नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हिंसा के बाद से प्रदर्शन का दौर जारी है. जेनयू हिंसा और संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) के विरोध में मंडी हाउस पर जमा हुए और जंतर-मंतर तक मार्च निकाला गया. इस विरोध प्रदर्शन में जेएनयू के छात्र, शिक्षक और कुछ राजनितिक दल के नेता शामिल थे.
इस दौरान शिक्षकों और प्रदर्शनकारी छात्रों ने यूनिवर्सिटी के वॉइस चांसलर जगदीश कुमार को तुरंत हटाने की मांग की, साथ ही यूनिवर्सिटी में हुई हिंसा को लेकर पूरे मामले की जांच की भी मांग रखी.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल से इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल पूरी तरह से हाशिए पर चले गए हैं. वो अपनी राजनीति जिंदा रखने के लिए छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं और विश्वविद्यालय को राजनीति का अखाड़ा बना रहे हैं.
गोपाल कृष्ण ने कहा कि छात्रों को राजनीतिक दलों के दबाव में नहीं आना चाहिए क्योंकि राजनीतिक दल के नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए उनका इस्तेमाल कर रहे हैं.
अग्रवाल ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के इशारे पर विपक्ष के नेता छात्रों को बरगला रहे हैं और उन्हें गुमराह करने का काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट या किसी भी विषय पर छात्रों को अगर कोई दिक्कत है तो छात्र उनसे आकर बातचीत करें, वह बातचीत करने के लिए तैयार हैं.
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गोपाल कृष्ण ने कहा कि जेएनयू हिंसा के पीछे जो भी नकाबपोश लोग थे और जिन्होंने कैंपस में घुसकर घटना को अंजाम दिया, वे जल्द पकड़े जाएंगे. उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है और सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी.