नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को फैसला किया कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर वहां और जिला अदालतों में 31 अगस्त तक सिर्फ अत्यावश्यक मामलों की ही सुनवाई होगी.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की प्रशासनिक और सामान्य पर्यवेक्षण समिति ने यह भी निर्देश दिया कि सार्वजनिक परिवहन की पूर्ण उपलब्धता और दिल्ली में स्थिति के स्थिर बने रहने पर अदालतों को एक सितंबर से क्रमिक तौर पर भौतिक रूप से खोलने के लिये योजना बनाई जाएगी.
महा पंजीयक मनोज जैन द्वारा जारी एक आदेश के मुताबिक, 'प्रायोगिक आधार पर क्रमवार तरीके से करीब एक चौथाई अदालतों को भौतिक रूप से शुरू किया जा सकता है और शेष अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई करती रहेंगी.'
इसमें कहा गया, 'अधोहस्ताक्षरित (महा पंजीयक) द्वारा इस तर्ज पर एक व्यापक योजना तैयार की जाएगी और चरणबद्ध तरीके से कार्ययोजना तैयार करने के लिये समिति के समक्ष पेश किया जाएगा.'
इससे पहले उच्च न्यायालय ने 14 अगस्त तक अपना कामकाज सीमित रखने का आदेश दिया था.
शनिवार को जारी कार्यालयी आदेश में रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार की अदालतों को यह भी निर्देशित किया गया है कि भौतिक रूप से अदालती कार्यवाही शुरू होने तक वे गैर जरूरी या नियमित मामलों में कोई विपरीत आदेश पारित न करें खास कर उस स्थिति में जब जहां संबंधित अधिवक्ता या याचिकाकर्ता वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये कार्यवाही में शामिल होने में सक्षम न हों.
आदेश में यह भी कहा गया कि रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार के समक्ष लंबित मामलों को छोड़कर 17 अगस्त से 31 अगस्त के बीच उच्च न्यायालय में सूचीबद्ध सभी मामलों को क्रमश: नौ अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक के बीच की तारीखों के लिये स्थगित किया जाता है.
इसमें कहा गया कि रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार की अदालते अपने समक्ष सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये करती रहेंगी.