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कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर फिर लगे प्रतिबंध

कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर पर सीआरपीसी की धारा 144 के तहत फिर से प्रतिबंध लगा दिए गए हैं. लोगों से बाहर ना जाने को कहा गया है और अवरोधक भी लगा दिए गए हैं.

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Published : Aug 30, 2019, 2:49 PM IST

Updated : Sep 28, 2019, 8:53 PM IST

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं. लोगों से बाहर ना जाने को कहा गया है और अवरोधक भी लगा दिए गए हैं.

कश्मीर घाटी में बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने के चलते जनजीवन आज लगातार 26वें दिन भी प्रभावित रहा.

घाटी के कई हिस्सों में टेलीफोन सेवाएं हालांकि बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं.

पढ़ें: आज श्रीनगर जाएंगे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, स्थिति का लेंगे जायजा

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था जिसके बाद ये सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.

अधिकतर शीर्ष स्तर के और दूसरे दर्जे के राजनेताओं को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई मुख्यधारा के राजनेताओं को हिरासत में लिया गया है या वे नजरबंद हैं.

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं. लोगों से बाहर ना जाने को कहा गया है और अवरोधक भी लगा दिए गए हैं.

कश्मीर घाटी में बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने के चलते जनजीवन आज लगातार 26वें दिन भी प्रभावित रहा.

घाटी के कई हिस्सों में टेलीफोन सेवाएं हालांकि बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं.

पढ़ें: आज श्रीनगर जाएंगे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, स्थिति का लेंगे जायजा

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था जिसके बाद ये सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं.

अधिकतर शीर्ष स्तर के और दूसरे दर्जे के राजनेताओं को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई मुख्यधारा के राजनेताओं को हिरासत में लिया गया है या वे नजरबंद हैं.

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पीटीआई-भाषा संवाददाता 11:24 HRS IST




             
  • कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर फिर लगे प्रतिबंध



श्रीनगर, 30 अगस्त (भाषा) कश्मीर घाटी में जुमे की नमाज के मद्देनजर एहतियाती तौर पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए गए हैं।



सीआरपीसी की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगाए गए हैं। लोगों से बाहर ना जाने को कहा गया है और अवरोधक भी लगा दिए गए हैं।



कश्मीर घाटी में बाजार बंद रहने और सार्वजनिक वाहनों के सड़कों से नदारद रहने के चलते जनजीवन आज लगातार 26वें दिन भी प्रभावित रहा।



घाटी के कई हिस्सों में टेलीफोन सेवाएं हालांकि बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं पांच अगस्त से ही निलंबित हैं।



केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था जिसके बाद ये सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं।



अधिकतर शीर्ष स्तर के और दूसरे दर्जे के राजनेताओं को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिया गया है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई मुख्यधारा के राजनेताओं को हिरासत में लिया गया है या वे नजरबंद हैं।


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Last Updated : Sep 28, 2019, 8:53 PM IST
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