नई दिल्ली: भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बांध लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने दो नए पायलट प्रोजेक्टों की शुरूआत की है.
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पुराने बाड़ को बदलने और एक नया 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बाढ़ लगाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट बनाए गए हैं.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में लोकसभा में बताया कि यह परियोजना असम में तीन किमी तक के इलाके में पूरी हो गई है, जबकि पंजाब में 7.18 किमी सीमा की लंबाई में एक और पायलट परियोजना को मंजूरी दी गई है.
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इसके अलावा, भारत-पाकिस्तान (IPB) और भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर कई इलाकों में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के रूप में तकनीकी समाधानों को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है.
आपको बता दें, CIBMS में सेंसर, नेटवर्क, इंटेलिजेंस और कमांड और नियंत्रण समाधानों का एकीकरण शामिल है. वहीं IPB (10 किलोमीटर) और IBB (61 किलोमीटर) पर लगभग 71 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.
गौरतलब है कि बंग्लादेश की सीमा से अकसर घुसपैठ की रिपोर्ट सामने आती रहती हैं. ऐसे में वहां 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' फेंसिंग का उपयोग बहुत महत्व रखता है. सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार पूरे असम में छह अलग-अलग हिरासत केंद्रों में 1133 विदेशी (बांग्लादेशी) हिरासत में हैं.