नई दिल्ली : कंप्यूटिंग की दुनिया में क्वांटम कम्प्यूटिंग एक नया क्षेत्र है. अभी कुछ ही क्वांटम कंप्यूटर बने हैं लेकिन आम हालातों में उनके उपयोग को लेकर कई चुनौतियां हैं. इसके बावजूद क्वांटम कम्प्यूटिंग का उपोयग प्रयोग और शोधकार्यों में शुरू हो चुका है. हाल ही में ऐसे ही एक प्रयोग के तरह क्वांटम कम्प्यूटिंग का उपोयग रसायन विज्ञान के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर किया गया जिसमें गूगल के शोधकर्ताओं को सफलता मिली है.
क्वांटम एलगॉरिदम से रसायन पद्धति का सिम्यूलेशनगूगल की एआई क्वांटम टीम ने क्वाटंम एल्गॉरिदम के जरिए सीधे एक रसायन पद्धति को सिम्यूलेट कर दिया. इसके लिए उन्होंने एक खास नॉइज रोबोस्ट वेरिएशनल क्वांटम ईगनसॉल्वर (variational quantum eigensolver, VQE) का उपोयग किया. यह पूरी गणना एक वास्तविक रसायन तंत्र के हाट्रीफोक (Hartree-Fock) नाम की समीपता पर केंद्रित थी. Anti Solar Cells रात को भी ऊर्जा पैदा कर सकेंगी.
यह होगा फायदा
इस पूरी गणना की सबसे खास बात यह थी कि यह क्वांटम कंप्यूटर पर किए गए पिछली बड़ी गणना से दो गुना ज्यादा बड़ी थी और इसमें कम से कम 10 गुना ज्यादा क्वांटम गेट ऑपरेशन का उपयोग किया गया था.
क्या होती है हाट्रीफोक
समीपता गणानात्मक भैतिकी और रसायन शास्त्र में हाट्रीफोक (Hartree-Fock) समीपता की एक पद्धति है, जिससे वेव फंक्शन (Wave Funciton) और स्थिर अवस्था में क्वांटम मैनी बॉडी सिस्टम की ऊर्जा का निर्धारण होता है. इसे इलेक्ट्रॉन के स्तर पर गणना की एक पद्धति माना जा सकता है जो कि प्रयोगात्मक तौर पर नहीं की जा सकती और इनके लिए हाट्रीफोक पद्धति का उपयोग एक उपाय है.
क्या कहा गूगल प्रमुख ने
यह प्रयोग सिकामोर प्रोसेसर पर चला गया था, जिसे हाल ही में क्वाटंम वर्चस्वता के लिए उपयोग में लाया गया था. गूगल के प्रमुख कार्यकारी सुंदर पिचाई ने अपने ट्वीट में कहा खुशी हो रही है कि गूगल की टीम ने क्वांटम केमिस्ट्री में नई सफलता हासिल की है जो केमिस्ट्री में अब तक की सबसे बड़ी क्वांटम गणना है और पहली बार रासायनिक प्रतिक्रिया के दिशा में मॉडल के लिए क्वांटम कम्प्यूटर का उपयोग किया गया है.
क्या है क्वांटम कंप्यूटिंग
गूगल ने एक क्वांटम कंप्यूटिंग चिप विकसित की है. उनका दावा है कि यह स्पीड के मामले में दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर को आसानी से पछाड़ देगी. इसे क्वांटम सुप्रीमेसी नाम दिया है. गूगल ने कहा दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर जिस काम को करने में 10 हजार साल लेता है, उसे करने में ये नई चिप महज 200 सेकंड लेगी.
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