हैदराबाद : पिछले साल कोरोना की दहशत के बाद स्थितियां अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहीं हैं. लोग पर्यटन के लिए बाहर निकलने लगे हैं. बात पर्यटन की हो, तो जाहिर है केरल का नाम आना बहुत ही स्वाभाविक है. यहां मन्नार में भीड़ जुटने लगी. दिसंबर महीने में यहां का तापमान शून्य डिग्री से भी नीचे चला गया. पर्यटक इसका लुत्फ उठाने आ रहे हैं. घूमने के लिए आने वाली जोड़ियां सेल्फी ले रही हैं. वैसे विदेशी पर्यटक अभी नहीं आ रहे हैं, क्योंकि विदेश से उड़ान संचालन पूरी तरह से चालू नहीं हुए हैं.
ऐसे में स्थानीय लोग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द स्थिति सामान्य हो जाएगी. खासकर तब, जबकि देशभर में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है.
केरल पर्यटन के निदेशक पी बालकिरण कहते हैं कि हमने एक नया पर्यटन अभियान शुरू किया है. इसे चेंज ऑफ एयर कहा जाता है. इसके बारे में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, एफएम, डिजिटल और सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर प्रसारित और प्रचारित किया जाता है. इसको लेकर पर्यटकों के बीच काफी उत्सुकता है. वे जानना चाहते हैं कि ये सब क्या है. लंबे समय तक घरों में बंद रहने के बाद लोग बाहर निकलना चाहते हैं. इसे 'रीवेंज टूरिज्म' कहा जा रहा है, यानी लोग नए जगह पर घूमना चाहते हैं.
देखिए, जब भी किसी देशवासी के मन में घूमने की बात आती है, तो केरल पसंदीदा स्थानों में से एक होता है और देश के दूसरे हिस्सों की भांति केरल में भी स्थितियां बेहतर हो रहीं हैं. जाहिर है, लोग रिवेंज टूरिज्म के लिए आएंगे ही.
हालांकि, पर्यटन विभाग अभी तक राज्य भर में आगंतुकों की संख्या को सूचीबद्ध नहीं कर पाया है. पिछले साल एक नवंबर तक सभी प्रमुख पर्यटन केंद्रों के खुलने के बाद घरेलू पर्यटकों के आगमन में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है.
उदाहरण के लिए इडुक्की का इराविकुलम राष्ट्रीय उद्यान. यह उद्यान पहाड़ी बकरी के लिए प्रसिद्ध है. खड़ी चट्टानी पहाड़ों का नजारा मनमोहक है. यहां पर आगंतुकों की संख्या में लगातार वृद्धि दिखाई दे रही है. पिछले साल अक्टूबर में पार्क फिर से खुला, तो एक महीने में 6104 आगंतुक पार्क पहुंचे. नवंबर में यह संख्या बढ़कर 21766 हो गई. दिसंबर में दोगुनी होकर 43,509 हो गई. जिला पर्यटन संवर्धन परिषद के अंतर्गत आने वाले इडुक्की के नौ पर्यटन केंद्रों को अक्टूबर में खोलने के बाद 1,41,396 आगंतुक दर्ज किए गए.
टूर ऑपरेटरों और आतिथ्य उद्योग राज्य के ऐसे केंद्रों में पर्यटन केंद्रों के आगमन के समान विकास की ओर इशारा करते हैं. अब भारत के सभी हिस्सों से यात्रियों ने केरल में आना शुरू कर दिया है. पड़ोसी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु से भी अच्छी संख्या में आगंतुक आ रहे हैं.
दो दिसंबर के बाद, उत्तर भारत से अधिक लोग केरल आ रहे हैं और हाउस बोट क्रूज का आनंद ले रहे हैं. इससे इस सेक्टर को काफी उम्मीद है.
हाउस बोट ओनर्स सोसायटी के पदाधिकारी हनी गोपाल कैलासम कहते हैं कि हाउस बोट क्रूज के लिए आने वाले मेहमानों का सारा विवरण हम एकत्र करते हैं और पर्यटन विभाग को सौंप देते हैं. वे इसे स्वास्थ्य विभाग को सौंप देते हैं. हम अपने हाउसबोट का संचालन करते समय और अपने मेहमानों का मनोरंजन करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखते हैं. 60 साल से ऊपर के बुजुर्ग और 10 साल से कम उम्र के बच्चों का आना वर्जित है. घरेलू पर्यटकों का मानना है कि एक बार ये प्रतिबंध हटा दिए जाने के बाद केरल घूमने आने वाले अधिक लोग होंगे.
केरल सरकार और पर्यटन विभाग के प्रयासों ने भी इस क्षेत्र पर निर्भर रहने वाले बड़े कर्मचारियों की मदद की है. पर्यटन मंत्री ने 4500 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की. टूर गाइडों की मदद की. केरल सरकार ने 14 जिलों में 26 पर्यटन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए घरेलू पर्यटकों के आगमन को प्रोत्साहित करने के लिए कदम आगे बढ़ाया है. 59.51 करोड़ की मदद दी है.
एक अनुमान के मुताबिक कोविड के बाद केरल ने पर्यटन के क्षेत्र में 35000 करोड़ का नुकसान उठाया है. 2019 में, केरल में 11, 89,771 विदेशी पर्यटकों और 1, 83,84,233 घरेलू पर्यटकों ने कदम रखा था. केरल का पर्यटन उद्योग राज्य के राजस्व में लगभग 40 प्रतिशत योगदान देता है.