नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाउसिंग सेक्टर को रफ्तार देने के लिए सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के फंड का ऐलान किया है नईदिल्ली के नेशनल मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए .
अधूरी इकाइयों के निर्माण को पूरा करने पर जोर देने के साथ सरकार ने आवास को बढ़ावा देने और घर खरीदारों की सुविधा के लिए नए उपायों की घोषणा की है.
आपको बता दें, बाहरी वाणिज्यिक उधार (External Commercial Borrowing ) के दिशानिर्देशों में बदलाव किए जाएंगे. इससे सरकारी कर्मचारियों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.
उपायों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने बताया, सरकार करीब 10000 रूपए का निवेश करेगी. वहीं इतनी ही धनराशि बाहरी निवेश से आएगी.
जो RBI के परामर्श से PMAY के तहत पात्र हैं उन घर खरीदारों के वित्तपोषण की सुविधा के लिए ईसीबी दिशानिर्देशों को बदला जाएगा. साथ ही हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस पर ब्याज दर कम की जाएगी और 10 वर्षीय G Sec Yields से जोड़ा जाएगा.
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सरकारी कर्मचारी घरों की मांग में अहम योगदान करते हैं. यह नए घरों को खरीदने के लिए और अधिक सरकारी कर्मचारियों को प्रोत्साहित करेगा. सरकार ने non-NCLT और non-NPA आवास परियोजनाओं के लिए फंड के इंतजाम किए हैं. यह परियोजनाएं मध्यम आय वर्ग के लिए हैं
इसका उद्देश्य अधूरी इकाइयों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है. एनआईआईएफ की तर्ज पर भारत सरकार फंड में योगदान कर सकती है जबकि बाकी का निवेश LIC, संस्थान और बैंकों से निजी पूंजी / संप्रभु निधियों / डीएफआई आदि करेंगे.