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निरंकुश तरीके से काम कर रही है केंद्र सरकार : सीपीआई सांसद - राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

सीपीआई के सांसद बिनॉय विश्वम ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार निरंकुश तरीके से काम कर रही है. विपक्षी दलों को सदन में कभी भी बोलने या कोई मुद्दा उठाने का मौका नहीं मिलता है. भाजपा सरकार ने सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है.

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सीपीआई सांसद
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Published : Sep 23, 2020, 3:35 PM IST

नई दिल्ली : राज्य सभा में सीपीआई के सांसद बिनॉय विश्वम ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार निरंकुश तरीके से काम कर रही है. सदन में विपक्ष नहीं है, लेकिन सरकार संसद की कार्यवाही चला रही है.

विपक्षी दलों को सदन में बोलने का मौका नहीं मिलता
विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में एक मार्च निकाला और सरकार के काम करने के तरीके का विरोध किया. विश्वम ने कहा कि विपक्षी दलों को सदन में कभी भी बोलने या कोई मुद्दा उठाने का मौका नहीं मिलता है. भाजपा सरकार ने सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है. सरकार ने कभी भी विपक्ष को बोलने नहीं दिया. संसद का एहसास तभी होता है जब विपक्ष वहां होता है.

उपसभापति सरकार के हाथ के उपकरण
विश्वम ने कहा कि हम उपसभापति की भूमिका की भी निंदा करते हैं. उपसभापति हमेशा अपनी नजरें उस तरफ रखते हैं, जहां सत्ताधारी पार्टी बैठती है. वह सरकार के हाथ के एक उपकरण हैं. कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. विपक्षी नेता अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलने वाले हैं. विश्वम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति विधेयक को खारिज कर देंगे.

एम वेंकैया नायडू को लिखा पत्र
दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों ने राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखकर विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में राज्य सभा में तीन श्रम संबंधी विधेयकों को पारित नहीं करने के लिए कहा है.

नई दिल्ली : राज्य सभा में सीपीआई के सांसद बिनॉय विश्वम ने बुधवार को आरोप लगाया कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार निरंकुश तरीके से काम कर रही है. सदन में विपक्ष नहीं है, लेकिन सरकार संसद की कार्यवाही चला रही है.

विपक्षी दलों को सदन में बोलने का मौका नहीं मिलता
विपक्षी नेताओं ने संसद परिसर में एक मार्च निकाला और सरकार के काम करने के तरीके का विरोध किया. विश्वम ने कहा कि विपक्षी दलों को सदन में कभी भी बोलने या कोई मुद्दा उठाने का मौका नहीं मिलता है. भाजपा सरकार ने सदन में लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन किया है. सरकार ने कभी भी विपक्ष को बोलने नहीं दिया. संसद का एहसास तभी होता है जब विपक्ष वहां होता है.

उपसभापति सरकार के हाथ के उपकरण
विश्वम ने कहा कि हम उपसभापति की भूमिका की भी निंदा करते हैं. उपसभापति हमेशा अपनी नजरें उस तरफ रखते हैं, जहां सत्ताधारी पार्टी बैठती है. वह सरकार के हाथ के एक उपकरण हैं. कृषि सुधार विधेयकों के विरोध में विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. विपक्षी नेता अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आज शाम 5 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी मिलने वाले हैं. विश्वम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि राष्ट्रपति विधेयक को खारिज कर देंगे.

एम वेंकैया नायडू को लिखा पत्र
दिलचस्प बात यह है कि विपक्षी दलों ने राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को एक पत्र लिखकर विपक्षी पार्टी के सांसदों की अनुपस्थिति में राज्य सभा में तीन श्रम संबंधी विधेयकों को पारित नहीं करने के लिए कहा है.

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