे का किया गया विस्तार

फ्लाइट्स शुरू नहीं होने के पीछे एयरपोर्ट प्रबंधन का तर्क था कि एयरपोर्ट का रनवे 9000 फीट का है, जबकि अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया को उड़ान भरने वाले बड़े जहाजों के लिए 10400 फीट की लंबाई जरूरी है. ऐसे में कई महीने दिन रात काम जारी रखने के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई की 12500 कर दिया था. इसी साल 11 को अप्रैल एयरपोर्ट प्रबंधन ने वॉच ऑवर बढ़ाते हुए 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की भी घोषणा कर दी थी. बावजूद इसके किसी एयरलाइन कंपनी ने न तो देर रात कोई फ्लाइट शुरू की और न ही कोई इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई.

पढ़ें: शीला दीक्षित का निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार

कई राज्यों के यात्रियों का सहारा है ये एयरपोर्ट
पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोगों के लिए यह एयरपोर्ट सबसे बड़ा सहारा है और इन राज्यों के एनआरआई बड़ी संख्या में विभिन्न देशों में रहते हैं. विदेश जाने वाली फ्लाइट्स के लिए अभी भी यात्रियों को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है.

संसद में भी उठा ये मुद्दा
वहीं चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने लोकसभा में भी यहां से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने का मुद्दा उठाया है. खेर ने कहा कि शहर के लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. चंडीगढ़ से फ्लाइट की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द इस अनुरोध को स्वीकार करें क्योंकि यह उनके संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ के लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा.

बता दें कि साल 2003 में जहां इस एयरपोर्ट पर यात्री संख्या तीन लाख के करीब थी, वहीं साल 2015-16 में यात्री संख्या 16 लाख के करीब हो गई. साल 2018 में यह संख्या 20 लाख के करीब है. अब चंडीगढ़ रनवे का निर्माण का काम पूरा हो चुका है और एयरपोर्ट प्रबंधन ने भी 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की घोषणा कर दी है, बावजूद इसके अभी तक चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोई नई फ्लाइट शुरू नहीं हुई है. ऐसे में यहां की जनता कह रही है कि ये सिर्फ नाम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, कहीं जनता की ये बात सच साबित ना हो जाए.

चंडीगढ़: करीब चार साल पहले बना ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट, देश के उन एयरपोर्टस में से है, जिन पर तेजी से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हर साल इस एयरपोर्ट पर डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. इसके बावजूद अभी तक इस एयरपोर्ट से सिर्फ शारजाह और दुबई के लिए केवल दो ही फ्लाइट चल पा रही हैं.

देखें वीडियो.

रनवे का किया गया विस्तार

फ्लाइट्स शुरू नहीं होने के पीछे एयरपोर्ट प्रबंधन का तर्क था कि एयरपोर्ट का रनवे 9000 फीट का है, जबकि अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया को उड़ान भरने वाले बड़े जहाजों के लिए 10400 फीट की लंबाई जरूरी है. ऐसे में कई महीने दिन रात काम जारी रखने के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई की 12500 कर दिया था. इसी साल 11 को अप्रैल एयरपोर्ट प्रबंधन ने वॉच ऑवर बढ़ाते हुए 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की भी घोषणा कर दी थी. बावजूद इसके किसी एयरलाइन कंपनी ने न तो देर रात कोई फ्लाइट शुरू की और न ही कोई इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई.

पढ़ें: शीला दीक्षित का निगम बोध घाट पर अंतिम संस्कार

कई राज्यों के यात्रियों का सहारा है ये एयरपोर्ट
पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोगों के लिए यह एयरपोर्ट सबसे बड़ा सहारा है और इन राज्यों के एनआरआई बड़ी संख्या में विभिन्न देशों में रहते हैं. विदेश जाने वाली फ्लाइट्स के लिए अभी भी यात्रियों को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है.

संसद में भी उठा ये मुद्दा
वहीं चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने लोकसभा में भी यहां से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने का मुद्दा उठाया है. खेर ने कहा कि शहर के लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. चंडीगढ़ से फ्लाइट की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द इस अनुरोध को स्वीकार करें क्योंकि यह उनके संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ के लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा.

बता दें कि साल 2003 में जहां इस एयरपोर्ट पर यात्री संख्या तीन लाख के करीब थी, वहीं साल 2015-16 में यात्री संख्या 16 लाख के करीब हो गई. साल 2018 में यह संख्या 20 लाख के करीब है. अब चंडीगढ़ रनवे का निर्माण का काम पूरा हो चुका है और एयरपोर्ट प्रबंधन ने भी 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की घोषणा कर दी है, बावजूद इसके अभी तक चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोई नई फ्लाइट शुरू नहीं हुई है. ऐसे में यहां की जनता कह रही है कि ये सिर्फ नाम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, कहीं जनता की ये बात सच साबित ना हो जाए.

