नई दिल्ली : भारत, एशिया और दुनिया की सबसे कम उम्र की लेखिका बनने का रिकॉर्ड महज सात साल की अभिजीता गुप्ता ने अपने नाम किया है. अभिजीता की इस उपलब्धि के लिए ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर दिल्ली में एक पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया.
अभिजीता की पुस्तक का नाम है 'हैप्पीनेस ऑल अराउंड'
लेखक, कवि और अनुवादक दीपा अग्रवाल ने भारत, एशिया और अंतरराष्ट्रीय स्तर की सबसे कम उम्र की लेखिका होने का प्रमाण पत्र और पदकों के साथ अभिजीता गुप्ता को सम्मानित किया. अभिजीता अभी कक्षा दो की छात्रा हैं.
उन्होंने 'हैप्पीनेस ऑल अराउंड' नाम की पुस्तक प्रकाशित की है, जिसमें कविताएं, लघु कथाएं और चित्र हैं. अभिजीता ने पांच साल से कम की उम्र में किताब लिखना शुरू किया था.
राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त की तीसरी पीढ़ी की हैं अभिजीता
मात्र सात साल की उम्र में लेखिका बनने वाली अभिजीता को यह हुनर विरासत में मिला है. दरअसल, अभिजीता राष्ट्र कवि मैथिलीशरण गुप्त की तीसरी पीढ़ी हैं. सम्मान समारोह में मुख्यातिथि दीपा अग्रवाल ने अभिजीता की सराहना की.
अभिजीता से जब किताब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके आसपास की सभी छोटी-छोटी चीजें उन्हें प्रेरित करती हैं. वह हमेशा सकारात्मक चीजों के बारे में लिखती हैं, जो वह देखती हैं या महसूस करती हैं.
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अभिजीता के पिता आशीष गुप्ता और माता अनुप्रिया गुप्ता से जब सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि हर माता-पिता का सपना होता है कि वे समाज में अपने बच्चों के नाम से जाने जाएं, उन्हें अभिजीता पर गर्व है. अभिजीता की किताब 'हैप्पीनेस ऑल अराउंड' निश्चित रूप से महामारी के दौरान समाज पर सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगी.