नई दिल्ली : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि राजग सरकार अपराध को जाति, पंथ या क्षेत्र के चश्मे से देखने में विश्वास नहीं करती है, क्योंकि कोई भी अपराध मानवता और शांति के खिलाफ है.
रेड्डी ने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी तथा सभी पीड़ितों के लिए त्वरित और निर्णायक न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर उपाय करेगी.
उनकी यह टिप्पणी उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित समुदाय की एक महिला के साथ कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत के कुछ दिनों बाद आई है. हाथरस की घटना को लेकर देशभर में आक्रोश जताया गया था.
केंद्र सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ अपराधों से निपटने के संबंध में हाल ही में राज्यों को एक परामर्श जारी किया. केंद्र ने कहा है कि बलात्कार के मामलों की जांच दो महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए.
रेड्डी ने कहा, सरकार अपराध को जाति, पंथ, धर्म या क्षेत्र के चश्मे से देखने में विश्वास नहीं करती है, क्योंकि अपराध मानवता और शांति के खिलाफ है तथा सरकार महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराधों को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी तथा सभी पीड़ितों के लिए त्वरित व निर्णायक न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय करेगी.
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उन्होंने 21वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस ऑफ डायरेक्टर्स, फिंगरप्रिंट ब्यूरो-2020 का डिजिटल उद्घाटन करते हुए यह टिप्पणी की.
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रेड्डी ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा स्थापित ई-साबइर लैब का का भी उद्घाटन किया.
रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपराध और आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करने में विश्वास करती है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सरकार का उद्देश्य अपराध मुक्त भारत बनाना है.
उन्होंने कहा कि हालांकि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है, लेकिन अपराध पर नजर रखने, पुलिस बलों के आधुनिकीकरण और क्षमता निर्माण तथा पुलिस व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकारों को सहायता प्रदान करने में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका है.
रेड्डी ने कहा कि शाह ने पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के महत्व पर बल दिया है और वित्त वर्ष 2019-20 में भारत सरकार ने देशभर में विभिन्न पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए 780 करोड़ रुपये जारी किए हैं.
उन्होंने उंगलियों के निशान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि फिंगरप्रिंट एक विशिष्ट औजार है.
ई-साइबर लैब का उद्घाटन करते हुए रेड्डी ने कहा कि अक्टूबर का महीना 'राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह' के रूप में मनाया जाता है तथा ई-साइबर लैब से साइबर अपराधों की जांच में आभासी अनुभव प्राप्त होगा.