कोलकात्ता: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मंगलवार को सीएम ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई कैबिनेट बैठक में चार चेहरे गायब थे, जिसके बाद पार्टी में खलबली मचना स्वाभाविक था. वो भी ऐसे समय में जब 2021 में राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी सहित लगभग 10 एमएलए के ममता बनर्जी से नाता तोड़ने के बाद अब ममता बनर्जी के चार मंत्री कैबिनेट बैठक में नदारद रहे. इसे लेकर अटकलें तेज हो गई हैं.
प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल नेताओं की तरफ से पाले बदलने की संभावना को लेकर सरर्गमी तेज हो गयी है. वहीं, पार्टी महासचिव पार्थ चटर्जी का कहना है कि चार में से तीन मंत्रियों की अनुपस्थिति भी इस ओर इशारा कर रही है.
ममता बनर्जी की बैठक से अनुपस्थित रहने वाले मंत्रियों में राजीव बनर्जी, गौतम देब, रबिंद्रनाथ घोष, चंद्रनाथ सिन्हा का नाम शामिल है, लेकिन वन मंत्री राजीब बनर्जी का बैठक से अनुपस्थिति रहने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं. ऐसी बीते सामने आ रही हैं कि पार्टी में 'पक्षपात' का आरोप लगाते हुये उनके टीएमसी छोड़ने की अटकलें हैं.
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इन दिनों राजीव बनर्जी के बदलते सुरों ने टीम में बेचैनी पैदा कर दी है. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस का नेतृत्व उनके गुस्से को कम करने के लिए काम कर रहा है. तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पर्थ चटर्जी और राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर ने 13 और 21 दिसंबर को दो बार राजीव बनर्जी को बुलाया और उनसे उनके नकटला घर में मुलाकात की.
सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों हुई बैठक में वे मान गये, लेकिन बावजूद इसके राजीव बनर्जी ममता कैबिनेट की बैठक से अनुपस्थित रहे, जिसके बाद फिर से अटकलें शुरू हो गईं.
वहीं, मत्स्य मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा की अनुपस्थिति ने विवाद खड़ा कर दिया है. अचानक यह सवाल उठने लगा कि वह क्यों नहीं आये.