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देश में घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार अपनाएगी 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' पॉलिसी - illegal immigration

भारत में होने वाली घुसबैठ को रोकने के लिए सरकार अहम कदम उठाने वाली है. इसके लिए सरकार ने सीमावर्ती इलाकों में 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बांध लगाने का फैसला लिया है. जानिए क्या है ये 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' पॉलिसी...

नित्यानंद राय (फाइल फोटो)
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Published : Jul 11, 2019, 10:19 PM IST

नई दिल्ली: भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बांध लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने दो नए पायलट प्रोजेक्टों की शुरूआत की है.

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पुराने बाड़ को बदलने और एक नया 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बाढ़ लगाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट बनाए गए हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में लोकसभा में बताया कि यह परियोजना असम में तीन किमी तक के इलाके में पूरी हो गई है, जबकि पंजाब में 7.18 किमी सीमा की लंबाई में एक और पायलट परियोजना को मंजूरी दी गई है.

पढ़ें- रेलवे के निजीकरण का कोई प्रस्ताव नहीं, लोकसभा में गोयल ने दिया जवाब

इसके अलावा, भारत-पाकिस्तान (IPB) और भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर कई इलाकों में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के रूप में तकनीकी समाधानों को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है.

आपको बता दें, CIBMS में सेंसर, नेटवर्क, इंटेलिजेंस और कमांड और नियंत्रण समाधानों का एकीकरण शामिल है. वहीं IPB (10 किलोमीटर) और IBB (61 किलोमीटर) पर लगभग 71 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.

गौरतलब है कि बंग्लादेश की सीमा से अकसर घुसपैठ की रिपोर्ट सामने आती रहती हैं. ऐसे में वहां 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' फेंसिंग का उपयोग बहुत महत्व रखता है. सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार पूरे असम में छह अलग-अलग हिरासत केंद्रों में 1133 विदेशी (बांग्लादेशी) हिरासत में हैं.

नई दिल्ली: भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बांध लगाने का फैसला लिया है. इसके लिए सरकार ने दो नए पायलट प्रोजेक्टों की शुरूआत की है.

गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार पुराने बाड़ को बदलने और एक नया 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' बाढ़ लगाने के लिए दो पायलट प्रोजेक्ट बनाए गए हैं.

जानकारी देते ईटीवी भारत के संवाददाता

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने हाल ही में लोकसभा में बताया कि यह परियोजना असम में तीन किमी तक के इलाके में पूरी हो गई है, जबकि पंजाब में 7.18 किमी सीमा की लंबाई में एक और पायलट परियोजना को मंजूरी दी गई है.

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इसके अलावा, भारत-पाकिस्तान (IPB) और भारत-बांग्लादेश सीमा (IBB) पर कई इलाकों में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) के रूप में तकनीकी समाधानों को तैनात करने का भी निर्णय लिया गया है.

आपको बता दें, CIBMS में सेंसर, नेटवर्क, इंटेलिजेंस और कमांड और नियंत्रण समाधानों का एकीकरण शामिल है. वहीं IPB (10 किलोमीटर) और IBB (61 किलोमीटर) पर लगभग 71 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली दो परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं.

गौरतलब है कि बंग्लादेश की सीमा से अकसर घुसपैठ की रिपोर्ट सामने आती रहती हैं. ऐसे में वहां 4096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा के लिए 'एंटी-कट और एंटी-रस्ट' फेंसिंग का उपयोग बहुत महत्व रखता है. सरकार के रिकॉर्ड के अनुसार पूरे असम में छह अलग-अलग हिरासत केंद्रों में 1133 विदेशी (बांग्लादेशी) हिरासत में हैं.

Intro:New Delhi: In an effort to stop illegal immigrants entering into India, the Union Home Ministry has adopted anti-cut and anti-rust fencing policy.


Body:Sources in the Home Ministry told ETV Bharat that two pilot projects have been taken up to replace the existing "old design/ composite fencing" with a new "anti-cut and anti-rust" modular fencing.

"While the pilot project for construction of new design fence (anti-cut and anti-rust) in 3 km border length in Assam has been completed, another pilot project in 7.18 km border length in Punjab has been approved and work has been awarded," Minister of State for Home Nityanand Rai told in the Lok Sabha recently.

Further, a decision was taken to deploy technological solutions in the form of comprehensive integrated border management system (CIBMS), in difficult terrain on Indo-Pakistan (IPB) and Indo-Bangladesh border (IBB).

CIBMS involves integration of manpower, sensors, networks, intelligence and command and control solutions.

Two pilot projects covering about 71 kms on IPB (10 kms) and IBB (61 kms) have been completed.


Conclusion:Use of anti-cut and anti-rust fencing assumes much significance for 4096 km long Indo-Bangladesh border.

The border (India-Bangladesh) along the eastern frontier always in news following reports of intrusions from across the border.

According to the Government records there are 1133 foreigners (Bangladeshi) detained in six different detention centres across Assam.

end.
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