नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसे स्वास्थ्यकर्मी जो कोरोना वायरस के कारण जान गंवा रहे हैं या इस वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा.
इस योजना के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं सहित 22.12 लाख सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा कर्मियों को 50 लाख रुपये का बीमा कवर मिलेगा. कोरोना से लड़ने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज बीमा योजना के तहत इन स्वास्थ्यकर्मियों को कवर किया जाएगा.
मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्घटना बीमा योजना कोविड-19 की वजह से जानमाल के नुकसान होने पर या कोरोना संबंधित ड्यूटी के दौरान आकस्मिक मौत होने पर कवर करती है.
30 मार्च को शुरू की गई इस पॉलिसी की अवधि 90 दिनों की है. इस योजना के लिए कोई आयु सीमा नहीं है और व्यक्तिगत नामांकन की भी आवश्यकता नहीं है.
इस योजना के लिए प्रीमियम की पूरी राशि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा वहन की जा रही है. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा संचालित एनडीआरएफ बजट के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा.
लाभार्थी को बीमा कंपनी द्वारा वास्तविक भुगतान अधिकृत केंद्र / राज्य सरकार के अधिकारियों के प्रमाणीकरण के तहत होगा.
इन दस्तावेजों का होना अनिवार्य है
लाभ के दावों के लिए आवश्यक दस्तावेजों में नामांकित (Nominee) दावेदार, मृतक की पहचान प्रमाण पत्र आवश्यक है. साथ ही मृतक और दावेदार के बीच संबंध का प्रमाण शामिल होना आवश्यक है.
कोविड संबंधित ड्यूटी के कारण जान -माल की हानि के मामले में प्रयोगशाला रिपोर्ट की आवश्यकता नहीं है.
सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों के लिए, प्रमाण पत्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) के चिकित्सा अधिकारी से होना चाहिए.
इसके अलावा, मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस पॉलिसी के तहत लाभ किसी भी अन्य बीमा पॉलिसियों के तहत देय राशि के अतिरिक्त होगा, जो व्यक्ति के पास हो सकती है.