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हाउसिंग प्रोजेक्‍ट के लिए सरकार देगी 10 हजार करोड़ रुपये

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं. हाउसिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है. वहीं इतनी ही धनराशि बाहरी निवेश से आएगी पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 14, 2019, 6:37 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:45 PM IST

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है नईदिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए .

अधूरी इकाइयों के निर्माण को पूरा करने पर जोर देने के साथ सरकार ने आवास को बढ़ावा देने और घर खरीदारों की सुविधा के लिए नए उपायों की घोषणा की है.

आपको बता दें, बाहरी वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowing ) के दिशानिर्देशों में बदलाव किए जाएंगे. इससे सरकारी कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया, सरकार करीब 10000 रूपए का निवेश करेगी. वहीं इतनी ही धनराशि बाहरी निवेश से आएगी.

जो RBI के परामर्श से PMAY के तहत पात्र हैं उन घर खरीदारों के वित्तपोषण की सुविधा के लिए ईसीबी दिशानिर्देशों को बदला जाएगा. साथ ही हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर कम की जाएगी और 10 वर्षीय G Sec Yields से जोड़ा जाएगा.

पढ़ें-मुद्रास्फीति नियंत्रित, औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत: सीतारमण

सरकारी कर्मचारी घरों की मांग में अहम योगदान करते हैं. यह नए घरों को खरीदने के लिए और अधिक सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगा. सरकार ने non-NCLT और non-NPA आवास परियोजनाओं के लिए फंड के इंतजाम किए हैं. यह परियोजनाएं मध्यम आय वर्ग के लिए हैं

इसका उद्देश्य अधूरी इकाइयों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है. एनआईआईएफ की तर्ज पर भारत सरकार फंड में योगदान कर सकती है जबकि बाकी का निवेश LIC, संस्थान और बैंकों से निजी पूंजी / संप्रभु निधियों / डीएफआई आदि करेंगे.

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है नईदिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए .

अधूरी इकाइयों के निर्माण को पूरा करने पर जोर देने के साथ सरकार ने आवास को बढ़ावा देने और घर खरीदारों की सुविधा के लिए नए उपायों की घोषणा की है.

आपको बता दें, बाहरी वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowing ) के दिशानिर्देशों में बदलाव किए जाएंगे. इससे सरकारी कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.

उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया, सरकार करीब 10000 रूपए का निवेश करेगी. वहीं इतनी ही धनराशि बाहरी निवेश से आएगी.

जो RBI के परामर्श से PMAY के तहत पात्र हैं उन घर खरीदारों के वित्तपोषण की सुविधा के लिए ईसीबी दिशानिर्देशों को बदला जाएगा. साथ ही हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर कम की जाएगी और 10 वर्षीय G Sec Yields से जोड़ा जाएगा.

पढ़ें-मुद्रास्फीति नियंत्रित, औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत: सीतारमण

सरकारी कर्मचारी घरों की मांग में अहम योगदान करते हैं. यह नए घरों को खरीदने के लिए और अधिक सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगा. सरकार ने non-NCLT और non-NPA आवास परियोजनाओं के लिए फंड के इंतजाम किए हैं. यह परियोजनाएं मध्यम आय वर्ग के लिए हैं

इसका उद्देश्य अधूरी इकाइयों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है. एनआईआईएफ की तर्ज पर भारत सरकार फंड में योगदान कर सकती है जबकि बाकी का निवेश LIC, संस्थान और बैंकों से निजी पूंजी / संप्रभु निधियों / डीएफआई आदि करेंगे.

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Last Updated : Sep 30, 2019, 2:45 PM IST
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