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chandigarh international airport has less number of international flights



सिर्फ नाम का है चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट, मात्र 2 फ्लाइट्स जाती हैं विदेश



चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट नाम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनकर रह गया है. ये हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अभी तक इस एयरपोर्ट से मात्र दो इंटरनेशनल फ्लाइट के अलावा कोई भी फ्लाइट शुरु नहीं हो पाई है. जबकि रनवे विस्तार और वॉच ऑवर भी बढ़ा दिए गए हैं. साथ ही यात्रियों की संख्या में भी साल दर साल इजाफा हो रहा है बावजूद इसके एयरलाइन कंपनीज इंटरनेशनल फ्लाइट चलाने में कोई रूचि नहीं दिखा रही है.





चंडीगढ़: करीब चार साल पहले बना ये इंटरनेशनल एयरपोर्ट, देश के उन एयरपोर्टस में से है, जिन पर तेजी से यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हर साल इस एयरपोर्ट पर डेढ़ लाख से ज्यादा यात्रियों की संख्या में इजाफा हो रहा है बावजूद इसके अभी तक इस एयरपोर्ट से सिर्फ शारजाह और दुबई के लिए केवल दो ही फ्लाइट चल पा रही हैं. 



एयर इंडिया ने बंद की इंटरनेशनल फ्लाइट 

पिछले साल यहां से तीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट फ्लाइट उड़ान भरती थी. लेकिन एयर इंडिया ने अपनी बैंकाक जाने वाली फ्लाइट बंद कर दी. जिस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया था, जवाब में एयरलाइन कंपनी की दलील थी कि वह सिर्फ अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बढ़ाने के लिए फ्लाइट नहीं चला सकती है. यात्री संख्या ज्यादा नहीं होने की वजह से एयरलाइन कंपनी को लगातार नुकसान हो रहा था.

रनवे का किया गया विस्तार

फ्लाइट्स शुरू नहीं होने के पीछे एयरपोर्ट प्रबंधन का तर्क था कि एयरपोर्ट का रनवे 9000 फीट का है, जबकि अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया को उड़ान भरने वाले बड़े जहाजों के लिए 10400 फीट की लंबाई जरूरी है. ऐसे में कई महीने दिन रात काम जारी रखने के बाद एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई की 12500 कर दिया था. 

इसी साल 11 को अप्रैल एयरपोर्ट प्रबंधन ने वॉच ऑवर बढ़ाते हुए 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की भी घोषणा कर दी थी. बावजूद इसके किसी एयरलाइन कंपनी ने न तो देर रात कोई फ्लाइट शुरू की और न ही कोई इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू हुई. 

कई राज्यों के यात्रियों का सहारा है ये एयरपोर्ट

पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के लोगों के लिए यह एयरपोर्ट सबसे बड़ा सहारा है और इन राज्यों के एनआरआई बड़ी संख्या में विभिन्न देशों में रहते हैं. विदेश जाने वाली फ्लाइट्स के लिए अभी भी यात्रियों को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर निर्भर रहना पड़ता है. 

संसद में भी उठा ये मुद्दा

वहीं चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने लोकसभा में भी यहां से इंटरनेशनल फ्लाइट्स शुरू करने का मुद्दा उठाया है. खेर ने कहा कि शहर के लोग अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं और चंडीगढ़ से फ्लाइट की संख्या में बढ़ोतरी को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह जल्द से जल्द इस अनुरोध को स्वीकार करें क्योंकि यह उनके संसदीय क्षेत्र चंडीगढ़ के लोगों के लिए फायदेमंद रहेगा. 

बता दें कि साल 2003 में जहां इस एयरपोर्ट पर यात्री संख्या तीन लाख के करीब थी, वहीं साल 2015-16 में यात्री संख्या 16 लाख के करीब हो गई. साल 2018 में यह संख्या 20 लाख के करीब है. अब चंडीगढ़ रनवे का निर्माण का काम पूरा हो चुका है और एयरपोर्ट प्रबंधन ने भी 24 घंटे फ्लाइट्स संचालन की घोषणा कर दी है, बावजूद इसके अभी तक चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कोई नई फ्लाइट शुरू नहीं हुई है. ऐसे में यहां की जनता कह रही है कि ये सिर्फ नाम का इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, कहीं जनता की ये बात सच साबित ना हो जाए.



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