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‘राजनीतिक सर्कस है विपक्षी दलों का महागठबंधन’

अरुण जेटली ने विपक्षी दलों के महागठबंधन को 'राजनीतिक सर्कस' बताया. अपने एक ब्लॉग में उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘ऊब’ चुका है.

वित्त मंत्री अरुण जेटली. (फाइल फोटो)
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Published : Mar 30, 2019, 8:37 AM IST

Updated : Mar 30, 2019, 8:44 AM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों के महागठबंधन पर कटाक्ष किया. इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘महागठबंधन’ में ‘कोई बंधन नहीं’ है और यह 'राजनीतिक सर्कस' है.

कई राजनीतिक पार्टियां हुई भाजपा के खिलाफ
गौरतलब है कि भाजपा का पारंपरिक रूप से विरोध करने वाले दलों सहित कई राजनीतिक पार्टियां 11 अप्रैल से शुरू हो रहे आम चुनावों में राजग के खिलाफ एक साथ आ गई हैं.

भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘ऊब’ चुका
इस संबंध में जेटली ने एक ब्लॉग लिखा. इसमें उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘ऊब’ चुका है. इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा बहुत मजबूत हैं और उन्हें कोई एक पार्टी चुनौती नहीं दे सकती.
जेटली ने जोर दिया कि भारतीय लोग नेताओं का मूल्यांकन उनकी गुणवत्ता और क्षमता से करते हैं, किसी पारंपारिक जुड़ाव से नहीं.

पढ़ें:'चुनाव प्रचार में डर का सहारा ले रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी'

‘विरोधियों के गठबंधन’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें ‘विरोधियों के गठबंधन’ का वादा किया गया था क्योंकि भारत को बचाना था. हमें समान न्यूनतम एजेंडे का वादा किया गया. प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाला हर नेता गठबंधन का सूत्रधार बनना चाहता था. वे अपने राज्य में ‘शो’ का आयोजन करेंगे और पूरे समूह को आमंत्रित करेंगे.’

विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर गतिरोध
जेटली ने कहा कि विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर बड़ा गतिरोध है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले से ही कई उम्मीदवारों ने नेतृत्व अपने हाथ में लेने की इच्छा जाहिर कर दी है.

यह है अव्यवस्था का फार्मूला
उन्होंने ‘महागठबंधन नाम का राजनीतिक सर्कस’ नाम के ब्लॉग में कहा, ‘स्थिरता सर्वोपरि है जो बड़ी परेशानी है. साझा बात ‘एक व्यक्ति को हटाने’ का नकारात्मक एजेंडा है. यह अव्यवस्था का फार्मूला है.’

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्षी दलों के महागठबंधन पर कटाक्ष किया. इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ‘महागठबंधन’ में ‘कोई बंधन नहीं’ है और यह 'राजनीतिक सर्कस' है.

कई राजनीतिक पार्टियां हुई भाजपा के खिलाफ
गौरतलब है कि भाजपा का पारंपरिक रूप से विरोध करने वाले दलों सहित कई राजनीतिक पार्टियां 11 अप्रैल से शुरू हो रहे आम चुनावों में राजग के खिलाफ एक साथ आ गई हैं.

भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘ऊब’ चुका
इस संबंध में जेटली ने एक ब्लॉग लिखा. इसमें उन्होंने कहा कि बीते कई महीनों से भारत ‘महागठबंधन’ की बातों से ‘ऊब’ चुका है. इसके पीछे उन्होंने यह तर्क दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा बहुत मजबूत हैं और उन्हें कोई एक पार्टी चुनौती नहीं दे सकती.
जेटली ने जोर दिया कि भारतीय लोग नेताओं का मूल्यांकन उनकी गुणवत्ता और क्षमता से करते हैं, किसी पारंपारिक जुड़ाव से नहीं.

पढ़ें:'चुनाव प्रचार में डर का सहारा ले रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी'

‘विरोधियों के गठबंधन’
वित्त मंत्री ने कहा, ‘हमें ‘विरोधियों के गठबंधन’ का वादा किया गया था क्योंकि भारत को बचाना था. हमें समान न्यूनतम एजेंडे का वादा किया गया. प्रधानमंत्री बनने की आकांक्षा रखने वाला हर नेता गठबंधन का सूत्रधार बनना चाहता था. वे अपने राज्य में ‘शो’ का आयोजन करेंगे और पूरे समूह को आमंत्रित करेंगे.’

विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर गतिरोध
जेटली ने कहा कि विपक्षी खेमे में नेतृत्व को लेकर बड़ा गतिरोध है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले से ही कई उम्मीदवारों ने नेतृत्व अपने हाथ में लेने की इच्छा जाहिर कर दी है.

यह है अव्यवस्था का फार्मूला
उन्होंने ‘महागठबंधन नाम का राजनीतिक सर्कस’ नाम के ब्लॉग में कहा, ‘स्थिरता सर्वोपरि है जो बड़ी परेशानी है. साझा बात ‘एक व्यक्ति को हटाने’ का नकारात्मक एजेंडा है. यह अव्यवस्था का फार्मूला है.’

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Last Updated : Mar 30, 2019, 8:44 AM IST
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